मुंगेली/शौर्यपथ /मुंगेली ज़िले के लोरमी थाना क्षेत्र अंतर्गत कोसाबाड़ी गांव में सात वर्षीय मासूम बच्ची के अपहरण व हत्या के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। यह मामला न केवल क्रूरता की पराकाष्ठा है बल्कि अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र जैसी कुप्रथाओं के घातक स्वरूप को उजागर करता है।
पुलिस द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि बच्ची की हत्या गांव के ही पांच लोगों ने मिलकर की थी, जिनमें बच्ची का चचेरा भाई और उसकी पत्नी भी शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपियों ने तंत्र-मंत्र की क्रियाओं में सफलता पाने की मंशा से इस मासूम की बलि दी।
पुलिस ने इस जघन्य अपराध में शामिल आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। दो मुख्य संदिग्धों का ब्रेन मैपिंग, पॉलीग्राफी और नार्को टेस्ट भी कराया गया है, जिसमें उन्होंने जुर्म कबूल कर लिया।
घटना का क्रम इस प्रकार सामने आया:
2 अप्रैल की रात को कोसाबाड़ी गांव में एक शादी समारोह था। इसी दौरान बच्ची अपने घर के आंगन में मां की गोद में खाट पर सो रही थी। मां की नींद रात 2 बजे खुली तो देखा कि बच्ची गायब है। पहले परिजनों ने अपने स्तर पर तलाश की, लेकिन असफल रहने पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
लगभग एक महीने बाद, 7 मई को गांव के समीप एक सुनसान इलाके में बच्ची का नरकंकाल मिला। इससे पूरे गांव में शोक और आक्रोश का माहौल बन गया।
पुलिस अधीक्षक की निगरानी में गठित विशेष टीम ने तकनीकी विश्लेषण, फॉरेंसिक और मनोवैज्ञानिक जांच के आधार पर इस जघन्य अपराध की परतें खोलीं। गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी अब न्यायिक हिरासत में हैं, और जल्द ही पुलिस मामले में सार्वजनिक रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूर्ण खुलासा करेगी।
समाज को चेतावनी:
यह हृदयविदारक घटना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि समाज में फैले अंधविश्वास की भयंकर परिणति है। यह सोचने का समय है कि कैसे शिक्षा, जागरूकता और संवेदनशील प्रशासन ही ऐसे अपराधों पर लगाम लगा सकता है।
नोट: पीड़िता की पहचान को गुप्त रखने के उद्देश्य से समाचार में नाम और व्यक्तिगत विवरणों को हटा दिया गया है।