शौर्य विचार / भारत के प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी दौरे और वह उनके स्वागत , अभिभाषण ,भारतीय मूल के लोगो से मुलाकात को इन दिनों चाटुकारिता के अभिवेश में डूबे कई मिडिया चेनल इस तरह दर्शा रहे है जैसे इससे पहले कभी भी किसी भारतीय पीएम का इतना शानदार स्वागत ना हुआ हो . कोई भी देश का प्रमुख जब दुसरे देश में जाता है तो सभी कार्यक्रम पहले से तय होते है और सभी का सम्मान किया जाता है . इसमें कोई नई बात नहीं किन्तु जिस तरह से वर्तमान स्थिति में बड़ा दिहाने की कोशिश की जा रही है उसमे सफलता के पैमाने दुसरे की लाइन को छोटी करने की बात पार जोर दिया जा रहा है . भारत के हर प्रधानमंत्री का विदेशो में सम्मान हुआ चाहे वो नेहरु हो , राजीव हो ,अटल हो, मनमोहन हो किन्तु इस बार चाटुकारों के यह सब दिखाने की प्रणाली में देखा जाए तो पीएम मोदी की छवि को ही विश्वमंच पर खराब करने का कार्य हो रहा है . कुछ ऐसी छोटी छोटी बाते है जिस पर गौर किया जाए तो अंतर साफ़ नजर आता है जिसकी तुलना सोशल मिडिया पार लगातार दिखाई जा रही है ...
अंग्रेजी में दिए भाषण पर हो रही बहस ...
पीएम मोदी के अमेरिकी संसद में इंग्लिश में दिए भाषण में कुछ खामिया जरुर हुई है यह कोई बड़ी बात नहीं है हर इंसान से गलती हो जाती है किन्तु उद्देशय की पूर्ति जरुर हुई परन्तु चाटुकार मिडिया इसे भी मुद्दा बना कर मानवीय भूल को तुल देने में लग गए जब इस पर भी भूल स्वीकार ना कार महिमामंडन किया जाने लगा तो सोशल मिडिया में प्रतिउत्तर भी मिलने लगा और पीएम मोदी के गलत उच्चारण की अल्प कालीन वीडियो को हर कोई पोस्ट कर चाटुकार मिडिया को उकसाने लगा किन्तु इन सब बातो में यह भूल गए कि सोशल मिडिया का क्षेत्र सिमित नहीं पुरी दुनिया में फैला हुआ है और पुरी दुनिया के लोग इसे देख रहे है साथ ही साथ टिपण्णी भी दे रहे है जिसके कारण कई गड़े मुर्दे भी उखड रहे . पीएम मोदी की डिग्री की बात सामने आने लगी , 600 करोड़ भारतीय मतदाताओ की बात को दिखाया जाने लगा , ट्यूब में एकत्रित हुए गैस से चाय बनाने की बात होने लगी , पीएम मोदी के उन इन्टरव्यू को दिखाया जाने लगा जिसमे उन्होंने स्वीकार किया कि कभी कालेज नहीं गए , भारत के नामी वकील प्रशांत भूषण ने टिपण्णी कि और इंग्लिश उछारण एवं एम.ए. की डिग्री को साथ जोड़ा इन सब बातो से छवि सुधरने की कोशिश उलटी पड़ गयी .
अमेरिकी संसद में पीएम मोदी का संबोधन
भारी भीड़ का जमावड़ा .....
चाटुकार मिडिया चेनलो द्वारा पीएम मोदी के आगमन पार भीड़ के हुजूम की बात शुरू हुई और चंद सेकण्ड के वीडियो जिसे गौर से देखने के बाद स्पष्ट नजर आता है कि वो संख्या हजार में भी ना होगी बार बार दिखाया जाने लगा जिसके जवाब में कांग्रेस ने पूर्व पीएम नेहरु की वह फोटो वाइरल कर दी जिसमे हजारो की संख्या में लोगो का हुजूम स्वागत कर रहा है .....
भारत के पूर्व प्रधान मंत्री नेहरु एवं वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी ( अमेरिका में स्वागत )
संसद में तालियों की गूंज पर भी उलटी गिनती शुरू ...
पीएम मोदी के अमेरिकी संसद में अभिभाषण के पूर्व मोदी-मोदी के नारों को बार बार दिखाने के जवाब में फिर एक पोस्ट वाइरल हुई जिसमे नेहरु के अभिभाषण के समय अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष सही प्रमुख लोगो की फौज उनके पीछे खडी हुई .
पीएम मोदी के स्वागत को आतुर अमेरिका ....
पीएम मोदी के दौरे पर जाने के समय चाटुकारों द्वारा ऐसा दिखाया जाने लगा कि अमेरिका बड़ी बेसब्री से विश्वगुरु का इंतज़ार कर रहा किन्तु इस पर भी एक बार सोशल मिडिया पर सवाल उठने शुरू हो गए कि जिस तरह से अमेरिका ने पीएम के स्वागत के लिए राष्ट्राध्यक्ष के ना आने पर भी तंज कसा जाने लगा जबकि प्रोटोकाल के सभी दिशा निर्देश पूर्व से निर्धारित होते है कि कब कब कहा कहा किस कार्यक्रम में शिरकत करना है किन्तु इस बात को भी हवा दि जाने लगी जो कि गैर मुनासिब है .
मुद्दे की बात पर छा गया धुंध ...
दो-तीन दिनों से सिर्फ इस बात की खबर चल रही कि पीएम मोदी के ऐतिहासिक स्वागत से पकिस्तान चीन कांप गया , रूस घबरा गया , विश्वगुरु की ताकत बढ़ी ना जाने और किस तरह की गैर मुनासिब हेड लाइन का प्रयोग हुआ इन सब में मुख्य मुद्दा जो भारत के ताकत को बढ़ता हुआ दिखाता है उस पर कोई बात नहीं हुई . पीएम मोदी का दौरा कुछ प्रमुख मुद्दों और समझोतों को लेकर हुआ था जिससे भारत मजबूत हो रहा विश्वमंच पर किन्तु इस विषय पार कोई बात नहीं हुई .
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका के पहले राजकीय दौरे पर दोनों देशों के बीच अहम क़रार हुए हैं, जिनमें तकनीक ट्रांसफर को लेकर हुआ सौदा सबसे अहम है.
अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, इस दौरे पर अमेरिका की प्रतिष्ठित कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच एक अहम समझौता हुआ है. इस डील के तहत भारत में बने लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ़्ट तेजस एमके2 के लिए जीई F414 इंजन बनाया जाएगा. इस डील ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि इस समझौते के साथ ही भारत के साथ तकनीक नहीं साझा करने का दौर ख़त्म होना शुरू हो गया है.
जेट इंजन के साथ साथ ड्रोन ख़रीदने, स्पेस मिशन और भारत में चिप बनाने से जुड़े समझौते अहम घोषणाओं में शामिल हैं. लेकिन लड़ाकू विमान के लिए इंजन बनाने की घोषणा काफ़ी अहम है.अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों का इंजन -जनरल इलेक्ट्रिक के F414 इंजन का इस्तेमाल कई अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों जैसे बोइंग सुपर हॉर्नेट और साब ग्रिपेन में किया जाता है.
ये वो प्रमुख बाते थी जिससे भारत की राजनैतिक क्षमता और आंतरिक ताकत में इजाफा हो रहा है किन्तु इन अहम् मुद्दों को छोड़ सिर्फ सामान्य सी बातो को लगातार प्रकाश देने की कोशिश निरंतर जारी है जबकि दौरे का मुख्य कारण अहम् समझोते है जो आने वाले समय में भारत को मजबूती प्रदान करेगा .किन्तु चाटुकार चेनलो की लम्बी फौज ने चाटुकारिता की पराकाष्ठा को अंजाम देते हुए अपने एक अलग ही लक्ष्य की ओर बढ़ते गए और इस सबमे मुख्य बाते धूमिल पड़ गयी ...