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धरती आबा जनभागीदारी अभियान अंतिम व्यक्ति तक सेवा और सशक्तिकरण का सार्थक प्रयास

   बेमेतरा/शौर्यपथ /बेमेतरा जिले में 15 जून से 30 जून 2025 तक धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत राष्ट्रव्यापी जागरूकता सह लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से आदिवासी बहुल क्षेत्रों में शासकीय योजनाओं की पूर्ण संतृप्ति एवं जनजागरूकता के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक शासन की सभी व्यक्तिगत हकों  का लाभ बिना किसी बाधा के पहुंचाया जा सके।
  बेमेतरा जिले में चार प्रमुख आदिवासी बहुल गांव—ग्राम झालम (जनपद बेमेतरा), बुड़ेरा और कोरवाय (जनपद साजा) तथा बोईकछार (जनपद नवागढ़) को इस अभियान के तहत चिन्हित किया गया है। यहां पर ग्राम पंचायत या शासकीय भवनों में दो दिवसीय शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
   ग्राम झालम में 16 एवं 17 जून को शिविर संपन्न हुआ, जिसमें जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत समग्र जनहित सेवाएं एक ही स्थान पर मुहैया कराई गईं। शिविर में 27 आयुष्मान भारत कार्ड बनाए गए जिससे ग्रामीणों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा का मार्ग प्रशस्त हुआ। साथ ही, 65 आधार कार्ड (नवीन व अद्यतन) तैयार किए गए। इसके अलावा 12 राशन कार्ड आवेदन, 18 श्रम कार्ड आवेदन, 5 जाति प्रमाण पत्र, तथा 6 निवास प्रमाण पत्र के लिए भी आवेदन प्राप्त हुए।
  शिविर में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री अभिषेक जायसवाल की निगरानी में विभागीय अधिकारियों ने स्थल पर दस्तावेज सत्यापन कर त्वरित सेवाएं दीं। जनजागरूकता रैली ने भी ग्रामीणों में योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया
  आगामी शिविर ग्राम बुड़ेरा (19-20 जून), बोईकछार (23-24 जून), एवं कोरवाय (26-27 जून) में आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में लाभार्थियों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, सिकल सेल स्क्रीनिंग, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, उज्जवला योजना, पेंशन योजनाएं, महिला बाल विकास की योजनाएं, जैसे सुकन्या समृद्धि योजना, बाड़ी विकास, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, व्यक्तिगत शौचालय, विद्युत कनेक्शन, कौशल विकास और मुद्रा लोन जैसी बहुआयामी सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
   कलेक्टर  रणबीर  शर्मा ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से शासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि योजनाओं की पहुंच केवल कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि वे प्रभावी रूप से जरूरतमंदों तक पहुंचें। धरती आबा जनभागीदारी अभियान न केवल प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है बल्कि यह आदिवासी अंचलों में सशक्तिकरण, सहभागिता और समावेशी विकास की दिशा में उठाया गया एक ठोस और दूरदर्शी कदम भी है।
   यह अभियान “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” की भावना को साकार करने की दिशा में बेमिसाल पहल बनकर उभर रहा है।

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शौर्यपथ

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