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सत्ता की चाह सबको , गिरगिट की तरह रंग बदलते जनप्रतिनिधि .... Featured

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    शौर्यपथ / आज देश की शायद ही कोई राजनैतिक पार्टी होगी जिसे सत्ता की चाह ना हो . आज ट्वीटर पार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पोस्ट को देखा तो अनायास ही बात मन में आयी . आज देश में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है और पूर्ण बहुमत के साथ सरकार चला रही है . आज भारत की जनता पीएम मोदी को दो बार मौका दे चुकी है हो सकता है तीसरी बार भी मौका दे और आगे भी ऐसा ही होता रहे किन्तु यही जनता जब प्रदेश की बात आती है तो अलग अलग राजनितिक दलों के समर्थन में अपना मुखिया चुनती है जिस लोकसभा क्षेत्र के सभी विधान सभा प्रदेश के चुनाव में स्थानीय या अन्य राजनैतिक दलों को चुनते है वही जनता लोकसभा चुनाव में अपना रुख बदल देते है छत्तीसगढ़ में ही यह देखने को मिला किन्तु देश की विपक्ष की भूमिका निभा रही राजनितिक पार्टिया एक होकर लोकसभा चुनाव की बात कर रही है तो 15 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह इसे कटाक्ष के रूप में कांग्रेस पार्टी के साथ जोड़ कर ट्वीट कार रहे है अपने ट्वीट में पूर्व सीएम डॉ. सिंह कहते है कि :

"कांग्रेसी अंतर्कलह से पूरा छत्तीसगढ़ परिचित है, आज जो यह एक होने का दिखावा कर रहे हैं कुछ दिन रुकिए इनकी सिरफुट्टवल की ख़बरें सामने होंगी।
कांग्रेस की मंशा सेवा नहीं सिर्फ सत्ता है इसलिए यहाँ पद की लालसा में हमेशा तलवारें तनी रहती हैं। "

तब एक दूसरा पहलु भी सामने आता है कि किस तरह एमपी में सत्ता सुख के लालच में विधायको ने पाला बदला और भाजपा की सत्ता वापसी हुई , किस तरह महाराष्ट्र में आपरेशन लोटस हुआ , राजस्थान में भी कोशिश जारी रही तो क्या सिर्फ कांग्रेस ही सत्ता की भूखी है क्या भाजपा ने या अन्य दलों ने लोकतंत्र में जनता के मतों का सम्मान किया किस तरह बिहार में नितीश कुमार और लालू यादव की पार्टी ने सत्ता परिवर्तन किया , दिल्ली विवाद के बाद आज देश कि जनता को आजादी के इतने सालो बाद पता चला कि राज्यपाल के पास असीमित अधिकार है जो बचे हुए अधिकार थे वो भी अध्यादेश से ख़त्म हो गए तो क्या यहाँ सत्ता की भूख और शासन पार कब्ज़ा का खेल नहीं चल रहा . भारत माब आम जनता सिर्फ मत का प्रयोग कार रही है किन्तु जिस सोंच को मतदान कर रही वही सोंच मतदान के बाद परिवर्तित हो रहा . अब तो गिरगिट को भी शर्म आती होगी ऐसे दल बदलू जनप्रतिनिधियों पार जो एक विचारधारा से जनता का भरोसा जीतते है और जीत के बाद विचारधारा ही बदल जाती है . (निजी विचार )

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शौर्यपथ

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