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यह किसकी जिम्मेदारी

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यह किसकी जिम्मेदारी
मेलबॉक्स /शौर्यपथ /जिस देश में अनाज का भंडारण खपत से तीन गुना ज्यादा हो, वहां कोई मां भूख से क्यों मर रही है? यह सवाल इसलिए, क्योंकि देश में अन्न का बफर स्टॉक रहने के बाद भी मजदूरों की मौत हुई है। ऐसा ही एक दर्दनाक वीडियो बिहार से आया, जहां एक महिला के शव पर पड़ी चादर से उसका अबोध बच्चा खेल रहा था। कहा गया है कि श्रमिक स्पेशल टे्रन में भूख-प्यास से इस महिला ने दम तोड़ दिया था। उसका शव मुजफ्फरपुर स्टेशन पर पड़ा था। इसके लिए किसे दोषी माना जाए? खबर है कि कुछ रियायतों के साथ ‘लॉकडाउन’ की अवधि अब 30 जून तक बढ़ाई जा रही है। ऐसी स्थिति में मजदूूरों को, जो पिछले दो महीने से भी अधिक समय से अपने घर जाने के लिए यहां-वहां धक्के खा रहे हैं, उनको उनके घर पहुंचाने के लिए सरकारें फौरन समुचित प्रबंध करें, इसके साथ ही उनके खाने और पानी का भी इंतजाम हो।
निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद

 फिर खुली कलई

दुनिया का सबसे शक्तिशाली और सभ्य कहा जाने वाला धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र अमेरिका इन दिनों श्वेत-अश्वेत संघर्ष से जूझ रहा है। वहां जनता और प्रशासन का संघर्ष रुकने की बजाय और बढ़ता जा रहा है, जो एक गंभीर बात है। अमेरिका में पहले ही एक लाख से अधिक लोग कोरोना महामारी में अब तक मारे जा चुके हैं। दूसरी तरफ, चीन के साथ भी उसका वाक्-युद्ध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिका में जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव पर श्वेत-अश्वेत संघर्ष, कोरोना संघर्ष और चीन से तनातनी का असर पड़ना स्वाभाविक ही है और अब तो यही प्रमुख चुनावी मुद्दे भी होने वाले हैं। आखिर चालीस शहरों में कफ्र्यू लगाने की स्थिति कोई मामूली बात नहीं। अश्वेतों के प्रति नस्लवादी नफरत ने अमेरिका के भद्र लोक की कलई खोल दी है।
शकुंतला महेश नेनावा
गिरधर नगर, इंदौर

 मास्क बना हथियार

कोरोना वायरस दिन-प्रतिदिन भयानक रूप धारण करता जा रहा है। देश में अब इस वायरस से ग्रस्त लोगों की संख्या दो लाख से ऊपर जा रही है। इस महामारी के साथ मनुष्य का जो युद्ध चल रहा है, उसमें जीत के लिए फेस मास्क एक अहम हथियार बन गया है। अब लोग किसी भी कारण से घर से निकल रहे हैं, तो मास्क पहनकर ही बाहर आ रहे हैं। सरकार का भी निर्देश है कि अगर कोई नागरिक बिना मास्क पहने घर से बाहर निकलता है, तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। देश-विदेश में फेस मास्क अब एक अहम उत्पाद बन गया है और अब तो बजार में रंग-बिरंगे मास्क बिकने शुरू हो गए हैं। चीन में जब जिंदगी पटरी पर लौटने लगी, तब वहां की कंपनियां तेजी से फेस मास्क बनाने लगीं। वहां रोजाना हजारों की संख्या में अब मास्क की मांग आने लगी है। भारत ने भी फेस मास्क बनाकर निर्यात का काम शुरू कर दिया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि अब लोगों को अपनी जान बचाने के लिए फेस मास्क जैसे हथियार को हमेशा अपने साथ रखना होगा।
निशा, दिल्ली विश्वविद्यालय

सरकार की उदारता

देश जिस संकट के दौर से अभी गुजर रहा है, इसमें सरकार की सबसे अहम भूमिका है। उसके द्वारा अब तक लिए गए निर्णय अत्यधिक महत्वपूर्ण रहे हैं। कोरोना के प्रसार पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा अनेक तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। उसने कृषि और कुटीर उद्योगों में आ रही मुश्किलों पर गौर करते हुए उचित हल निकाला है। लेकिन सवाल अब भी यही उठता है कि क्या परिस्थितियां पहले की तरह सामान्य हो पाएंगी? आम जनता की सारी उम्मीदें सरकार से ही लगी हुई हैं। सरकार का यह कर्तव्य ही नहीं, जिम्मेदारी भी है कि वह लोगों को आ रही समस्याओं के समाधान निकाले और आम जनता को चिंता-मुक्त करे

मिताली, नई दिल्ली

 

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शौर्यपथ