शौर्यपथ विशेष / जो सुबह से उठकर मशीनों से भी ज्यादा गति से काम करे व सबका अच्छे बुरे का ख्याल रखे और खुद अपने बच्चों को गर्मा-गरम खाना बनाकर खिलाये और सबके खाने के बाद खुद ठंडा खाना खाएं...
ये वही मां है...ना?
अपने जान को खतरे में डालकर अपने बच्चे को जन्म देती है और पति व बच्चे को सामाज व परिवारों में एक नया पहचान एक नया नाम देती है...
ये वही माँ है...ना?
खुद की तबियत खराब होने के बाद भी अपने बच्चों के तबियत की चिंता करे व बच्चों की लाख गलतियां होने पर भी वह अपने बच्चों के लिए दुनिया से तो क्या भगवान से भी लड़ ले...
ये वही मां है...ना?
बुरे समय मे जब सब साथ छोड़ दे और वो अपने बच्चों का साथ मरते दम तक ना छोड़े व जो बच्चों की जीवन की हर एक खुशी में उनके पास हो तो उन्हें किसी दौलत की जरूरत ना हो...
ये वही मां है...ना?
उनके कांधों पर जब सर रख कर सोते है और रात भर जन्नत की सैर करते है व जिनके वजह से बच्चे इस दुनिया में सामाज में परिवार में जो जगह बनाये उनका हकदार कोई और नही¸ बल्कि वो मां है...
ये वही मां है...ना?
अतिश (दक्ष)
संस्कारधानी-राजनंदगांव (छ.ग.)