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निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना से जन्म से दृष्टिबाधित देवकुमार बने आत्मनिर्भर, सफलता पूर्वक संभाल रहे हैं गृहस्थ की जिम्मेदारी

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जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना निःशक्तजनों के लिये सामाजिक पुनर्वास के क्षेत्र में अनुठी योजना है। योजना से निःशक्तजनों का एक ओर जहां सामाजिक पुनर्वसन होता है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक पुनर्वसन की ओर निःशक्तजन अग्रसर होते हैं।
उपसंचालक समाज कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी जिला जांजगीर चाम्पा में अभी तक 308 दम्पत्तियों को राशि 91 लाख 72 हजार रूपये प्रदान की गई है। साथ ही स्वरोजगार के लिये प्रेरित किया गया है। विकासखड बलौदा के ग्राम उच्चभिट्ठी के दिव्यांग देवकुमार जन्म से ही दृष्टिबाधित हैं। इन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय बिलासपुर और रायपुर से प्राप्त की है। स्नातक एवं स्नातकोत्तर की शिक्षा गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से प्राप्त की। शिक्षा उपरान्त विवाह की। निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना प्राप्त राशि से किराना दुकान व्यवसाय प्रारंभ किया। उन्हें किराना व्यवसाय में सफलता मिली है। व्यवसाय से प्राप्त आय से अपने पूरे परिवार का भरण पोषण बेहतर ढंग से कर रहे हैं। देव कुमार ने सरकार द्वारा संचालित निःशक्त जन विवाह प्रोत्साहन योजना को दिव्यांगों के आत्मनिर्भर बनने के लिए बहुत उपयोगी बताया वे अपने दिव्यांग साथियों को योजना का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बनने के प्रेरित कर रहें है।
उपसंचालक समाज कल्याण टीपी भावे ने बताया कि योजना अंतर्गत 40 प्रतिशत व 40 प्रतिशत से अधिक निःशक्तता से ग्रसित निःशक्तजनों को इस योजना का लाभ मिलता है। हितग्राही दिव्यांग आयकर दाता की श्रेणी में न हो। दम्पत्ति के एक निःशक्त होने पर 50 हजार और दोनो के निःशक्त होने पर एक लाख रूपये की विवाह प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है।

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शौर्यपथ

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