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आठ घंटे की अच्छी नींद के लिए इन 5 बातों का रखें ध्यान

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टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /अच्छी नींद स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन की निशानी है। व्यक्ति  सोने की इच्छा तो रखता है लेकिन अच्छी नींद के लिए जरूरी 5 चीजों की अक्सर अनदेखी करने लगता है। जिसकी वजह से चाहते हुए भी उसे अच्छी नींद नहीं मिलती। अमेरिका के बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के न्यूरोसाइंस विभाग के प्रोफेसर मैथ्यू वॉल्कर उन पांच बातों के बारे में बता रहे हैं, जिनका पालन करने से व्यक्ति अच्छी नींद लेकर अपना जीवन बेहतर बना सकता है।
कौन हैं प्रोफेसर वॉल्कर-
मैथ्यू वॉल्कर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में न्यूरोसाइंस और मनोरोग विभाग के प्रोफेसर हैं। वे सेंटर फॉर ह्यूमन स्लीप साइंस के संस्थापक और निदेशक भी हैं। नींद और दिमाग के परस्पर संबंध के अच्छे जानकार हैं। समय-समय पर अलग-अलग माध्यमों के जरिए वे लोगों को अच्छी नींद और स्वस्थ शरीर के मायने भी समझाते हैं।
1. नियमितता: अच्छी नींद के लिए नियमित समय पर सोना और नियमित समय पर जागना अनिवार्य होता है। भले ही आप छुट्टी पर हों, कोई काम न हो लेकिन समय पर सोना और जागना जरूरी है। ऐसा नहीं करने से नींद की नियमितता टूटती है। इसका बुरा असर इंसान की दिनचर्या और जीवनशैली पर देखने को मिलता है।
2. रोशनी: सोने से एक घंटे पहले कमरे की लाइट को बंद करें या उसकी रोशनी कम कर दें। इससे दिमाग में मेलाटोनिन का स्राव होता है जो अच्छी नींद का प्रमुख कारक है। सोने से पहले मोबाइल-गैजेट्स का इस्तेमाल न करें। इसकी रोशनी मेलाटोनिन को तोड़ने का काम करती है।
3. तापमान: व्यक्ति को जिस कमरे में सोना है उसका तापमान संतुलित होना चाहिए। कमरा बहुत अधिक गर्म या बहुत ठंडा नहीं होना चाहिए। कमरे का तापमान जितना होता है, दिमाग उस तापमान को एक से दो डिग्री सेल्सियस कम कर लेता है। ठंडे कमरे में सोने से व्यक्ति को नींद अच्छी आती है।
4. शराब: शराब पीकर सोने वालों की नींद बार-बार टूटती है, सपने नहीं आते हैं। इसी तरह रात को खाने के बाद चाय या कॉफी पीने से नींद खत्म होती है। सुबह उठने पर व्यक्ति तरोताजा महसूस नहीं करता है। फ्रेश महसूस करने के लिए सुबह उठते ही फिर चाय और कॉफी पीने से व्यक्ति कैफीन का लती होगा।
5. बेड से दूरी: सुबह उठने के बाद बेड पर न बैठें, इससे नींद दोबारा हावी हो सकती है। दोबारा सोने से बचने के लिए तुरंत दूसरे कमरे में चले जाएं, कुछ पढ़ें। अगर किताब नहीं पढ़ना चाहते हैं तो दूसरे कमरे में मेडिटेशन करें। बेड से उठने के तुरंत बाद मोबाइल स्क्रीन का सामना न हो, इसे जीवन का हिस्सा बना लें।

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शौर्यपथ