महासमुंद / दैनिक शौर्यपथ ब्यूरो / संतराम कुर्रे।
पिथौरा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम गिरना और छिंदौली में वन विभाग की संयुक्त टीम ने शनिवार देर शाम बड़ी कार्रवाई करते हुए हिरण (चीतल) के अवैध शिकार का पर्दाफाश किया। मुखबिर की सूचना पर एक साथ दो स्थानों पर दबिश दी गई, जहाँ योजनाबद्ध तरीके से किए गए शिकार में शामिल पाँच आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।
वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9, 50, 34, 44, 51 के तहत अपराध क्रमांक 20657/12 दिनांक 06.09.2025 पंजीबद्ध कर मामला दर्ज किया गया है। न्यायालय प्रथम श्रेणी पिथौरा ने आरोपियों को 09 सितम्बर 2025 तक पुलिस रिमांड पर भेजने की अनुमति दी है।
कार्रवाई का नेतृत्व और टीम
वन मंडलाधिकारी महासमुंद श्री मंयक पांडेय के निर्देश पर संयुक्त वन मंडलाधिकारी पिथौरा यू.आर. बंसत द्वारा सर्च वारंट जारी किया गया। कार्रवाई का नेतृत्व पिथौरा परिक्षेत्र अधिकारी सालिकराम डड़सेना ने किया। टीम में डिप्टी रेंजर बुंदेली छबिराम साहू, पिथौरा के ललित पटेल, सांकरा के राजकुमार साहू, तथा परिसर रक्षी कोकिलकांत दिनकर (गिरना), पुष्पा नेताम (टिकरापारा), अमृतलाल आंवले व लेखराम ध्रुव (बुंदेली), राकेश ध्रुव (प. अरंड), सीताराम ध्रुव (सोहागपुर), रामदेव यदु (खपराखोल), डिलेश्वरी कंवर (बगारपाली) और सुदामा पालेश्वर (सल्डीह) शामिल थे।
मांस और सामग्री जप्त
तलाशी के दौरान आरोपी भोला खड़िया के घर से ताज़ा हिरण का मांस, रक्तरंजित चटाई और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद की गई। आरोपी की निशानदेही पर कक्ष क्रमांक 228 के समीप घटना स्थल से भी 6.500 किलो मांस, 5.250 किलो जी.आई. तार और बांस की खूंटी जप्त की गई।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार आरोपी शिकार किए गए हिरण का मांस काटकर आपस में बाँट रहे थे, तभी समय रहते सूचना मिलने पर यह कार्रवाई संभव हो सकी।
? यह कार्रवाई वन विभाग की सतर्कता और स्थानीय टीम की तत्परता का परिणाम मानी जा रही है, जिसने न केवल एक संगठित शिकार गिरोह को पकड़ा बल्कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्यवाही की राह भी सुनिश्चित की।