Print this page

क्या सत्ता सुख के आगे धर्म हुआ बौना : क्षेत्र की जनता के अपमान पर बिफरने वाली मंत्री ईरानी माँ सीता के गलत फ़िल्मी चित्रण पर क्यों मौन ?

क्या सत्ता सुख के आगे धर्म हुआ बौना : क्षेत्र की जनता के अपमान पर बिफरने वाली मंत्री ईरानी माँ सीता के गलत फ़िल्मी चित्रण पर क्यों मौन ? क्या सत्ता सुख के आगे धर्म हुआ बौना : क्षेत्र की जनता के अपमान पर बिफरने वाली मंत्री ईरानी माँ सीता के गलत फ़िल्मी चित्रण पर क्यों मौन ?
  • Ad Content 1

नई दिल्ली / कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश में केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने एक पत्रकार पर बिफरते हुए कहा था कि क्षेत्र की जनता का अपमान नहीं सहूंगी अगर क्षेत्र की जनता का अपमान हुआ तो आपके मालिक को शिकायत कर दूंगी . मामला अमेठी क्षेत्र में किसी मामले के सवाल जवाब पर हुआ था किन्तु तब केन्द्रीय मंत्री ने इसे जनता का अपमान से जोड़ कर सवाल से बचने की सफल कोशिश की और अपरोक्ष रूप से सवाल पूछने वाले पत्रकार को नसीहत भी दे दी किन्तु अब जब सनातन धर्म के अपमान की बात हो रही है तो फिर मंत्री महोदय मौन क्यों है . जिस तरह से आदिपुरुष में मा सीता के चरित्र को गलत तरीके से पेश किया गया वस्त्रो के चयन पर देश में सनातन धर्म को मानने वालो ने आपत्ति उठाई यहाँ तक कि कई भाजपा के कद्दावर नेताओ ने भी सवाल उठाये और इस फिल्म को बंद करने की बैन करने की प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की किन्तु केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अब इस मामले पर मौन साधे हुए है . क्या मंत्री महोदया हिन्दू धर्म की आस्था की देवी मा सीता के चित्रण को गलत तरह से प्रस्तुत करने वाले फिल्म निर्माता , पास करने वाले सेंसर बोर्ड , सेंसर बोर्ड जिस मंत्रालय के अधीन है उनके मंत्री को अब जिम्मेदार नहीं मान सकती क्योकि वे सब सत्ता से जुड़े हुए लोग है और मा सीता के अपमान के विरोध में बोल कर राजनितिक नुक्सान का डर है जो अब महिला सम्मान की बात पर मौन है केरल स्टोरी जो कि सत्यापित फिल्म नहीं उस पर महिला सम्मान की बात करने वाली केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के आदिपुरुष में सनातन धर्म पर किये प्रहार पर विचारों का इंतज़ार अब भारत की जनता कर रही शायद इसका जवाब केन्द्रीय मंत्री महोदय के पास नहीं होगा क्या मा सीता का अपमान से बड़ा सत्ता का सुख है आखिर मंत्री महोदय मौन क्यों है क्या सोशल मिडिया पर महिला सम्मान की बात सिर्फ एक राजनितिक क्षेत्र का खेल बस है .
   मोदी सरकार में महिलाओं के सम्मान बढ़ने की बात कहने वाली मंत्री जी सनातन धर्म की आराध्य देवी के चरित्र को गलत रूप से पेश करने वाले जिम्मेदारो पर क्यों है मौन ...
  वही आदिपुरूष फिल्म पर रोक की मांग करते हुये अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने कहा कि हिन्दुओं की भावना को आहत करने वाली फिल्म को हरी झंडी देने के पीछे मंशा की भी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिये।
  गौरतलब है कि फिल्‍म में कथित तौर पर सनातम धर्म का, प्रभु श्री राम जी का, हनुमान जी का, भगवा ध्‍वज का और सीता मैया का अपमान किया गया है। फिल्‍म का चित्रण गलत और कलाकारों की वेशभूषा अनुचित है और इसके संवाद आपत्तिजनक हैं। असल रामायण का गलत प्रस्तुतीकरण किया गया है। उधर, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने फिल्‍म 'आदिपुरुष' को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा, लेकिन उन्‍होंने फिल्म का नाम नहीं लिया। सपा नेता यादव ने ट्वीट कर कहा, '' जो राजनीतिक आकाओं के पैसों से, उनके एजेंडे वाली मनमानी फिल्में बनाकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं, उनकी फिल्मों को प्रमाणपत्र देने से पहले सेंसर बोर्ड को उनके ‘राजनीतिक-चरित्र' का प्रमाणपत्र देखना चाहिए। क्या सेंसर बोर्ड धृतराष्ट्र बन गया है?''

Rate this item
(0 votes)
शौर्यपथ

Latest from शौर्यपथ