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हिंदी पत्रकारिता एवं साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए अभिषेक को डॉक्टरेट की मानद उपाधि
नारायणपुर/शौर्यपथ /नारायणपुर के युवा लेखक अभिषेक बेनर्जी को हिंदी लेखन,हिंदी भाषा में उत्कृष्ट पत्रकारिता एवं हिंदी साहित्य सृजन के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ द्वारा नई दिल्ली के पश्चिम विहार मे स्थित रेडीशन ब्लू होटल मे आयोजित भव्य कार्यक्रम मे डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया,पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ देश के की उन संस्थाओं में से एक है जो विद्यावाचस्पति अर्थात डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करती है,यह सम्मान उन्हें हिंदी भाषा की सेवा, पत्रकारिता की निष्पक्षता, और साहित्यिक अभिव्यक्तियों की नवीन ऊँचाइयों पर पहुँचाने के लिए दिया गया है।
नई दिल्ली मे सांसदों ने किया सम्मान
उपाधि मिलने के पश्चात् डॉ अभिषेक बेनर्जी को नई दिल्ली मे केंद्र सरकार में आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री तोखन लाल साहू ,बस्तर सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग ने साल श्रीफल से सम्मानित कर बधाई दी व उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
हिंदी भाषा के संरक्षण व संवर्धन के लिए रहूंगा समर्पित- डॉ. अभिषेक बेनर्जी
डॉ. अभिषेक बेनर्जी ने बताया पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ जैसी प्रतिष्ठित संस्था द्वारा मुझे डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान किया जाना, मेरे लिए केवल एक सम्मान हीं नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी है—ज्ञान, संस्कृति और समाज के प्रति अपनी भूमिका को और अधिक गंभीरता व समर्पण से निभाने की।यह उपाधि न केवल मेरी अब तक की यात्रा की एक स्वीकृति है, बल्कि एक प्रेरणा है कि मैं आगे भी हिंदी भाषा, भारतीय संस्कृति और मानवीय मूल्यों के संरक्षण व संवर्धन में समर्पित रहकर अपने योगदान को और अधिक प्रभावशाली बना सकूं, साथ हीं सभी शुभचिंतको का आभार व्यक्त करता हूँ|
स्वामी आत्मानंद विद्यालय का निरीक्षण कर स्कूल के साफ-सफाई एवं सौन्दर्यीकरण करने के निर्देश
नारायणपुर/शौर्यपथ / कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं द्वारा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय सिंगोड़ीतराई, प्राथमिक शाला एवं आंगनबाड़ी केन्द्र अंजरेल का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने स्वामी आत्मानंद सिंगोड़ीतराई का निरीक्षण करते हुए प्राचार्य को विद्यालय का साफ-सफाई एवं सौन्दर्यीकरण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने विद्यालय के शिक्षकों की पदस्थापना संबंधी जानकारी ली तथा रिक्त पदों को शीघ्र पूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने निरीक्षण करते हुए कक्षा 9वीं के बच्चों से संस्कृत विषय की जिज्ञासा संबंधी जानकारी ली और बच्चों से पाठय पुस्तक मिलने की जानकारी लेते हुए कक्षा शिक्षक से सभी विषय संबंधी विस्तार पूर्वक जानकारी ली। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का निरीक्षण करते हुए कक्षा 11वीं के बच्चों से विषय संबंधी जानकारी लेते हुए नीट की पढ़ाई करने प्रोत्साहित किया। उन्होंने कक्षों का निरीक्षण करने के पश्चात् फिजीक्स एवं केमिस्ट्री लैब का भी अवलोकन किया। उन्होंने विद्यालय परिसर के अवलोकन करते हुए भण्डार एवं भोजन कक्ष का भी अवलोकन कर प्राचार्य को साफ-सफाई, रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निरीक्षण करते हुए पहली एवं दुसरी कक्षा के बच्चों से विषय संबंधी जानकारी ली। उन्होंने निरीक्षण करते हुए कक्षा पहली के बच्चों से अंग्रेजी अक्षर ज्ञान संबंधी बच्चों का जिज्ञासा बढ़ाया। निरीक्षण पश्चात स्कूल परिसर का जायजा लेते हुए प्राचार्य को शौचालय, लैब, भवन मरम्मत करने के निर्देश दिए। स्वामी आत्मानंद विद्यालय के उपयोगी सामग्रियों की आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने प्राथमिक शाला और आंगनबाड़ी केंद्र अंजरेल का निरीक्षण के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की उपस्थिति कम होने के कारण नाराजगी व्यक्त करते हुए बच्चों की उपस्थिति संख्या में वृद्धि करने निर्देशित किया। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों का परिचय पूछते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से बच्चों के अनुपस्थिति संबंधी जानकारी ली। कलेक्टर ने अंजरेल के स्कूली बच्चों से परिचय पूछते हुए शिक्षा की गुणवत्ता संबंधी जानकारी ली तथा शिक्षक को अच्छी शिक्षा देने के लिए निर्देशित किया। प्राथमिक शाला एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के निरीक्षण पश्चात् कलेक्टर ममगाईं ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत खोड़गांव से चिचाड़ी पारा तक 3.40 किलोमीटर सड़क का भी जायजा लिया।
कलेक्टर ममगाईं ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय महावीर चौंक का निरीक्षण किया। निरीक्षण करते हुए प्राथमिक शाला महावीर चौंक का निरीक्षण करते हुए स्कूल में साफ सफाई और शिक्षा की गुणवत्ता संबंधी जानकारी लेकर शिक्षक को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने निर्देशित किया। उन्होंने निरीक्षण करते हुए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय महावीर चौंक के कक्षा 12वीं के बच्चों से विषय संबंधी चर्चा करते हुए बेहतर पढाई करने के लिए प्रोत्साहित किया। निरीक्षण पश्चात स्कूल परिसर में ही माध्यमिक विद्यालय का भी अवलोकन करते हुए विद्यालय में पेयजल, शौचालय एवं विद्युत संबंधी समस्याओं का शीघ्र निराकरण कराने पीएमजीएसवाई के कार्यपालन अभियंता को निर्देशित किए। महावीर चौंक विद्यालय के मरम्मत कार्य का भी अवलोकन करते हुए गुणवत्तायुक्त कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार पटेल, पीएमजीएसवाई के कार्यपालन अभियंता विनय वर्मा, जिला परियोजना अधिकारी महेन्द्र देहारी और प्राचार्य कल्याण कुमार मिस्त्री उपस्थित थे।
आबकारी आरक्षक परीक्षा प्रवेश पत्र के संबंध में जारी हुए विशेष दिशा निर्देश
दंतेवाड़ा/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल, रायपुर द्वारा कार्यालय आबकारी आयुक्त, छत्तीसगढ़, नवा रायपुर के अंतर्गत आबकारी आरक्षक के रिक्त पदों पर लिखित भर्ती परीक्षा (एबीए 25) का आयोजन 27 जुलाई 2025 दिन रविवार समय 11 से 1:15 बजे को किया जावेगा। इस संबंध में अभ्यर्थी व्यापम की वेबसाइट vyapamcg.cgstate.gov.in पर उपलब्ध लिंक पर क्लिक करके अपने प्रोफाइल लॉगिन पेज से प्रवेश पत्र दिनांक 21 जुलाई 2025 से डाउनलोड कर सकते हैं। अभ्यर्थी अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त एसएमएस के यू.आर.एल. को क्लिक करके भी सीधे प्रवेश पत्र प्राप्त कर उसका प्रिंट आउट ले सकते हैं। परीक्षा दिवस को प्रत्येक परीक्षार्थी लगभग दो घंटे पूर्व अपने परीक्षा केन्द्र में उपस्थित रहेंगे, जिससे उनके मूल पहचान पत्र से उनका पहचान किया जा सके एवं फिस्किंग के उपरांत परीक्षा केंद्र में जाने हेतु अनुमति दी जा सके। यह उचित होगा कि, परीक्षार्थी परीक्षा दिवस से एक दिन पूर्व ही अपने परीक्षा केन्द्र की भौगोलिक स्थिति से भली भांति परिचित हो जावें। प्रवेश पत्र पर अंकित समय के पश्चात् किसी को भी परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
अभ्यर्थी संपूर्ण प्रवेश पत्र पूर्णतः डाउनलोड करें और उसका प्रिंट आउट लेकर परीक्षा केन्द्र में जायें। परीक्षार्थियों को डाकघर के माध्यम से प्रवेश पत्र नहीं भेजा जावेगा। किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा केन्द्र के सम्बंध में कठिनाई होती है तो हेल्पलाइन नंबर 0771-2972780 एवं मोबाइल नंबर +918269801982 पर समय प्रातः 10 से सायं 5:30 बजे तक संपर्क कर सकते हैं। परीक्षार्थियों को अपना फोटोयुक्त मूल आई डी. प्रूफ जैसे मतदाता पहचान पत्र, ड्रायविंग लायसेंस, पेन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, विद्यालय का फोटोयुक्त परिचय पत्र, फोटोयुक्त अंकसूची मूलरूप में (फोटो कॉपी मान्य नहीं) परीक्षा दिवस में परीक्षा केन्द्र में लाना अनिवार्य होगा। मूल पहचान पत्र के अभाव में परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
परीक्षार्थियों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश
परीक्षार्थी, परीक्षा प्रारंभ होने के कम से कम 2 घंटा पूर्व परीक्षा केन्द्र में पहुंचेगें ताकि उनका फ्रिस्किंग एवं सत्यापन किया जा सके। परीक्षा प्रारंभ होने के 15 मिनट पूर्व अर्थात् प्रातः 10:30 बजे परीक्षा केन्द्र का मुख्य द्वार बंद कर दिया जायेगा। इसके अलावा अभ्यर्थियों को हल्के रंग के आधी बांह वाले कपड़े पहनने एवं फुटवियर के रूप में चप्पल पहनने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कानों में किसी भी प्रकार का आभूषण वर्जित रहेगा। परीक्षा प्रारंभ होने के पहले आधा घंटा में एवं परीक्षा समाप्ति के आखिरी आधा घंटा में परीक्षा केन्द्र से बाहर जाना वर्जित किया गया है। परीक्षा कक्ष में किसी प्रकार का संचार उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक घडी, पर्स, पाउच, स्कार्फ, बेल्ट, टोपी आदि ले जाना पूर्णतः वर्जित है।
रायपुर/कोड़ागांव, 23 जुलाई 2025। संवाददाता - शौर्यपथ न्यूज
छत्तीसगढ़ के कोड़ागांव जिले से सामने आई यह घटना न सिर्फ राजनीतिक गलियारों को झकझोर रही है, बल्कि यह यह सवाल भी खड़े कर रही है कि किस हद तक लालच और प्रभाव का खेल हमारे जनप्रतिनिधियों को ठगों के जाल में फंसा सकता है।
कोड़ागांव जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता और जिला कोर समिति के सदस्य संतोष कटारिया ने आरोप लगाया है कि उन्हें खनिज निगम का अध्यक्ष बनाने का झांसा देकर 41.30 लाख रुपये की ठगी की गई। कटारिया के मुताबिक, उनसे कुल 3 करोड़ रुपये की मांग की गई थी, जिसमें उन्होंने अलग-अलग किश्तों में कुल 41.30 लाख रुपये राजीव सोनी नामक व्यक्ति को दे दिए।
ठगी का शिकार होने के बाद कटारिया ने केशकाल थाने में मामला दर्ज करवाया है। शिकायत में उन्होंने बताया कि रायपुर निवासी राजीव सोनी ने बातचीत के दौरान उन्हें काजल जोशी उर्फ काजल झूले और राजनीति में प्रभावशाली बताए गए व्यक्तियों से मिलवाया। इसी बीच उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और केंद्रीय मंत्रियों से करीबी संबंधों का भी दावा किया गया।
64 वर्षीय संतोष कटारिया भाजपा संगठन में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं। वह पूर्व में मंडल अध्यक्ष रह चुके हैं और कोड़ागांव जिले की राजनीति में एक स्थायी चेहरा माने जाते हैं। राजनीतिक रूप से सक्रिय होने के कारण उन्हें राज्य स्तरीय पद की अपेक्षा थी, जिसका फायदा कथित ठगों ने उठाया।
अब तक की जानकारी के अनुसार, इस प्रकरण में मुख्य आरोपी राजीव सोनी हैं, जो रायपुर के रहने वाले हैं। उनके साथ काजल जोशी और राजनीति में कथित संपर्क रखने वाले अन्य व्यक्ति भी जांच के घेरे में हैं। बताया जा रहा है कि ठगी का यह गिरोह पहले भी कई लोगों को ऐसे झूठे वादों से शिकार बना चुका है।
केशकाल पुलिस ने संतोष कटारिया की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली है और आरोपियों की तलाश में टीम गठित की गई है। पुलिस ने इसे गंभीर आर्थिक अपराध मानते हुए तकनीकी साक्ष्य और बैंक ट्रांजैक्शन को भी जांच में शामिल किया है।
भाजपा की जिला इकाई ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है, लेकिन अंदरखाने यह मामला संगठन की प्रतिष्ठा के लिए बेहद असहज स्थिति पैदा कर चुका है। वहीं विपक्ष इस घटना को भाजपा नेतृत्व में व्याप्त आंतरिक भ्रम और सत्ता के लिए होड़ का उदाहरण बता रहा है।
इस मामले में दो पहलू सामने आते हैं — पहला, राजनीति में प्रभावी पद पाने की हसरत और दूसरा, बिना सत्यापन के अज्ञात लोगों पर भरोसा करना। यह घटना इस बात का संकेत है कि आज भी राजनीति में "पद" पाने की चाह कई बार नेतृत्व क्षमता से अधिक नेटवर्किंग और छल-कपट के जाल में फंस जाती है।
यह घटना केवल एक व्यक्ति के साथ हुई ठगी नहीं, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की राजनीतिक संस्कृति पर भी सवालिया निशान छोड़ती है। यदि राजनीतिक पदों के नाम पर ठगी का ऐसा संगठित खेल चल रहा है, तो यह न केवल कानून व्यवस्था का मामला है बल्कि लोकतंत्र की आंतरिक सड़न की ओर भी संकेत करता है।
संवाददाता - नरेश देवांगन
जगदलपुर/ शौर्यपथ/
कहा जाता है जब उच्चाधिकारियों का और नेताओं का संरक्षण प्राप्त हो तो आज के जमाने में किसी का कुछ नही होता, सरकारी पैसा ही तो है कौन सा तुम्हारे घर का सरपँच/सचिव खा रहा है और तुम क्यों समाजसेवी बने पड़े हो? कौन से पँचायत में ऐसा नहीं होता? लाखों चुनाव में खर्च किया है। कहाँ से वापसी करेगी बेचारी? ऐसे अनर्गल तथ्यों के बीच हम ये सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि क्या सच मे जनपद स्तर पर सरपॅच सचिव को संरक्षण प्राप्त है..! क्या उच्चाधिकारियों को सब पता रहता है और ये राशि निकालने से पहले ही उन्हें कमीशन की भेंट चढ़ाई जाती है, जब प्रसाद पहले चढ़ गया है तो फिर डर काहे का, क्योंकि अंत मे तो जांच-अधिकारी भी जनपद स्तर से ही जाएंगे। इसलिए ग्राम पंचायत आमागुड़ा के सरपँच-सचिव बिना नाली साफ कराये ही वर्ष- 2021-22 में लगभग ?48680 रुपये खर्च दिखाकर राशि निकाल अपना जेब भरने का काम किये है ढ्ढ ग्रामीणों का आरोप है की जाँच अधिकारी के द्वारा जाँच के नाम पे खानापूर्ति कर सरपंच सचिव को बचाने में किसी प्रकार का कोई कसर नहीं छोड़ा गया है ढ्ढ ग्रामीणों का यह भी कहना है की जनपद जगदलपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री भाटिया साहब काफी कर्तव्यनिष्ठ व न्यायप्रिय अधिकारी है, उनको भ्रस्टाचार की लिखित शिकायत मिलने के बाद भी साहब का इस मामले में चुप रहना समझ से परे हो गया हैढ्ढ जबकि कोटवार घर से बलदेव घर तक रह रहे ग्रामीणों का साफ कहना है की पूर्व मे नाली की सफाई नहीं हुई है, शासकीय राशि को सरपंच सचिव निकाल भ्रष्टाचार किये है।
इस मामले पे ग्राम पंचायत आमागुड़ा सरपंच श्रीमती नाग से फ़ोन पे जानकारी चाही गई तो उनका साफ कहना है की कोटवार घर से बलदेव घर तक नाली का निर्माण होने के बाद से कभी भी नाली का सफाई कार्य नहीं किया गया ढ्ढ उनके द्वारा जून माह 2025 में कोटवार घर से बलदेव घर तक नाली सफाई करवाने के सात ही पुरे गाँव में नाली सफाई कार्य किया गया है ढ्ढ
लिखित शिकायत मिलने के दो माह 14 दिन के बाद कि गई जाँच,या खानापूर्ति ?
लिखित शिकायत दिनांक- 23/04/2025 को मिलने के दो माह 14 दिन के बाद इस पुरे मामले की जाँच रविन्द्र सिंह ठाकुर स0आ0ले0प0 अधिकारी जनपद पंचायत जगदलपुर ने किया है ढ्ढ जाँच अधिकारी ने अपने जाँच प्रतिवेदन में यह उल्लेख किया है- 1. वर्ष 2021-22 में कोटवार घर से बलदेव घर तक नाली सफाई का कार्य नहीं किया गया है ढ्ढ वर्ष 2022-23 में 15वा वित् आयोग योजना अंतर्गत सीसी सड़क निर्माण, नाली सफाई कार्य तथा अन्य कार्य किया गया 2. मे. देवकी फरसु ट्रेडर्स को 24,200रुपए का भुगतान किया गया सामग्री का उपयोग सीसी सड़क निर्माण कार्य हेतु किया गया है जो की रोकड़ वही के पृष्ट क्रमांक – पर दिनाकं– 22/07/2022 को दर्ज है ढ्ढ
शौर्यपथ ने प्रमुखता से 16जुलाई को खबर प्रकाशित की थी की वर्ष 2021-22 में कोटवार घर से बलदेव घर तक की नाली की सफाई बनने से लेकर अब तक सफाई कार्य नहीं किया गया हैढ्ढ इस खबर को लगभग एक सप्ताह बीत गये है, लेकिन ग्रामीणों के आरोप व लिखित शिकायत पे संतोषजनक जाँच नहीं कर जाँच अधिकारी ने कई सवाल खड़े कर दिए है –
1.जाँच अधिकारी ने शिकायत पत्र के आधार पे कोटवार घर से बलदेव घर तक रह रहे सभी लोगो का ब्यान दर्ज क्यों नही किया?
2.उक्त मस्टररोल पे दर्ज मजदूरो का ब्यान क्यों नहीं लिया गया?
3.पूर्व सरपंच,सचिव से स्पष्टीकरण/जवाब क्यों नही माँगा गया ?
4.जाँच अधिकारी के द्वारा जाँच का पंचनामा शिकायत स्थल जाके त्यार क्यों नहीं किया गया ?
5.जाँच अधिकारी के द्वारा रोकड़ वही के पृष्ट क्रमांक – 8 व खर्च राशि को क्यों नहीं मिलाया गया? जबकि राशि में ?8160 रुपए मजदूरी भुगतान में अंतर है?
हैरानी की बात यह है कि पूरे प्रकरण की जानकारी सार्वजनिक होने के बावजूद अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सफाई के नाम पर केवल कागज़ों में काम हुआ है। क्षेत्रीय लोगो और समाजसेवियों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। प्रश्न यह उठता है कि जब सबूत मौजूद हैं, तो फिर कार्यवाही में देरी क्यों? जाँच अधिकारी की लापरवाही, या फिर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश?
इस मामले पे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जगदलपुर श्री भाटिया का कहना है कि नाली सफाई के नाम से फर्जी राशि निकालने कि शिकायत पत्र प्राप्त हुई थी, मामले कि जांचोपरान्त जाँच प्रतिवेदन मुझे प्राप्त हुआ है। अगर शिकायतकर्ता इस जाँच से संतुष्ट नहीं है तो मामले कि पुन: जाँच के लिए आदेशित किया जायेगा।
कोण्डागांव/शौर्यपथ /कलेक्टर एवं जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण कोंडागाँव के अध्यक्ष श्रीमती नूपुर राशि पन्ना की अध्यक्षता में मंगलवार को संयुक्त जिला कार्यालय के सभा कक्ष में जिला साक्षरता मिशन प्राधिकारण की उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। कलेक्टर ने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को साक्षरता दर बढ़ाने में जरूरी सहयोग एवं समन्वय के निर्देश दिए। जिले में पहली बार विभिन्न विकासखंडों के कक्षा 8वीं 10वीं एवं 12वीं के चार छात्र छात्राओं ने 10 असाक्षर को साक्षर कर मार्च 2025 की साक्षरता की महा परीक्षा में सम्मिलित कर उत्तीर्ण कराया और अपने मुख्य परीक्षा में बोनस अंक के 10 अतिरिक्त अंक अर्जित किये। बैठक में जिला पंचायत सीईओ एवं जनपद पंचायत सीईओ को सचिव एवं रोजगार सहायकों को सहयोग देने कॉलेज के छात्र-छात्राओं, राष्ट्रीय सेवा योजना तथा एनसीसी के विद्यार्थियों से सर्वे कार्य में सहयोग एवं स्वयंसेवी शिक्षक की भूमिका निभाने का निर्देश दिया। महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सर्वे कार्य में सहयोग एवं स्वयंसेवी शिक्षक की भूमिका निभाने हेतु निर्देश जारी करने कहा गया। इसी तरह श्रम विभाग के असाक्षर श्रमिकों को एवं आदिम जाति विकास विभाग समाज कल्याण विभाग श्रम विभाग कृषि एवं पशुपालन खेल विभाग कौशल विकास जैसे सभी विभागों को उनके असाक्षर हितग्राहियों को उल्लास योजना से जोड़ने की निर्देश दिए गए। जिला परियोजना अधिकारी श्री वेणुगोपाल राव ने बताया कि इस वर्ष राज्य से जिला को 50000 शिक्षार्थियों तथा 5000 स्वयंसेवी शिक्षकों का सर्वे करने एवं उसका उल्लास एप में प्रविष्टि करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत पांच घटकों का समावेश किया गया है, इसमें बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान महत्वपूर्ण जीवन कौशल जैसे वित्तीय कानूनी डिजिटल पर्यावरण मतदाता साक्षरता एवं सतत शिक्षा शामिल है। जिले के पुरुष साक्षरता दर 67.45 प्रतिशत एवं महिला साक्षरता दर 45.37 प्रतिशत है तथा जिला का साक्षरता दर 56.21 प्रतिशत है। वर्ष 2025-26 के लिए प्राप्त लक्ष्य 15000 शिक्षार्थियों का सर्वे कर उल्लास एप में प्रविष्टि की जाएगी तथा माह मार्च 2026 की साक्षरता के महापरीक्षा में सम्मिलित होंगे। उन्होंने बताया कि प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक को ग्राम या वार्ड प्रभारी बनाया गया है तथा उनके मार्गदर्शन में संस्था के समक्ष शिक्षक सर्वे कार्य व उल्लास एप में प्रविष्टि का कार्य जुलाई 2025 तक संपन्न करेंगे। सभी विभाग प्रमुख ग्राम वार्ड के प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक को सहयोग प्रदान करने के लिए अमले को निर्देशित करेंगे। इसके साथ ही उल्लास केन्द्रों को आकर्षक बनाने एवं स्मार्ट क्लास के अंतर्गत सभी को ऑडियो विजुअल सामग्री प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती प्रधान एवं डीएमसी श्री ईमेल सिंह बघेल भी उपस्थित थे।
संवाददाता - नरेश देवांगन
जगदलपुर/शौर्यपथ/बरसात का मौसम दस्तक दे चुका है, और ऐसे समय में गांवों में नालियों की साफ-सफाई बेहद जरूरी हो जाती है। लेकिन जगदलपुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत आमागुड़ा में स्थिति इसके ठीक उलट है। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत सचिव ने सफाई कार्य के नाम पर शासकीय राशि तो निकाल ली, लेकिन वास्तविक रूप से किसी भी प्रकार की सफाई नहीं कराई गई।
ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत के अनुसार पंचायत के रिकॉर्ड में वर्ष 2021-22 में कोटवार घर से बलदेव घर तक नाली सफाई के लिए ₹48,680 खर्च दर्शाए गए हैं। बिल-बाउचर में उल्लेख है कि इस कार्य में गिट्टी और सेंटरिंग तार पर ही ₹24,200 खर्च कर दिए गए। सवाल यह उठता है कि नाली की सफाई में गिट्टी और सेंटरिंग तार का क्या उपयोग हो सकता है?
जब मौके पर जाकर स्थिति की पड़ताल की, तो पाया कि नालियां जस की तस गंदगी और कचरे से भरी हुई हैं। कई स्थानों पर नाली का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है और दुर्गंध से ग्रामीणों का जीवन बेहाल हो चुका है।
निवासियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि,
"जब से नाली का निर्माण हुआ है, हमने कभी किसी को सफाई करते नहीं देखा। अब तो नाली और सड़क में कोई फर्क ही नहीं रह गया है। मगर रिकॉर्ड में हजारों रुपए खर्च दिखाए गए हैं। ये सरासर घोटाला है।"
इस संबंध में ग्रामीणों ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत जगदलपुर को एक लिखित शिकायत सौंपते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत सचिव ने अपने चहेते लोगों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया है। गांव में कहीं भी सफाई का कार्य न होना, यह स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का मामला प्रतीत होता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है और क्या स्वच्छता मिशन को मजाक बनाते इन जिम्मेदारों पर कोई कठोर कदम उठाया जाता है?
बीजापुर/शौर्यपथ /जिला बीजापुर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कलेक्टर श्री संबित मिश्रा के दिशा निर्देश एवं सीईओ जिला पंचायत श्री हेमंत रमेश नंदनवार के मार्गदर्शन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.आर. पुजारी के नेतृत्व में डॉ रत्ना ठाकुर, सिविल सर्जन एवं श्री वरुण साहू, जिला कार्यक्रम प्रबंधक के सहयोग से तथा डॉ पी. विजय, जिला नोडल अधिकारी के नेतृत्व में संचालित मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एक व्यापक और संवेदनशील जागरूकता अभियान का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकना, मानसिक रोगों से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें समय पर परामर्श और चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करना।
इस मानसिक स्वास्थ्य पहल के तहत जिला बीजापुर ने न केवल 443 जिंदगियों को बेहतर बनाया बल्कि उन्हें नई आशा और आत्मविश्वास से भी भर दिया। मानसिक स्वास्थ्य केवल एक चिकित्सा सेवा नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति की गरिमा और खुशहाल जीवन की कुंजी है, और इस कार्यक्रम ने यही सच्चाई साबित की है।
इस पहल के अंतर्गत विशेषज्ञ डॉक्टरों और समर्पित मानसिक स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने गंभीर अवसाद, चिंता विकार, तनाव और अन्य मानसिक चुनौतियों का सामना कर रहे रोगियों को परामर्श, उपचार और निरंतर समर्थन प्रदान किया जा रहा है। हर रोगी की आंखों में उम्मीद की चमक और चेहरे पर लौटती मुस्कान इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी सफलता है।
कार्यक्रम के दौरान निःशुल्क परामर्श, दवाइयाँ और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान कर यह सुनिश्चित किया गया कि किसी भी व्यक्ति को वित्तीय बाधाओं के कारण सहारा न खोना पड़े। अस्पताल प्रशासन ने विभिन्न जागरूकता अभियानों के माध्यम से यह संदेश फैलाया कि मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य।
इस अभियान के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। उनके योगदान को निम्नलिखित बिंदुओं में विस्तार से प्रस्तुत किया गया हैः-
’समुदाय-आधारित जागरूकता कार्यक्रमः- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के माध्यम से गाँवों और दूरदराज के क्षेत्रों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, लक्षणों की पहचान, और उपचार के तरीकों पर जानकारी दी जा रही है। ’प्रारंभिक जांच और परामर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रारंभिक मानसिक स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान की। यह पहल उन रोगियों के लिए लाभकारी रही, जिन्हें समय पर विशेषज्ञों तक पहुँचने का अवसर नहीं मिलता।
’रेफरल प्रणाली का सुदृढ़ीकरणः- गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित रोगियों को उच्च स्तर के चिकित्सा संस्थानों तक रेफर करने की एक प्रभावी प्रणाली विकसित की गई। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ने रेफरल के साथ निरंतर फॉलो-अप सेवाएँ भी सुनिश्चित कीं।
’स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षणः- स्थानीय स्तर पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी प्राथमिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। इससे मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा और प्रभावशीलता दोनों बढ़े।
’मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए परामर्शः- इस कार्यक्रम के अंतर्गत मानसिक रूप से विकलांग (मेन्टली डिसेबल्ड) बच्चों के लिए विशेष परामर्श सत्रों का भी आयोजन किया गया। इन सत्रों में विशेषज्ञ मनोवैज्ञानिकों और परामर्शदाताओं ने बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यक जानकारी और समर्थन प्रदान किया। इससे बच्चों के समग्र विकास में सहायता मिली और परिवारों को उनकी देखभाल के बेहतर तरीके सीखने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि ‘मानसिक स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण विषय है जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इस अभियान के माध्यम से हमने न केवल मरीजों की सहायता की बल्कि समाज में जागरूकता भी बढ़ाई जा रही है। हम आगे भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन निरन्तर करते रहेंगे। इस अभियान के सफल आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर हम एक स्वस्थ और जागरूक समाज का निर्माण कर सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी सहायता के लिए निःशुल्क नेशनल हेल्पलाइन नंबर 14416 पर संपर्क करें। यह हेल्पलाइन अवसाद, मानसिक तनाव, और आत्महत्या रोकथाम पर परामर्श और सहायता प्रदान करती है।
By - नरेश देवांगन
जगदलपुर, शौर्यपथ। बरसात का मौसम आ चूका है, गाँव की नालियों की साफ-सफाई समय पे ना होने की वजह से पंचायतों में इन दिनों जगह जगह गंदगी बिखरी पड़ी है। नालियां जगह जगह से पटी पड़ी है। नालियों का गंदा पानी बरसात कि वजह से सड़कों पर जमा हो गया है, जिससे मच्छर पैदा हो रहे हैI कचरे से बजबजाती नालियां दुर्गंध मार रही हैI जिससे ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ती है। लेकिन पंचायत के सरपंच सचिव के द्वारा इस समस्या का निराकरण जमीनी स्थर पर न कर कागजो पर बिना सफाई कराए सफाई के अपने चहेते के नाम फर्जी बिल बनाकर राशि आहरित कर शासकीय राशि को ठिकाने लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है I ताजा मामला ग्राम पंचायत आमागुड़ा का है, जहा सफाई के नाम से फर्जी बिल लगा कर राशि निकालने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया हैI इस मामले पे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जगदलपुर को एक लिखित शिकायत भी प्राप्त हुई है I
प्राप्त जानकारी के अनुसार आमागुड़ा पंचायत रिकॉर्ड में बीते वर्ष– 2021-22 में नाली सफाई कार्य कोटवार घर से बलदेव घर तक लगभग ₹48680 रुपये खर्च दिखाए गए हैं। खर्च राशि के बिल बाउचर मे एक बिल गिट्टी, सेंटरिंग तार ₹24200 रुपए का है। सोचने वाली बात है कि नाली सफाई मे गिट्टी ओर सेंटरिंग तार का क्या उपयोग, ऐ तो पंचायत के जिम्मेदार बातएंगे? इस मामले कि "शौर्यपथ" ने जब मौके पर पड़ताल की, तो नालियों की हालत ज्यों की त्यों पाई गई — गंदगी और कचरे से भरी हुई। गांव के लोगों का कहना है कि सफाई का कार्य केवल कागजों में ही हुआ है। कोटवार घर से बलदेव घर तक निवास कर रहे लोगो ने नाम नहीं छापने की सर्त में बताया, "हमने तो जब से नाली का निर्माण हुआ है कभी नाली साफ करते नहीं देखा। अब तो नाली और सड़क एक जैसा दिख रहा है , लेकिन जब हमने रिकॉर्ड देखा तो रुपये खर्च दिखाए गए हैं। यह सरासर घोटाला है।" ग्रामीणों ने इस मामले की जांच की मांग प्रशासन से की है। ग्रामीणों ने बताया कि साफ सफाई के नाम सचिव ने सरकारी राशि का दुरूपयोग किया है। सफाई के नाम फर्जी बिल लगाकर राशि निकाल ली और गांव में कहीं भी सफाई कार्य नहीं कराया है। ग्रामीणों का कहना है की पंचायत में सरकार की स्वच्छता मिशन का किस प्रकार मजाक बनाया जा रहा हैI अब देखना है की इस और जिम्मेदार अधिकारी गैरजिम्मेदार लोगो के ऊपर क्या कार्यवाही करते है?