नई दिल्ली/शौर्यपथ /कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को महिला आरक्षण बिल को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है. राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला आरक्षण बिल में दो खामियां गिनाईं और कहा कि महिला आरक्षण बिल अभी लागू किया जा सकता है, लेकिन सरकार ऐसा नहीं चाहती है. उन्होंने कहा कि बिल में दो चीजें संबंधित पाई गईं, जिनमें एक की महिला आरक्षण से पहले जनगणना और दूसरा परिसीमन करना होगा और इन दोनों को करने के लिए कई साल लगेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा को जनगणना और परिसीमन को हटाकर महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा, "राहुल गांधी ने कहा कि सदन में महिला आरक्षण बिल लाया गया. बिल में दो चीजें संबंधित पाई गईं, जिनमें एक महिला आरक्षण से पहले जनगणना होगी और दूसरा परिसीमन करना होगा और इन दोनों को करने के लिए कई साल लगेंगे. महिला आरक्षण आज किया जा सकता है, लेकिन सरकार यह करना नहीं चाहती है. सच्चाई यह है कि यह आज से 10 साल के बाद लागू होगा. डाइवर्जन ओबीसी सेंसस से हो रहा है, मैंने संसद में सिर्फ एक संगठन की बात की, जो हिंदुस्तान की सरकार को चलाता है कैबिनेट सचिव और बाकी के सभी सचिव, इसे लेकर मैंने एक सवाल किया था. अगर प्रधानमंत्री इतना काम कर रहे हैं तो 90 लोगों में से सिर्फ 3 लोग ओबीसी समुदाय से क्यों हैं. ओबीसी अफसर हिंदुस्तान के 5% बजट को कंट्रोल करते हैं. प्रधानंमत्री हर रोज ओबीसी की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने ओबीसी के लिए किया क्या?"
राहुल गांधी ने कहा, "क्या हिंदुस्तान में ओबीसी की आबादी 5 प्रतिशत है? अगर नहीं हैं तो ओबीसी हिंदुस्तान में कितने हैं और है उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए. भाजपा को जनगणना और परिसीमन को हटाकर महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए. जनगणना का लेकर हमने जो डाटा निकाला था उसे सार्वजनिक कर दें, जिससे सभी को पता चल जाए कि ओबीसी कितने हैं और नई जनगणना जाति के आधार पर करें."
बता दें कि राहुल गांधी ने संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर चर्चा के दौरान ओबीसी को भी इस बिल में शामिल करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि ओबीसी आरक्षण के बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा है. साथ ही कहा था कि मेरे विचार से यह विधेयक आज ही लागू किया जा सकता है, लेकिन इसे आगे बढ़ने के मकसद से तैयार नहीं किया गया है.