Print this page

बस्तर दशहरा में माईजी की डोली का भव्य स्वागत, निभाई गई मावली परघाव रस्म, उमड़ी भीड़

  • Ad Content 1

By - नरेश देवांगन 

जगदलपुर, शौर्यपथ। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की एक और अत्यंत महत्वपूर्ण रस्म 'मावली परघाव' बुधवार की रात को पूरी श्रद्धा और भव्यता के साथ अदा की गई। यह रस्म दो देवियों के मिलन के रूप में जाना जाता है, जिसे जगदलपुर के दन्तेश्वरी मंदिर प्रांगण और कुटरूबाड़ा के समीप पारंपरिक रीति-रिवाजों से निभाया गया। इस ऐतिहासिक रस्म को देखने के लिए हर साल की तरह इस बार भी रात को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव की अगुवाई में किए गए मावली परघाव के अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, जगदलपुर विधायक किरण देव, महापौर संजय पांडे, कमिश्नर डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी, कलेक्टर हरीस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा उपस्थित रहे। दंतेवाड़ा से मावली माता की डोली के साथ पुजारी, कलेक्टर कुणाल दुदावत, पुलिस अधीक्षक गौरव राय भी पहुंचे।

माईजी की डोली का भव्य स्वागत

परंपरा के अनुसार, दंतेवाड़ा से मावली देवी की छत्र डोली और दंतेश्वरी का छत्र जगदलपुर के दंतेश्वरी मंदिर लाए गए। दंतेवाड़ा से पहुंची माईजी की डोली और छत्र का भव्य स्वागत राजपरिवार सदस्य कमलचंद भंजदेव और समस्त बस्तरवासियों ने किया। इस दौरान आतिशबाजियां की गईं और फूलों की बारिश की गई, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। माईजी की डोली के स्वागत की इस अनूठी परंपरा को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी पहुंचे थे।

'मावली परघाव' रस्म में फूल से बना साफा एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह साफा केवल जंगल में पाए जाने वाले फूलों से तैयार किया जाता है। राजा को यह साफा पहनाया जाता है और इसकी विशेष पूजा की जाती है। इसी साफा को पहनकर देवी की डोली को राजमहल परिसर स्थित दंतेश्वरी मंदिर में स्थापित किया जाता है, जिसके बाद इसे दशहरा पर्व के अन्य रस्मों में शामिल किया जाता है।

बस्तर दशहरा की परंपरा के अनुसार, बस्तर माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव ने माईजी की डोली की पूजा अर्चना की। पूजा के बाद माईजी की डोली को दशहरा पर्व के समापन होने तक मंदिर के भीतर रखा गया है। इन सदियों पुरानी रीति-रिवाजों और परंपराओं का निर्वहन बस्तर की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है।

Rate this item
(1 Vote)
Naresh Dewangan

Latest from Naresh Dewangan