0 देश को निजीकरण करने वाले लोग अधिकारियों कर्मचारियों को गुमराह करने से बाज आये
राजनांदगांव / शौर्यपथ / जिला कांग्रेस प्रवक्ता राहुल तिवारी ने कहा कि अधिकारियों कर्मचारियों का भविष्य छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में सुरक्षित है। छत्तीसगढ़ की सरकार आम जनता, गरीब, मजदूर, किसानों, व्यापारियों, अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ सभी वर्गों के हितों के लिए कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ से सौतेला व्यवहार करने वाली केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के बकाया 55 हजार करोड़ रू. दे दे तो राज्य सरकार को अपने कर्मचारियों की मांगो के साथ अनेक योजनाओं को पूरा करने में कोई परेशानी नहीं होगी। कोरोना काल में जब केन्द्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के वेतन भत्ते में 31 प्रतिशत तक कटौती किया तब भी छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपने कर्मचारियों के भत्ते में एक रू. की कटौती नहीं किया था। छत्तीसगढ़ सरकार अपने कर्मचारियों के साथ खड़ी थी आगे भी सरकार कर्मचारियों के हितो के साथ खड़ी रहेगी। वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या महंगाई है। महंगाई से कर्मचारियों के साथ पूरा देश पीड़ित है। देश का हर वर्ग महंगाई के खिलाफ आक्रोशित हैं मोदी सरकार की मुनाफा खोरी वाली नीति के कारण आटा, दाल, पनीर, पेट्रोल, डीजल, अनाज रोजमर्रा का समान सभी कुछ महंगा हो गया है। आंदोलन महंगाई भत्ते के लिये नहीं बढ़ती महंगाई के खिलाफ होना चाहिये। प्रवक्ता राहुल तिवारी ने भाजपाइयों पर निशाना साधते हुए कहा देश को निजीकरण और महंगाई की ओर ले जाने वाले लोग कर्मचारियों को गुमराह करने से बाज आये।कांग्रेस सरकार के पिछले साढ़े तीन साल के फैसले बताते है कि कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के हितों के लिये तत्परता से कार्य कर रही है। जिस पेंशन के सहारे रिटायर्ड कर्मचारी अपना जीवन स्वाभिमान पूर्वक व्यतीत करते थे उस पुरानी पेंशन योजना को कर्मचारी विरोधी भाजपा सरकार द्वारा बंद कर दिया गया था। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने रिटायर्ड कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए और उन्हें स्वाभिमानी व आत्मनिर्भर जीवन देने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू किया। कोरोनाकाल में भी भूपेश सरकार ने कर्मचारियों के सातवें वेतनमान के बकाये का भुगतान किया था। शिक्षकों और शिक्षा कर्मियों के हितों को ध्यान में रखते हुए हुए 2 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले छत्तीसगढ़ के सभी शिक्षाकर्मियों के संविलियन शिक्षक के रूप में कर दिया गया है, इसके साथ ही प्रधान पाठक शिक्षक और व्याख्याता के पदों पर पदोन्नति में 5 वर्ष के अनुभव को एक बार के लिए शिथिल करते हुए घटाकर 3 वर्ष के अनुभव के आधार पर पदोन्नति की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। अनुकंपा नियुक्ति के लंबित आवेदनों पर 10 प्रतिशत की सीलिंग हटाकर संवेदनशीलता से त्वरित निर्णय लेते हुए 3155 से अधिक पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों को साप्ताह में आराम देने के लिए 5 दिन के कार्य दिवस की शुरूआत किया गया। अधिकारी कर्मचारी संगठनों से अपील करते हुए कहा कि वे हड़ताल का रास्ता छोड़ कर काम पर वापस आये। सरकार उनके हितो में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है, सरकार समयानुसार उचित निर्णय लेगी।