शौर्यपथ / आज छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह छत्तीसगढ़ की हर छोटी-छोटी समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं और लगातार भूपेश सरकार पर वार कर रहे हैं सोशल मीडिया में जिस तरह से एक्टिव होकर डॉक्टर रमन सिंह हर छोटी छोटी बात पर भूपेश सरकार पर आक्रमक हो रहे हैं और सरकार की कमजोरियों को उजागर कर रहे हैं उसे देखकर कहीं ना कहीं यह बात भी अच्छी लगती है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को अब छत्तीसगढ़ीयो की चिंता होने लगी है. 15 साल सत्ता में रहने के बाद डॉ रमन सिंह को अब छत्तीसगढ़ प्रदेश का महत्व समझ में आया,छत्तीसगढ़ बोली का अस्तित्व अब उन्हें भी याद आ गया 15 साल तक सत्ता में रहने वाले रमन सिंह ने कभी छत्तीसगढ़ी बोली का उपयोग नहीं किया.
किंतु जब से सत्ता से बाहर हुए हैं तबसे छत्तीसगढ़िया संदेश देने में उनका नाम भी शामिल हो गया है कई जगहों पर मंच से छत्तीसगढ़ी बोली का भी संवाद करते देखे गए हैं .15 साल की सत्ता में कभी छत्तीसगढ़ी बोली को छत्तीसगढ़ी त्यौहार को इतनी अहमियत नहीं मिली किंतु अब यकीनन छत्तीसगढ़ में किसी की भी सरकार हो छत्तीसगढ़िया तीज त्यौहार की धूम बनी रहेगी. 15 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी रमन सरकार ने किसानों को किया वादा पूरा नहीं किया आज जब भूपेश सरकार वादा पूरा कर रही और किसानों को जिस तरह से लाभ मिल रहा है उनकी पहल अतुलनीय है. 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी छत्तीसगढ़िया को रोजगार की बात पर सिर्फ वादा ही मिलता रहा किंतु रोजगार नहीं मिला आज भूपेश सरकार ने बिना कर्ज लिए छत्तीसगढ़ की जनता को कई सुविधाएं और कई योजनाओं से लाभ पहुंचाया जा रहा है जो शायद मजबूत इच्छाशक्ति के साथ पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह भी कर सकते थे किंतु यह कार्य नहीं हुआ .
शराबबंदी की बात करने वाले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के जिम्मेदार मंत्री यह क्यों भूल जाते हैं कि गली-गली शराब दुकान खोलने का कार्य भाजपा सरकार में ही हुआ है प्रभु राम के नाम से सत्ता में आने वाले प्रभु राम को कभी याद नहीं किया छत्तीसगढ़ की जनता के बड़े वर्ग को तो यह भी नहीं मालूम था कि चंदखुरी में माता कौशल्या का मंदिर विश्व का एकमात्र मंदिर है 15 साल भाजपा राम राज की बात करती रही किंतु प्रभु श्री राम के वन गमन पथ की तरफ कभी ध्यान ही नहीं दिया, माता कौशल्या मंदिर की तरफ कभी नजर ही नहीं गई खैर जो भी हो सरकार किसी की भी रहे किंतु छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी परंपरा और धार्मिक स्थलों का, छत्तीसगढ़ी बोली का, छत्तीसगढ़ी महतारी का जो मान सम्मान पूरे प्रदेश में होने लगा वह अब निरंतर चलता रहेगा. छत्तीसगढ़ राजकीय राजकीय गीत छत्तीसगढ़ निर्माण के 19 साल बाद होना भी पूर्ववर्ती सरकार की निष्क्रियता का ही एक परिणाम है.
dr. raman singh ke facbook waal se
छत्तीसगढ़ की जनता ने छत्तीसगढ़ी और गैर छत्तीसगढ़ी के महत्व को भी समझ लिया आज छत्तीसगढ़ मैं भूपेश सरकार है कल छत्तीसगढ़ में वापस से भाजपा की सरकार बन सकती है या किसी अन्य राजनीतिक दलों की सरकार बन सकती है क्योंकि लोकतंत्र में सब संभव है आज के समय में भारत का लोकतंत्र कितना मजबूत है यह तो कई प्रदेशों के सत्ता परिवर्तन और विधायकों की तथाकथित खरीद-फरोख्त से साफ नजर आ ही रहा है वरना मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब कमलनाथ के मुख्यमंत्री के बाद मुख्यमंत्री निवास छोड़ा तो पूरे विश्वास के साथ यह बात भी कही थी कि 6 महीने में वापसी होगी जिसका सीधा साधा राजनीति निष्कर्ष यही निकलता है कि अगर लोक मंत्र में बहुमत के आधार पर सत्ता ना मिले तो क्या हो गया खरीद-फरोख्त की राजनीति अभी भी सत्ता का रास्ता खोले हुए हैं बिहार और महाराष्ट्र की राजनीति में उलटफेर गोवा में कम सीटों के बाद भी सत्ता में काबिज होना यह सब किसी बात का प्रमाण है कि लोकतंत्र में जनता का काम सिर्फ वोट देना ही रह गया है सत्ता किसकी बनेगी यह तो राजनीतिक दल सत्ता की ताकत के बलबूते तय करते हैं.मजबूत लोकतंत्र की बात करने वाले राजनेता सत्ता में काबिज होने के लिए जोड़ तोड़ की राजनीती किस तरह करते है यह सबी को ज्ञात है . 15 साल बाद ही सही छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़िया अस्मिता को अब स्वीकार करना ही पड़ा और यही सबसे अच्छी बात है एक परम्परा की शुरुवात हुई जो निरंतर चलती ही रहेगी . छत्तीसगढ़ी महतारी की जय ....
शरद पंसारी ...