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दुर्ग के राजनेताओ द्वारा जनता के हितों की बात करना मात्र एक दिखावा...? धमधा नाका टोल टैक्स पर अभी भी लग रहा स्थानीय वाहनों को टैक्स Featured

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राजनांदगांव शहर से 12 किमी दूर स्थित टोल टेक्स में नहीं वसूला जाता स्थानीय वाहनों से टेक्स

दुर्ग । शौर्यपथ।

    दुर्ग शहर में राजनीति बस आम जनता को झूठा वादा करने में ही निकल जा रहा है यहां के राजनेता चाहे वह सत्तापक्ष के हो चाहे वह विपक्ष के हो सिर्फ राजनीति ही कर रहे हैं जनता के हितों की रक्षा करने की बात लगभग बेमानी ही साबित हो रही है दुर्ग शहर जिस बदहाल स्थिति में है उसके जिम्मेदार हैं कहीं ना कहीं यह जनप्रतिनिधि ही है चाहे वह जनप्रतिनिधि कांग्रेस के हो या भाजपा के. एक तरफ भाजपा कि केंद्र में सरकार है वही कांग्रेस की प्रदेश में सरकार है बावजूद इसके जनता के हितों के लिए किसी भी पार्टी द्वारा कोई भी सार्थक पहल नहीं की जा रही है शहर की स्थिति तो जैसी भी हो किंतु बढ़ते शहर के कारण आज एक ऐसा स्थान भी शहर में है जहां रोज दुर्ग की जनता की जेब लगातार कट रही है और जनप्रतिनिधि है जो मौन है आखिर मौन  भी क्यों न हो क्योंकि ना तो इन्हें उनसे कोई परेशानी हो रही है और ना ही कोई आर्थिक नुकसान .
   जी हां हम बात कर रहे हैं धमधा नाका स्थित टोल टैक्स का जहां पर आज भी दुर्ग शहर की गाडिय़ों से टोल टैक्स वसूला जा रहा है थोड़ी राहत की बात यह है कि दोपहिया वाहन तो इससे छूट मिली हुई है किंतु बढ़ता शहर बढ़ती आबादी और बढ़ते चार पहिया वाहन के कारण आम जनता को चार पहिया वाहन कृषि वाहन आदि के लिए शहर के एक कोने से दूसरे कोने जाने के लिए भी टैक्स देना पड़ रहा है किंतु शहर के जनप्रतिनिधि है कि इस पर कोई भी निर्णायक पहल नहीं कर रहे हैं सिर्फ बयान बाजी ही किया जा रहा है क्योंकि इन जनप्रतिनिधियों के वाहनों का तो टैक्स नहीं लिया जाता और ना ही इन्हें कोई आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसा कि हाल में ही देखने को मिला कि दुर्ग शहर के विधायक जब चंडी चौक पर स्वयं जाम में फंसे तब उन्हें स्थिति का आभास हुआ कि शहर के यातायात की व्यवस्था कितनी बिगड़ी  है जबकि शहर के आम जनता को इन समस्याओं से लगातार दो चार होना पड़ रहा है वैसे ही हालत है दुर्ग टोल टैक्स की है जहां पर बढ़ते शहर के कारण दुर्ग की जनता को कई बार इस टोल टैक्स के कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।


राजनांदगांव टोल टैक्स पर स्थानी गाडिय़ों का नहीं लगता कोई टैक्स:
  दुर्ग जिले से लगे हुए जिला राजनांदगांव से 12 किलोमीटर दूर ठाकुर टोला टोल टैक्स है जहां पर राजनांदगांव के पासिंग गाडिय़ों से टैक्स नहीं वसूला जाता बीच में कंपनी द्वारा चार पहिया वाहनों से टेस्ट लिया जाने लगा जिसके विरोध में राजनांदगांव के सभी दलों के जनप्रतिनिधियों ने एकता का परिचय देकर ठाकुर टोला टोल टैक्स से स्थानीय वाहनों के टोल टैक्स लेने पर राहत दिला दिया आज भी सालों से इस टोल टैक्स पर राजनांदगांव पासिंग गाडिय़ों का कोई भी टोल टैक्स नहीं लगता किंतु वही अगर दुर्ग की बात करें तो दुर्ग शहर के बीच में स्थित धमधा नाका टोल टैक्स पर दुर्ग पासिंग गाडिय़ों का भी टोल टैक्स वसूला जाता है.
  जबकि प्रदेश का व्हीआईपी जिला के नाम से आज दुर्ग की पहचान है . दुर्ग जिले में मुख्यमंत्री ,गृह मंत्री ,पीएचई मंत्री ,उत्कृष्ट विधायक का पुरस्कार लेने वाले विधायक अरुण वोरा ,केंद्र की राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाली भाजपा से राज्यसभा सांसद डॉ सरोज पांडे ,दुर्ग लोकसभा के सांसद विजय बघेल सहित कई दिग्गजों का निवास होने के बावजूद भी धमधा नाका टोल टैक्स पर स्थानीय वाहनों का टोल टैक्स वसूला जा रहा है जबकि धमधा नाका स्थिति निर्मित टोल टैक्स दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र के अंतर्गत आता है ऐसे में शहर में एक ही स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए ही अगर आम जनता को टोल टैक्स देना पड़े तो भी प्रदेश में व्हीआईपी जिला के रहने वाले दुर्ग शहर के जनप्रतिनिधि राजनेताओं और मंत्रियों का क्या औचित्य है .जिनके मौन रहने के कारण आज दुर्ग शहर में दुर्ग की आम जनता को अपने ही शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए टोल टैक्स देना पड़ रहा है आखिर जनता के हित के लिए  धमधा नाका स्थित टोल टैक्स पर दुर्ग पासिंग गाडिय़ों को राहत क्यों नहीं दिला पा रहे हैं जनप्रतिनिधि और जनता के हितो की बात करने वाले राजनेता ? आखिर कब जनप्रतिनिधि आम जनता के हित के लिए इस पर कोई निर्णायक पहल करेंगे और कब ...

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शौर्यपथ