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'सिर्फ ममता दीदी ही पकड़ पाई थीं, नोटबंदी से क्या होगा नुकसान...

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नोटबंदी  के ऐलान के बाद देशभर में अफरा-तफरी का माहौल रहा. लोगों को नोट बदलने के लिए बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा.

नई दिल्ली /शौर्यपथ/

  आठ नवंबर का दिन देश की अर्थव्यवस्था के इतिहास में एक खास दिन के तौर पर दर्ज है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  ने साल 2016 में इसी दिन रात देश को संबोधित करते हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया था. विपक्ष नोटबंदी की तबसे आलोचना करता आ रहा है. तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी  के नोटबंदी के ऐलान के बाद किए गए ट्वीट को लेकर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की.

ब्रायन ने नोटबंदी को अर्थव्यवस्था के लिए 'काला दिन' करार देते हुए ट्वीट में लिखा, "8 नवंबर 2016 की रात नोटबंदी की घोषणा के कुछ घंटों बाद सिर्फ ममता बनर्जी ही पकड़ पाई थीं इससे क्या नुकसान होगा. इसे बेरहम फैसला करार देते हुए पांच ट्वीट किए."

ब्रायन ने नोटबंदी को अर्थव्यवस्था के लिए 'काला दिन' करार देते हुए ट्वीट में लिखा, "8 नवंबर 2016 की रात नोटबंदी की घोषणा के कुछ घंटों बाद सिर्फ ममता बनर्जी ही पकड़ पाई थीं इससे क्या नुकसान होगा. इसे बेरहम फैसला करार देते हुए पांच ट्वीट किए."

 

नोटबंदी के ऐलान के बाद किए अपने ट्वीट में ममता बनर्जी ने कहा था कि सरकार इस कठोर फैसले को वापस ले. प्रधानमंत्री ने विदेशों से काला धन लाने का जो वादा किया था उसे पूरा नहीं कर पाए हैं इसलिए अपनी नाकामी को छिपाने के लिए यह एक ड्रामा है. यह एक वित्तीय अराजकता है और भारत के आम लोगों पर एक आपदा है."

नोटबंदी के ऐलान के बाद देशभर में अफरा-तफरी का माहौल रहा. लोगों को नोट बदलने के लिए बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा. बाद में सरकार ने 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए. सरकार ने तर्क दिया कि देश में मौजूद काले धन और नकली मुद्रा की समस्या को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया गया.

 

 

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