नई दिल्ली /शौर्यपथ / शनिवार का दिन भारत के खेल इतिहास के लिए स्वर्णिम दिन रहा इस दिन भारत के खिलाडी नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया . ओलम्पिक की शुरुवात १२५ साल पहले हुई थी और in १२५ सालो में भारत के किसी भी एथलीट ने आज तक इस मुकाम तक पहुँचाने में सफलता प्राप्त नहीं की . भारत के इस गोल्ड के साथ नीरज चोपड़ा का नाम खेल की दुनिया में स्वर्णिम अक्षरों से अंकित हो गया . भारत को जापान में जारी ओलंपिक महाकुंभ में शनिवार को भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। नीरज चोपड़ा की जीत पर देश खुशियों से झूम उठा है। नीरज चोपड़ा की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर लिखा है,"टोक्यो में इतिहास रचा गया है! आज जो हासिल किया है उसे हमेशा याद किया जाएगा। युवा नीरज ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने उल्लेखनीय जुनून के साथ खेला और अद्वितीय धैर्य दिखाया। गोल्ड जीतने के लिए उन्हें बधाई।"
नीरज टॉप पर रहते हुए पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर का थ्रो फेंका था और 83.65 के क्वालीफिकेशन लेवल को आसानी से पार कर लिया था। नीरज इससे पहले एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके हैं और यहीं वजह है कि पूरे देश की निगाहें उनके ऊपर टिकी हुईं थी। टोक्यो ओलंपिक में यह भारत का पहला गोल्ड मेडल है और अब पदकों की कुल संख्या 7 हो गई है, जिसमें एक गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल है। रेसलिंग में बजरंग पूनिया ने कजाखस्तान के दौलेत नियाजबेकोव को एकतरफा मुकाबले में हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।
नीरज भारत की तरफ से ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले महज दूसरे ही खिलाड़ी हैं। उनसे पहले साल 2008 में अभिनव ब्रिंदा ने निशानेबाजी में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था। एथलेटिक्स में यह ओलंपिक खेलों में भारत का पहला गोल्ड मेडल है और इसके साथ ही 23 साल के नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है। नीरज ने अपने पहले दो थ्रो में ही गोल्ड मेडल पक्का कर लिया था। बाकी एथलीटों ने काफी प्रयास किया, लेकिन वह नीरज के 87.58 मीटर के थ्रो को पार नहीं कर सके। भारतीय एथलीटिक्स के इतिहास में नीरज ने बड़ा कारनामा कर नए युग की शुरुआत कर दी है।