June 17, 2025
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बस्तर

बस्तर (961)

जगदलपुर , शौर्यपथ। प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को और अधिक जनसुलभ, पारदर्शी और संवादात्मक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के निर्देश के पश्चात अब राज्य की पुलिस कार्यप्रणाली में प्रयुक्त होने वाले कठिन, पारंपरिक एवं आम नागरिकों की समझ से बाहर उर्दू-फारसी शब्दों को हटाकर उनकी जगह पर सहज और प्रचलित हिंदी शब्दों का उपयोग किया जाएगा।

 

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आम नागरिक जब किसी शिकायत, अपराध सूचना अथवा अन्य कार्य से थाने जाता है, तो वह अक्सर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर या अन्य दस्तावेजों की भाषा को लेकर असमंजस में रहता है। अन्य भासाओ के शब्द आम लोगों के लिए अनजाने होते हैं, जिससे वे न तो अपनी बात ठीक से समझा पाते हैं और न ही पूरी प्रक्रिया को ठीक से समझ पाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस का उद्देश्य नागरिकों की सहायता और सुरक्षा है, तो उसकी भाषा भी ऐसी होनी चाहिए जो नागरिकों की समझ में आए और उनके विश्वास को बढ़ाए।

 

उपमुख्यमंत्री के निर्देशानुसार पुलिस महानिदेशक द्वारा सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को एक आधिकारिक पत्र जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि पुलिस की व्यवहारिक कार्यवाहियों में प्रयुक्त कठिन, पारंपरिक शब्दों को सरल और स्पष्ट हिंदी में बदला जाए। इसके लिए एक शब्द सूची भी तैयार की गई है, जिसमें पुराने कठिन शब्दों के स्थान पर उपयोग किए जाने योग्य सरल विकल्प सुझाए गए हैं।

 

इस पत्र में यह भी निर्देशित किया गया है कि सभी अधीनस्थ अधिकारियों को इस विषय में अवगत कराया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि यह आदेश केवल औपचारिकता भर न रहे, बल्कि इसका वास्तविक कार्यान्वयन प्रदेश की प्रत्येक पुलिस चौकी, थाने और कार्यालय में दिखे। 

 

छत्तीसगढ़ पुलिस अब केवल कानून का पालन कराने वाली संस्था न होकर जनसंवाद का माध्यम भी बनेगी। भाषा के इस सरलीकरण से शिकायतकर्ता को अपनी बात स्पष्ट रूप से कहने, सुनने और समझने में सुविधा होगी। एफआईआर जैसी प्रक्रिया, जो अब तक केवल अधिवक्ताओं या पुलिस कर्मियों की समझ में आती थी, वह अब आम नागरिक के लिए भी बोधगम्य हो सकेगी।

 

1 अदम तामील-सूचित न होना

2 इन्द्राज -टंकन

3 खयानत-हड़पना

4 गोश्वारा-नक्शा

5 दीगर-दूसरा

6 नकबजनी -सेंध

7 माल मशरूका लूटी-चोरी गई सम्पत्ति

8 मुचलका-व्यक्तिगत बंध पत्र

9 रोजनामचा-सामान्य दैनिकी

10 शिनाख्त-पहचान

11 शहादत-साक्ष्य

12 शुमार-गणना

13 सजायाफ्ता- दण्ड प्राप्त

14 सरगना -मुखिया

15 सुराग -खोज

16 साजिश -षडयंत्र

17 अदालत दिवानी -सिविल न्यायालय

19 फौजदारी अदालत- दांडिक न्यायालय

20 इकरार नामा -प्रतिज्ञापन

21 बनाम विक्रय -पत्रक

22 इस्तिफा -त्याग-पत्र

23 कत्ल-हत्या

24 कयास -अनुमान

25 खसरा क्षेत्र- पंजी

26 खतौनी -पंजी

27 गुजारिश -निवेदन

28 जब्त -कब्जे में लेना

29 जमानतदार -प्रतिभूति दाता

30 जमानत -प्रतिभूति

31 जरायम- अपराध

32 जबरन -बलपूर्वक

33 जरायम पेशा -अपराधजीवी

34 जायदादे मशरूका -कुर्क हुई सम्पत्ति

35 दाखिलखारिज- नामांतरण

36 सूद -ब्याज

37 हुजूर -श्रीमान/महोदय

38 हुलिया -शारीरिक लक्षण

39 हर्जाना क्षति-प्रतिपूर्ति

40 हलफनामा-शपथ-पत्र

41 दफा- धारा

42 फरियादी -शिकायतकर्ता

43 मुत्तजर्रर -चोट

44 इत्तिलानामा- सूचना पत्र

45 कलमबंद करना -न्यायालय के समक्ष कथन 

46 गैरहाजिरी -अनुपस्थिति

47 चस्पा- चिपकाना

48 चश्मदीद- प्रत्यक्षदर्शी

49 जलसाजी- कूटरचना

50 जिला बदर -निर्वासन

51 जामतलाशी -वस्त्रों की तलाशी

52 वारदात- घटना

53 साकिन- पता

54 जायतैनाती- नियुक्ति स्थान

55 हाजा स्थान-परिसर

56 मातहत -अधीनस्थ

57 जेल हिरासत -कब्जे में लेना

58 फौती -मृत्यु सूचना

59 इस्तगासा- छावा

60 मालफड -जुआ का माल मौके पर बरामद होना

61 अर्दली -हलकारा

62 किल्लत मुलाजमान- कर्मगण की कमी

63 तामील कुनन्दा- सूचना करने वाला

64 इमदाद -मदद

65 नजूल -राज भूमि

66 फरार -भागा हुआ

67 फिसदी- प्रतिशत

68 फेहरिस्त -सूची

69 फौत- मृत्यु

70 बयान- कथन

71 बेदखली-निष्कासन

72 मातहत- अधीन

73 मार्फत- द्वारा

74 मियाद -अवधी

75 रकबा-क्षेत्रफल

76 कास्तकार- कृषक

77 नाजिर -व्यवस्थापक

78 अमीन राजस्व -कनिष्ठ अधिकारी

79 राजीनामा -समझौता पत्र

80 वारदात -घटना

81 संगीन -गंम्भीर

82 विरासत -उत्तराधिकार

83 वसियत- हस्तांन्तरण लेख

84 वसूली -उगाही

85 शिनाख्त- पहचान

86 सबूत साक्ष्य-प्रमाण

87 दस्तावेज- अभिलेख

88 कयास -अनुमान

89 सजा -दण्ड

90 सनद -प्रमाण पत्र

91 सुलहनामा-समझौता पत्र

92 अदम चौक- पुलिस असंज्ञेय हस्ताक्षेप, अगोग्य अपराध की सूचना

93 कैदखाना- बंदीगृह

94 तफतीश/तहकीकात -अनुसंधान/जाँच/विवेचना

95 आमद/रवाना/रवानगी-आगमन, प्रस्थान

96 कायमी-पंजीयन

97 तेहरीर- लिखित या लेखीय विवरण

98 इरादतन- साशय

99 खारिज/खारिजी/रद्द निरस्त/निरस्तीकरण

100 खून आलुदा रक्त-रंजित/रक्त से सना हुआ

101 गवाह/गवाहन- साक्षी/साक्षीगण

102 गिरफ्तार/हिरासत -अभिरक्षा

103 तहत् -अंतर्गत

104 जख्त, जख्मी, मजरूब -चोट/घाव घायल/आहत

105 दस्तयाब -खोज लेना/बरामत

106 मौका ए वारदात-घटना स्थल

107 परवाना- परिपत्र/अधिपत्र

108 फैसला- निर्णय

109 हमराह -साथ में

प्रमोशन की प्रतीक्षा में रिटायर हो रहे अधिकारी, नीचे ग्रेड के कर्मचारियों को सौंपा जा रहा शीर्ष पद का कार्यभार


कोंडागांव/रायपुर | शौर्यपथ न्यूज

   छत्तीसगढ़ में नगरीय प्रशासन व्यवस्था की हालत चिंताजनक होती जा रही है। नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों में वर्षों से स्थायी सीएमओ (मुख्य नगरपालिका अधिकारी) की नियुक्ति नहीं की गई है। हालत यह है कि जिन पदों पर अनुभवी अधिकारियों को बैठना चाहिए, वहां आज सहायक राजस्व निरीक्षक, बाबू और मोहर्रिर जैसे निचले दर्जे के कर्मचारी कुर्सी संभाल रहे हैं।
  कोंडागांव जिले की बात करें तो जिला मुख्यालय जैसे महत्वपूर्ण नगरपालिका में एक सहायक राजस्व निरीक्षक को सीएमओ पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई है, जबकि फरसगांव जैसी नगर पंचायत में पूर्णकालिक सीएमओ पदस्थ है। इससे न केवल वरिष्ठता का अपमान हो रहा है, बल्कि योग्य अफसर प्रमोशन की आस में रिटायर होते जा रहे हैं।

? 87 नगरीय निकायों में सीएमओ का पद रिक्त

प्रदेश की 87 नगरपालिकाएं और नगर पंचायतें इस समय स्थायी सीएमओ विहीन हैं। नगरीय प्रशासन विभाग ने नियमों और वरिष्ठता को ताक पर रखकर प्रशासन को 'जुगाड़ व्यवस्था' से चलाना शुरू कर दिया है। इन पदों पर योग्य अफसरों की नियुक्ति की जगह 4-5 ग्रेड नीचे के कर्मचारियों को प्रभारी बनाकर बिठा दिया गया है।

? 10 जिला मुख्यालयों में भी वही हाल

दंतेवाड़ा, जशपुर, नारायणपुर, सुकमा, खैरागढ़, सारंगढ़, बलरामपुर, सूरजपुर, मनेंद्रगढ़ और कोंडागांव जैसे प्रमुख जिला मुख्यालयों में भी यही स्थिति बनी हुई है। इनमें कहीं बाबू, तो कहीं सहायक राजस्व निरीक्षक “सीएमओ” की कुर्सी संभाल रहे हैं।

? सीएमओ और बाबू में पांच ग्रेड का अंतर

सीएमओ पद का ग्रेड पे 5400 होता है, जबकि जिन कर्मचारियों से कार्य कराया जा रहा है उनका ग्रेड पे केवल 1900 या 2200 है। इसका मतलब यह हुआ कि बिना पर्याप्त प्रशासनिक अनुभव और अधिकार क्षेत्र वाले कर्मचारियों को मनमाने ढंग से ऊंचे पदों पर बैठा दिया गया है।

? प्रश्न उठता है:

क्या छत्तीसगढ़ शासन के पास योग्य CMO कैडर के अधिकारी नहीं हैं?
क्यों वरिष्ठ अधिकारियों की अनदेखी कर निचले दर्जे के कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जा रही है?
क्या यह प्रशासनिक क्षमता के साथ खिलवाड़ नहीं है?

✍️ निष्कर्ष:

छत्तीसगढ़ की नगरीय निकायों में कुर्सी नहीं, सिफारिशें काम कर रही हैं। जिससे ना सिर्फ प्रशासन की साख गिर रही है, बल्कि योग्य अधिकारियों में हताशा भी फैल रही है। सरकार यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं देती तो आने वाले समय में शहरी प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता की उम्मीद करना बेमानी होगा।

बीजापुर। शौर्यपथ न्यूज।

    जिला मुख्यालय बीजापुर में पुराना बस स्टैंड स्थित किशोर होटल एक बार फिर सुर्खियों में है, इस बार वजह बनी है एक समोसे में निकला मानव बाल, जिसने उपभोक्ताओं को चौंका दिया है और वॉट्सऐप ग्रुपों पर जन आक्रोश को भड़का दिया है। भोजन की थाली में बाल मिलने की यह घटना केवल एक लापरवाही नहीं, बल्कि होटल संचालन में गंदगी और प्रशासनिक मिलीभगत की खुली तस्वीर पेश करती है।
  स्थानीय नागरिकों का कहना है कि होटल कर्मियों द्वारा सिर पर कैप पहनने जैसे बुनियादी सुरक्षा नियमों की भी धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं, और यह लापरवाही खाद्य सुरक्षा विभाग की अनदेखी और संभवत: 'मोटी रकमÓ के लेन-देन का परिणाम है। लोगों ने आरोप लगाया है कि फूड इंस्पेक्टर ने अब तक न तो कोई निरीक्षण किया और न ही किसी प्रकार की सख्त कार्रवाई की।
  जनता सवाल पूछ रही है कि जब नियम स्पष्ट हैं—खाद्य निर्माण में स्वच्छता और कर्मचारियों द्वारा हेड कवर पहनना अनिवार्य है—तो ऐसे होटल कैसे बेरोकटोक चल रहे हैं?
  विशेषज्ञों का कहना है कि बाल जैसे बाहरी तत्व के गले में फंसने से स्वास अवरोध और जान जाने तक का खतरा हो सकता है, ऐसे में इसे मामूली लापरवाही नहीं माना जा सकता।

 जनता की मांग — अब होटल मालिक नहीं,
सबसे पहले भ्रष्ट फूड इंस्पेक्टर पर हो कार्रवाई!
  क्या शासन ऐसे मामलों में सिर्फ खानापूर्ति करेगा या जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबन व विभागीय जांच की राह दिखाएगा? यह देखने वाली बात होगी।

जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर हरिस एस के निर्देशानुसार खनिज विभाग के जांच दल द्वारा 09 जून को ग्राम बनियागांव में अवैध उत्खनन के सूचना प्राप्त होने पर मौके पर 01 चैन माऊण्टेन गशीन को जप्त कर थाना प्रभारी नगरनार की अभिरक्षा में दी गई है। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों को समझाईस दी गई कि अवैध रेत उत्खनन, परिवहन की रोकथाम में सहयोग करें तथा अवैध उत्खनन-परिवहन की सूचना भी विभाग को दें। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार वर्षा काल में 10 जून से 15 अक्टूबर 2025 तक रेत उत्खनन बंद रखा गया है। इसी प्रकार विगत दिनों से अब तक बस्तर जिला अंतर्गत ग्राम तिरथुम, सोनारपाल, फरसागुड़ा, केशलुर, नलपावंड क्षेत्रों का औचक निरीक्षण में अवैध रूप से गौण खनिज का 05 वाहनों में अवैध परिवहन,उत्खनन, भण्डारण करते पाये जाने पर परिवहनकर्ताओं और उत्खन्नकर्ताओं के विरुद्ध गौण खनिज का अवैध परिवहन कर रहे वाहनों का प्रकरण दर्ज करते हुये पुलिस अभिरक्षा में दी गई है। वाहनों को खनिज मय जप्त कर पुलिस अभिरक्षा में सौंपते हुए वाहन मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किया जा रहा है। इसमें एक प्रकरण पर जप्ती की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (रा०) तोकापाल द्वारा की गई है। शेष प्रकरण में कार्यवाही के दौरान जिला खनिज जांच उड़नदस्ता दल के खनि अधिकारी शिखर चेरपा, खनि निरीक्षक गिदुल गुहा तथा खनि सिपाही डिकेश्वर खरे, सीताराम नेताम, विकास नायक, जलंधर बघेल, महादेव सेठिया, संतोष सहारा उपस्थित थे। उपरोक्त सभी प्रकरणों में छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियमावली 2015 के नियम 71 सहपठित खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 21 के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

जगदलपुर, शौर्यपथ। स्थानीय मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप अपने एक दिवसीय संक्षिप्त बस्तर प्रवास में जगदलपुर आगमन पर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सचिव भीम सिंह भी पहुंचे, अतिथियों का स्वागत के दौरान विधायक चित्रकोट श्रीविनायक गोयल भी साथ रहे, बस्तर आईजी सुंदरराज पी.,कलेक्टर हरिस एस, एसपी शलभ कुमार सिन्हा, जिला पंचायत सीईओ प्रतीक जैन सहित अन्य अधिकारियों द्वारा किया गया।

 अवैध हथियार और कारतूस की सप्लाई नेटवर्क के तार अन्य राज्यों से हैं जुड़े हुए
 प्रकरण में लोकल नेटवर्क की पतासाजी भी जारी
 आरोपियों  की पतासाजी और धर पकड़ के लिए गठित नारायणपुर पुलिस की  स्पेशल टीम की त्वरित कार्यवाही
 नारायणपुर/शौर्यपथ /नारायणपुर थाना क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए नक्सलियों को अवैध हथियार, कारतूस, गोला-बारूद तथा अन्य सामान सप्लाई करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की सतत् निगरानी की जा रही है। इसी तारतम्य में मुखबिर द्वारा बताया गए सूचना पर नारायणपुर पुलिस द्वारा नाकेबंदी करके एक संदेही व्यक्ति को नारायणपुर –कुतुल मार्ग से हिरासत में लिया गया, जिसने पूछताछ में अपना प्रकाश सोनी पिता स्व. श्री गौतम सोनी उम्र 27 वर्ष निवासी बख़रूपारा नारायणपुर का होना बताया। उक्त संदेही के क़ब्ज़े से एक कत्था रंग के स्कूटी क्र. सीजी–21–F–8893 में रखे कॉर्डेक्स वायर लगभग 3 मीटर, बिजली तार, स्कैनर( वॉकी टॉकी), 20 नग राउंड, 3 नग डेटोनेटर बरामद किया गया, जिसे नक्सलियों को सप्लाई देने के लिए रखा होना बताया।
    प्रकरण में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन अनुसार थाना नारायणपुर में अपराध क्रमांक-55/2025, धारा- 4, 5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना की जा रही है। पुलिस अधीक्षक नारायणपुर के द्वारा उक्त प्रकरण में आरोपियों की पतासाजी और धर पकड़ हेतु विशेष टीम गठित की गई और थाना नारायणपुर पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही की गई।
  विस्तृत पूछताछ में आरोपी प्रकाश सोनी ने बताया कि विगत चार पांच वर्षों से वह लगातार नक्सलियों के संपर्क में रहा है और नक्सलियों को भारी मात्रा में बंदूक की गोली, विस्फोटक सामग्री व नक्सली सामग्री अवैध रूप से खरीदकर नारायणपुर में लाकर नक्सलियों को देना स्वीकार किया। प्रकरण में कई नक्सलियों के साथ अन्य आरोपियों के नाम का ख़ुलासा भी किया गया।
  आरोपी के द्वारा नक्सलियों को हथियार के कारतूस व अन्य नक्सली सामग्री सप्लाई करने में सहयोग करने वाले कई और लोगों के नामों का ख़ुलासा किया गया है, जिनकी तलाश एवं नेटवर्क से जुड़े अन्य व्यक्तियों की पहचान के लिए आगे की जांच जारी है। पुलिस अन्य संभावित लिंक एवं सहयोगियों की जानकारी एकत्र कर रही है, जिससे इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।
 आरोपियों द्वारा शहरी क्षेत्र में रहकर आम जनता एवं सुरक्षा बलों को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से प्रतिबंधित माओवादी संगठन को भारी मात्रा में बंदूक के गोली, विस्फोटक सामग्री व नक्सली सामग्री सप्लाई करने के जुर्म में दिनांक 06.06.2025 को आरोपी  प्रकाश सोनी को गिरफ्तार कर माननीय विशेष न्यायालय में न्यायिक रिमाण्ड पर पेश किया गया है।
 प्रकरण में विशेष भूमिका निभाने वाले अधिकारियों के नाम निरीक्षक सुरेश यादव, उप निरीक्षक संजय टोप्पो, उप निरीक्षक राजकुमार राय, उप निरीक्षक शिव साहू, प्रधान आरक्षक वंश गोपाल पटेल व अन्य थाना नारायणपुर पेट्रोलिंग स्टाफ

जगदलपुर, शौर्यपथ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बस्तर प्रतीक जैन द्वारा पदीय दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता बरतने के कारण ग्राम पंचायत सचिव डिमरापाल विकासखण्ड तोकापाल सकरू राम कश्यप को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। इस सम्बंध में जारी आदेश में कहा गया है कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तोकापाल से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार तोकापाल क्षेत्रान्तर्गत 17 मई 2025 को ग्राम बड़ेमारेंगा जनपद पंचायत तोकापाल में आयोजित समाधान शिविर में सचिव ग्राम पंचायत डिमरापाल सकरू राम कश्यप द्वारा शराब का सेवन कर समाधान शिविर में उपस्थित होने के कारण सकरू राम कश्यप सचिव ग्राम पंचायत डिमरापाल को उच्चाधिकारी के निर्देशों की अवहेलना करने सहित अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता बरतने तथा छत्तीसगढ़ पंचायतराज अधिनियम 1993 की धारा 72 के तहत ग्राम पंचायत सचिव के विहित कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन नहीं करने के फलस्वरूप सचिव ग्राम पंचायत डिमरापाल जनपद पंचायत तोकापाल सकरू राम कश्यप को छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा अनुशासन तथा अपील नियम 1999 के नियम 4 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में सकरू राम कश्यप का मुख्यालय कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तोकापाल निर्धारित किया जाता है। निलंबन अवधि में सम्बन्धित को छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा अनुशासन तथा अपील नियम 1999 के नियम 13 के तहत नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा ।

जगदलपुर, शौर्यपथ। कमिश्नर बस्तर संभाग डोमन सिंह के अनुमोदन के आधार पर प्रभारी कलेक्टर प्रतीक जैन द्वारा कर्तव्य में गम्भीर लापरवाही बरतने के कारण खण्ड शिक्षा अधिकारी जगदलपुर एम एस भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उक्त परिप्रेक्ष्य में जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य शासन के निर्देशानुसार बस्तर जिले में युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिसमें खण्ड शिक्षा अधिकारी जगदलपुर मानसिंह भारद्वाज द्वारा युक्तियुक्तकरण हेतु विकासखण्ड जगदलपुर से विसंगतिपूर्ण जानकारी जिला स्तरीय समिति को प्रस्तुत किया गया। जिसके तहत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नगरनार में कनिष्ठ शिक्षक का वरिष्ठ एवं वरिष्ठ शिक्षक को कनिष्ठ मानते हुए जानकारी प्रस्तुत किया गया। साथ ही सेजेस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विवेकानंद जगदलपुर (हिन्दी माध्यम) ई संवर्ग की शाला है जिसे सम्बन्धित के द्वारा टी संवर्ग एवं ई संवर्ग दोनों में रिक्त पद की जानकारी दी गई। वहीं युक्तियुक्तकरण से संबंधित विकासखण्ड स्तरीय जानकारी में वरिष्ठता निर्धारण में अत्यधिक त्रुटिपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की गई। इसके साथ ही युक्तियुक्तकरण हेतु स्वीकृत एवं रिक्त पदों की विसंगति पूर्ण जानकारी जिला स्तरीय समिति को प्रस्तुत की गई। सम्बन्धित बीईओ के द्वारा उपरोक्तानुसार कृत कार्यवाही राज्य शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों एवं छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम (I,II,III) के विपरीत है। अतः छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत विकासखंड शिक्षा अधिकारी विकासखण्ड जगदलपुर (मूल पद प्राचार्य) मानसिंह भारद्वाज को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में मानसिंह भारद्वाज का मुख्यालय कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जगदलपुर जिला बस्तर नियत किया जाता है। निलंबन अवधि में संबंधित को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा ।

संवाददाता - हरिया सोनी
नारायणपुर / शौर्यपथ / विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर माननीय छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेशानुसार एवं प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोंडागांव माननीय श्रीमती किरण चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नारायणपुर कु. प्रतिभा मरकाम के नेतृत्व में व्यवहार न्यायालय नारायणपुर में वृक्षारोपण के साथ स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कु. प्रतिभा मरकाम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रिटेनर अधिवक्ता श्री चंद्र प्रकाश कश्यप जितेंद्र शुक्ला जे.एस राठौर क्षमा साहू अधिवक्तागण चंद्रशेखर राव ए.डी.पी.ओ सोमनाथ पोटाई मेघा नाग वीरेंद्र ध्रुव विष्णु कडियाम इनूत एम्का एवं अन्य न्यायिक कर्मचारी गण के द्वारा न्यायालय परिसर में अपने-अपने हाथों से पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण हेतु संकल्प लिया गया। कु. प्रतिमा मरकाम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा  जानकारी दिया गया 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है वृक्ष से हमें ऑक्सीजन मिलता है जिससे हम ग्रहण कर जीवन यापन करते हैं। अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर पर्यावरण की सुरक्षा की जा सकती है। रिटेनर अधिवक्ता चंद्र प्रकाश के द्वारा जानकारी दिया गया कि संविधान के अनुच्छेद 51 (क) में उल्लेखित है कि भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वन एव वन्य जीव जंतु पर्यावरण की रक्षा करने का मूल कर्तव्य है। अनुच्छेद 48(A) निर्देशित करता है कि राज्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने तथा देश के वनों और वन्य जीवों की रक्षा करने का प्रयास करेंगे इस अवसर पर समस्त अधिवक्तागण न्यायिक कर्मचारीगण अभियोजन के कर्मचारीगण अधिकार मित्र घसीराम नेताम उपस्थित रहे।

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