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सफलता की कहानी जैविक खाद तैयार कर ’बिहान’ योजना की महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर

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धमतरी /शौर्यपथ
बिहान योजना जहां महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में सहायक सिद्ध हो रहा, वहीं उनकी आय का जरिया बन आत्म विश्वास बढ़ाने में भी कारगार हो रहा है। जिले में 8372 समूह में 92 हजार 878 महिलाएं जुड़ ना केवल कपड़ा सिलाई, सब्जी उत्पादन, रेडी-टू-ईट बना रहीं, बल्कि जैविक खाद का निर्माण कर स्थानीय स्तर पर ही बेच रही हैं।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लाॅकडाउन अवधि के दौरान भी यह महिलाओं का समूह जैविक खाद तैयार कर बेच रहा है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती नम्रता गांधी बताती हैं कि नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के जरिए कृषि क्षेत्र में 71 बिहान समूह की महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिले हैं। गांव में जहां गौठान बनाए गए हैं, वहां चारागाह भी विकसित किए गए हैं। गौठान में बने नाडेप टांके से महिलाओं द्वारा जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है। गौरतलब है कि अब तक समूहों द्वारा 73 मीट्रिक टन जैविक खाद तैयार कर 43 मीट्रिक टन खाद 10 रूपए 23 पैसे प्रति किलो की दर पर किसानों के अलावा उद्यानिकी और वन विभाग को बेचा जा रहा है। अब तक समूहों को कुल चार लाख 48 हजार 820 रूपए की आमदनी हुई है। इसी तरह धमतरी जनपद पंचायत के ग्राम मुजगहन की जय मां विंध्यवासिनी महिला स्व सहायता समूह की सदस्यों द्वारा 35 क्विंटल जैविक खाद तैयार कर अब तक 30 क्विंटल बेचा गया है। इससे उन्हें दो लाख 40 हजार रूपए की आमदनी हुई है। मनरेगा के तहत जाॅबकार्डधारी इन महिलाओं को लाॅकडाउन की अवधि में जैविक खाद बेच परिवार का भरण-पोषण के लिए आय तो मिला, साथ ही कृषि कार्य के लिए जैविक खाद मिलना किसानों के लिए भी काफी सहयोगी रही।

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Last modified on Sunday, 10 May 2020 10:09
राज शेखर नायर

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