नई दिल्ली /शौर्यपथ /सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने विभिन्न बैंकिंग घोटालों में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारियों की भूमिका की जांच करने को कहा था। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस बी वी नागरत्ना की पीठ ने इसे लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो और भारतीय रिजर्व बैंक को नोटिस जारी किया और स्वामी की याचिका पर उनसे जवाब मांगा।
पीठ ने कहा कि हम इस मामले पर विचार करेंगे। इसे लेकर नोटिस जारी की जाए। स्वामी ने आरोप लगाया है कि किंगफिशर, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यस बैंक जैसी विभिन्न संस्थाओं से जुड़े घोटालों में आरबीआई अधिकारियों के शामिल होने की जांच नहीं की गई। यह भी आरोप लगाया गया है कि आरबीआई के अधिकारियों ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, बैंकिंग विनियमन अधिनियम और भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम सहित विभिन्न कानूनों के प्रत्यक्ष उल्लंघन में सक्रिय रूप से मिलीभगत की।
बैंक धोखाधड़ी के कई मामले आए सामने
सीनियर वकील एमआर वेंकटेश और वकील सत्यपाल सभरवाल के माध्यम से पिछले साल इस मामले में जनहित याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि पिछले कुछ वर्षों में बैंक धोखाधड़ी के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन आरबीआई के अधिकारी इन घोटालों का पता लगाने में विफल रहे हैं। इसे लेकर किसी भी अधिकारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है।
75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स का उद्घाटन
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जम्मू-कश्मीर की 2 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू) समेत कुल 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये इकाइयां वित्तीय समावेश का विस्तार करेंगी और नागरिकों के बैंकिग अनुभवों को बेहतर बनाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने वंचितों की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत बैंकों को गरीबों के घरों तक पहुंचाने की पहल की है।