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शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश सरकार ने किया एतिहासिक कार्य : मुख्यमंत्री Featured

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रायपुर / शौर्यपथ / स्वतंत्रता दिवस के पर्व पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य सरकार की शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए सार्थक पहल की बात कही . शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार ने आम जनता को राहत पहुँचाने के लिए स्वास्थ्य की सुविधाओ को बढाने एवं शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के बारे में बताते हुए कहा कि
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के कारण जिन क्षेत्रों में कामकाज सर्वाधिक प्रभावित हुआ उनमें शिक्षा का क्षेत्र प्रमुख है। लेकिन छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को अनेक नवाचारों के जरिए निरंतर जारी रखा गया। कोरोना से शैक्षणिक सत्र को अवरुद्ध नहीं होने दिया गया। ऑनलाइन कक्षाएं, पारा-मोहल्लों में कक्षाएं लगाकर पढ़ाई कराई गई। इतना ही नहीं शिक्षा की गुणवत्ता को शाला स्तर से बढ़ाने हेतु ‘स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना’ के तहत 171 सरकारी स्कूलों का उन्नयन कर इन्हें सर्वसुविधायुक्त बनाया गया है। मुझे खुशी है कि हमारे प्रदेश के बच्चों ने अंग्रेजी मीडियम में शिक्षा की जोरदार ललक दिखाई है। इन स्कूलों में कुल 1 लाख 36 हजार 500 बच्चों ने प्रवेश लिया है, जिसमें से 70 हजार बच्चे अंग्रेजी माध्यम के हैं तथा 66 हजार 500 बच्चे हिन्दी माध्यम के हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह शाला में अधोसंरचना उन्नयन का लाभ अंग्रेजी तथा हिन्दी दोनों माध्यमों के बच्चों को मिल रहा है। हम इस योजना को विकासखण्ड स्तर तक ले जाना चाहते हैं। हमने शिक्षकों का अभाव दूर करने के लिए भी ठोस प्रयास किए हैं, जिसके रास्ते में आई बाधाओं को दूर करते हुए शासकीय स्कूलों में 14 हजार 580 शिक्षक-शिक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र देने का काम पूरा किया जा रहा है। वहीं महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ा अधिकारी आदि के 1 हजार 440 पदों पर भी नियुक्ति देने का काम शीघ्र पूरा होगा। इस तरह हम शिक्षा जगत को अनिश्चय तथा आशंकाओं से मुक्ति दिलाते हुए प्रदेश में उद्देश्यपरक सार्थक शिक्षा का वातावरण बना रहे हैं।

महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयु-सीमा बंधन समाप्त

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि प्रचलित व्यवस्था के अनुसार प्रदेश के महाविद्यालयांे में, स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयु-सीमा का बंधन है। आज मैं उच्च शिक्षा के लिए आगे बढ़ने वाले युवाओं के हित में आयु-सीमा के इस बंधन को समाप्त करने की घोषणा करता हूं।

स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाना हमारा संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेढ़ दशकों से छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव दूर करने, उसे जरूरतमंद जनता तक पहुंचाने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने को लेकर भी तदर्थवाद चल रहा था। हमने स्पष्ट प्राथमिकताएं तय कीं। तत्काल भवन बनाकर सुविधाएं जुटाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव होता है, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि सरकार पीड़ित जनता को अपने हाल पर छोड़ दे। इसलिए हमने गांवों, कस्बों, बसाहटों, पारा-मोहल्लों तक सुसज्जित चलित अस्पताल व शिविरों की सुविधाएं पहुंचाने की व्यवस्था की। ‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना’, ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’, ‘दाई-दीदी क्लीनिक’ जैसे नवाचारों का लाभ लाखों लोगों को मिला है। ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’ तथा ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’ देश की सबसे बड़ी आर्थिक मददगार योजना सिद्ध हुई है। पौने तीन साल पहले तक बस्तर में मलेरिया का प्रकोप बहुत अधिक था। हमने ‘मलेरियामुक्त बस्तर अभियान’ चलाया तो बीजापुर जिले में 71 प्रतिशत तथा दंतेवाड़ा जिले में 54 प्रतिशत मामले विगत एक वर्ष में कम हो गए। समूचे बस्तर में 45 प्रतिशत और समूचे सरगुजा संभाग में 60 प्रतिशत तक की कमी आई। इस तरह हमने अब ‘मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ का शंखनाद किया है। मेरा विश्वास है कि हमारे समर्पित स्वास्थ्यकर्मियों की बदौलत यह अभियान भी सफल होगा।
हमने डॉक्टरों तथा अन्य सुविधाओं की कमी दूर करने हेतु प्राथमिकता से कदम उठाए हैं, जिसके कारण ढाई वर्षों के अल्प समय में ही स्नातक चिकित्सकों, विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा दंत चिकित्सकों की संख्या 1 हजार 378 से बढ़कर 3 हजार 358 पहुंच गई। इसी प्रकार विभिन्न स्तरों के मेडिकल स्टाफ की संख्या लगभग 18 हजार से बढ़कर 22 हजार हो गई। अस्पतालों में आईसीयू बिस्तरों की संख्या 279 से बढ़कर 729, एचडीयू बिस्तरों की संख्या शून्य थी, जो अब बढ़कर 515 हो गई, ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की संख्या 1 हजार 242 से बढ़कर 7 हजार एक सौ, सामान्य बिस्तरों की संख्या 15 हजार से बढ़कर लगभग 30 हजार, वेंटिलेटर्स की संख्या 204 से बढ़कर 723 हो गई। ऑक्सीजन सिलेण्डर और कन्सेंट्रेटर की संख्या तीन गुने से अधिक बढ़ गई है।

मुख्यमंत्री सस्ती दवाई योजना का नामकरण अब धन्वंतरी योजना

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने संदेश में कहा कि प्रदेश की जनता को रियायती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री सस्ती दवा योजना’ नगरीय क्षेत्रों में लागू है। अब यह ‘श्री धन्वन्तरी योजना’ के नाम से जानी जाएगी। हमारी संवेदनशीलता के साथ तत्काल निर्णय लेने की प्रक्रिया के चलते छत्तीसगढ़, ‘कोरोना’ से अन्य राज्यों की तुलना में कम प्रभावित हुआ। हम लगातार काम कर रहे हैं ताकि संभावित तीसरी लहर में भी छत्तीसगढ़ के लोगों को अधिक क्षति न पहुंचे। मैं आप लोगों से यह अपील करना चाहता हूं कि ‘कोरोना’ को हल्के में न लें। कोरोना प्रोटोकॉल का हर स्तर पर पालन करें। भीड़ में न जाएं, सही ढंग से मास्क पहनें, साबुन से हाथ धोते रहें और टीके के दोनों डोज समय पर लगवाएं। किसी भी प्रकार की असावधानी नुकसानदेह होती है। संक्रमण से बचने का सबसे सुरक्षित उपाय ‘सावधानी’ ही है। ‘कोरोना’ से लड़ने वाले फ्रंट लाइन वारियर्स को मैं सलाम करता हूं, वहीं कोरोना से प्रदेश के जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, समस्त शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।

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Last modified on Sunday, 15 August 2021 23:22
शौर्यपथ

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