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नियमो की धज्जी उड़ाने वाले गोस्वामी पर निगम प्रशासन मेहरबान , विधायक अरुण वोरा मौन ? Featured

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दुर्ग / शौर्यपथ / एक तरफ दुर्ग निगम के आयुक्त द्वारा व्हाट्सएप्प ग्रुप पर हक़ की लड़ाई लडऩे वाले राजू चंद्राकर को नोटिस दिया जाता है , वही सफाई कार्य में लापरवाही करने वाले सफाई कर्मियों का एक दिन का वेतन काट दिया जाता है तो नाली में कचरा फेकने वाले आम जनता पर जुर्माने की बड़ी बड़ी कार्यवाही की जाती है . इन सब बातो को देख ऐसा प्रतीत होता है कि निगम में प्रशासन सुशासन की ओर अग्रसर है किन्तु शासन के सुशासन बनाने की सारी पहल पर उस समय संदेह होता है जब निगम के मुखिया मोहन पूरी गोस्वामी जो दुर्ग निगम में प्रभारी ईई पद पर है और छत्तीसगढ़ शासन के नियमो की खुल कर धज्जी उड़ा रहे है . किन्तु दुर्ग निगम आयुक्त मौन है .
अमृत मिशन के कार्य पर जवाब तलबी करने और स्वयं की नगरी सरकार पर सवालिया निशाँ लगाने वाले शहर के विधायक अमृत मिशन के कार्य पर हो रही लापरवाही के लिए जिले से विधान सभा तक सवाल जवाब कर रहे है वही मोहन पूरी गोस्वामी द्वारा लगातार मनपसंद ठेकेदारों को कार्य देने वह भी बिना निविदा के मामले पर दुर्ग विधायक वोरा का मौन आम जनता के लिए भी एक संदेह पैदा कर रहा है .
शहर में विपक्ष में रहते हुए विपक्ष की भाजपा सरकार को नियमो के अनुरूप कार्य करने की सलाह देने और कोई नियम विरुद्ध कार्य होने पर बुलंद आवाज करने वाले शहरी सरकार के सबसे जानकार पार्षद और पीडब्ल्यूडी प्रभारी द्वारा भी ईई मोहन पूरी गोस्वामी द्वारा एक नहीं दर्जनों कार्य बिना निविदा के दिए जाने पर क्यों मौन है क्या इन अनुभवी जनप्रतिनिधियों का मौन रहना किसी बड़े और परदे के पीछे की कोई आर्थिक लाभ की कहानी तो नहीं है ?
इस बारे में जब शौर्यपथ समाचार पत्र ने विपक्ष के नेताओ से बात की तो उनका वर्तमान सरकार की कार्यप्रणाली पर कुछ इस तरह की प्रतिक्रिया रही

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Last modified on Wednesday, 02 September 2020 14:34
शौर्यपथ