नई दिल्ली / शौर्यपथ / कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता को प्रदर्शित करने के लिए बुलाई गई ब्रेकफास्ट मीटिंग के एक दिन बाद पंजाब के दो सांसद-कांग्रेस के रवनीति सिंह बिट्टू और शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल बुधवार सुबह संसद के बाहर बहस करते नजर आए. संसद के मानसून सत्र के दौरान 'विवादित' कृषि कानून के मसले पर दोनों के बीच यह नोकझोंक हुई. संसद भवन में गेट नंबर 4 पर इस बहस के दौरान हरसिमरत और रवनीत सिंह बिट्टू ने एक-दूसरे पर किसानों के मुद्दे पर गंभीर नहीं के आरोप लगाए. गौरतलब है कि गेट नंबर 4 पर अकाली दल और बसपा के सांसद किसान बिल के विरोध में प्रदर्शन करते हैं.
बिट्टू ने हरसिमरत कौर बादल पर निशाना साधते हुए पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, 'जब केंद्रीय कैबिनेट ने बिल पास किया था तब वह मंत्री थीं. आपने बाद में इस्तीफा दिया. वे (अकाली दल) ड्रामा करने में शामिल हैं.' गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में प्रदर्शन के बाद हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. बिट्टू की बात पर हरसिमरत ने जवाब दिया, 'कृपया उनसे पूछिए..जब यह सब हो रहा था तब राहुल गांधी कहां थे. इस पार्टी (कांग्रेस) ने वाकआउट कर बिल को पास होने में मदद की. उन्हें झूठ बोलना बंद करना होगा.'
दोनों नेताओं के बीच की यह बहस कैमरे में कैद हुई है. कृषि कानून के विरोध में अकाली दल संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहा है. जब कांग्रेस सांसद से रिपोर्टर ने पूछा कि सरकार के खिलाफ विपक्ष एकजुट नहीं दिख रहा तो उन्होंने कहा, 'कैसी एकता. उन्होंने (अकाली दल ने) बिलों को पारित करवा दिया. पांच दिन हो गए हैं...कृपया उनसे पूछिए कि पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल कहां हैं?' दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल संसद परिसर में कृषि कानूनों का विरोध करते हुए तख्ती लेकर खड़ी थीं. उसी दौरान वहां से गुजर रहे बिट्टू उनके पास पहुंच गए. दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दोनों नेताओं के बीच हुई इस नोकझोंक का वीडियो शेयर किया.वीडियो में बिट्टू अकाली दल की नेता पर केंद्रीय मंत्री रहते हुए तीनों कृषि कानून पारित कराने का आरोप लगाते दिख रहे हैं, जबकि हरसिमरत इसका प्रतिवाद करती नजर आ रही हैं.हरसिमरत ने ‘काले कानून रद्द करो' के नारे भी लगाए. लोकसभा में बसपा के नेता रितेश पांडेय और कुछ अन्य सांसद भी कृषि कानूनों के विरोध में हरसिमरत के साथ खड़े थे.गौरतलब कि कृषि कानून को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलनरत हैं. वे तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, केंद्र सरकार, कृषि कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार है लेकिन वह इन्हें रद्द करने की किसानों की मांग मानने को तैयार नहीं है. कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर संसद के मॉनसून सत्र में विपक्षी सांसद प्रदर्शन कर रहे हैं. पेगासस जासूसी और कृषि कानूनों को लेकर संसद की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है.