नई दिल्ली / देश में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्यवाही से आम जनता जहां खुश है वही ऐसे कई सवाल हैं जो आम जनता के मन में शंकाए भी पैदा कर रहे हैं भ्रष्टाचार के मामले में किसी भी सरकार को क्लीन चिट नहीं दिया जा सकता भारत के इतिहास में ऐसी शायद ही कोई सरकार होगी जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप ना लगे हैं चाहे वह प्रदेश की सरकार हो या केंद्र की सरकार वर्तमान में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी का शासन है ऐसे में पूरे देश में जगह-जगह से खबर आती रहती है कि फला प्रदेश में या फला व्यक्ति के यहां प्रवर्तन निदेशालय #ED की कार्यवाही जारी है प्रवर्तन निदेशालय की कार्यवाही में सभी जगह एक बात कॉमन सी नजर आती है वर्तमान परिदृश्य में अगर देखा जाए तो प्रवर्तन निदेशालय #ED की कार्यवाही उन प्रदेशों में युद्ध स्तर पर जारी है जिन प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी का शासन ना हो वही उन व्यक्तियों पर भी प्रवर्तन निदेशालय की कार्यवाही जोरों पर है जो भारतीय जनता पार्टी #BJP या फिर केन्द्र सरकार की नीतियों के विरोधी हैं .
वर्तमान स्थिति में अगर देखा जाए तो आम जनता की नजरों में अभी भारतीय जनता पार्टी का कोई भी सदस्य ना तो भ्रष्टाचारी है और ना ही किसी तरह के घोटालेबाज में शामिल है भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर लगे हुए आरोपों पर ही प्रवर्तन निदेशालय या जांच एजेंसियां मौन है छत्तीसगढ़ की बात ले तो छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती सरकार डॉक्टर रमन सिंह #RamanSingh के समय में हुए नान घोटाले, पनामा पेपर लीक जैसे कई मामले हैं जिन पर जांच एजेंसी की कार्यवाही की रफ़्तार कितनी है सभी को ज्ञात है . वही झीरम घाटी मामले पर भी जांच अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है देश की आम जनता भ्रष्टाचार के उजागर होने से खुश तो है उनकी खुशी दुगनी तक हो जाएगी जब सभी राजनीतिक पार्टियों के भ्रष्टाचारियों पर प्रवर्तन निदेशालय निष्पक्ष होकर कार्यवाही करें चाहे वह भ्रष्टाचारी किसी भी पार्टी का सदस्य हो किंतु वर्तमान समय में ऐसा नजर कहीं नहीं आ रहा .
आज सत्ता में भारतीय जनता पार्टी #bjp है तो उनके विपक्षी पार्टियों पर लगातार जांच और कार्यवाही जारी है भ्रष्टाचार के उजागर होने से जनता खुश है और अब जनता भी यह दुआ करने लगी है कि सत्ता परिवर्तन हो और एक बार प्रवर्तन निदेशालय फिर सत्ताधारी पार्टियों के भ्रष्टाचारियों को छोड़कर विपक्ष के भ्रष्टाचारियों पर अपनी लगाम कसे इस तरह से हर 5-10 साल में सत्ता परिवर्तन होते रहे और राजनितिक दल एक दूसरे के ऊपर जांच समिति बैठ आते रहे जिसके आने वाले समय में राजनीतिक पार्टियों के भ्रष्टाचारियों #curruption पर यह भय बना रहेगा कि अगर भ्रष्टाचार करेंगे तो सत्ता नहीं होने के बाद जाँच की तलवार लटकती रहेगी और प्रवर्तन निदेशालय या अन्य जाँच एजेंसियो की निगाहे करम उनके ऊपर पड़ जाएगी हो सकता है तब भ्रष्टाचार में कमी हो और देश विकास की राह में दुगनी रफ्तार के आगे बढ़े . आज आम आदमी देश के विकास और भ्रष्टाचार मुक्त भारत की कल्पना करता है जो लगातार सत्ता परिवर्तन होने से ही संभव नजर आ रहा है...