बिलासपुर / शौर्यपथ /
यूं तो स्मार्ट सिटी में गुमास्ता का लाइसेंस लेकर चाट की दुकान से लेकर सुरक्षा एजेंसी तक चलाई जा सकती है किंतु अति तब होती है जब लाखों रुपए टर्न ओवर वाली दुकानें नाला किनारे अपनी खाद्य सामग्री बनाकर नागरिकों का स्वास्थ्य खराब करती हैं और दुकानदार यह दम भरते हैं की कार्यवाही की चिंता नहीं क्योंकि हम तो मीडिया से लेकर सरकारी दफ्तर, पुलिस, प्रशासन, नेता सबको जेब में रखते हैं। भैया आपको नहीं पता फला अखबार में व्यक्तित्व निर्माण मेरा ही छपा था तो दूसरा कहता है अरे आपको नहीं पता परशुराम के जुलूस में मैं फसा लेकर निकला था अपन सब को सेट कर के चलते हैं। ऊपर से नीचे तक किससे बात कराओ बोलो यह कहानी बिलासपुर की ही है सैकड़ों दुकानों के बीच में से इक्का-दुक्का दुकानों पर कार्यवाही होती है वह भी दिखावे की विभाग ने जब छापा मारा तब किसी को बताया नहीं जाता आखिर नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रश्न पर व्यापारी की प्रतिष्ठा का प्रश्न भारी पड़ जाता है। कब सैंपल लिया , कब जमा किया, स्वीकृत हुआ या और स्वीकृत हुआ कितना जुर्माना लगा इन सब का प्रेस नोट कभी नहीं निकाला जाता हाल ही में अग्रसेन चौक स्थित एक नाश्ता दुकान पर विभाग की कार्यवाही हुई थी। आज भी इस दुकान में जिस स्तर हीन मिठाई का बिक्री किया जा रहा है वह देखने से ही पता चल जाता है रसमलाई तार छोड़ती दिखाई देती है उसके बावजूद खूब ठंडी होने के कारण ग्राहक मजे से खा रहा है और दुकानदार महंगाई को कोसते हुए हमेशा यही कहता है भैया सस्ते में बेच रहा हूं भले खाकर आपकी तबीयत खराब हो जाए होटल में काउंटर बना है उतनी ही जगह में ग्राहक के बैठने की जगह है किचन नाले पर रख दिया गया है फ्रेश एयर फैन की कोई व्यवस्था नहीं है, धुए को एग्जास्ट से निकालने की कोई व्यवस्था करनी ही नहीं है क्योंकि हमने तो किचन हीं बाहर निकाल दिया है अग्नि दुर्घटना करने कि हमने मन में ठान ली है तभी तो ट्रांसफार्मर के नीचे हम लाल गैस की टंकी रखकर जनता जनार्दन को ?50 का डोसा खूब भेजते हैं। टेक अवे के नाम पर हमने खूब कमाई की है तभी तो संबंधित थाने से लेकर प्रशासनिक दफ्तर और घरों में हमारी सीधी पकड़ है हम हैं बिलासपुर स्मार्ट सिटी के स्मार्ट होटल व्यवसाई।