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मुख्यमंत्री बघेल के गौठान योजना की खुलेआम उड़ रही दुर्ग निगम में धज्जी Featured

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दुर्ग । शौर्यपथ । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद महती योजना गौठान में शहर एवम ग्रामीण इलाकों में आवारा घूमने वाले गोधन के लिए आशियाना बनाया गया किन्तु दुर्ग निगम के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के इस महत्त्वपूर्ण योजना की खुले आम धज्जी उड़ रही है । सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्ग निगम के स्वयम्भू सर्वेसर्वा प्रभारी ईई मोहनपुरी गोस्वामी जो बिना निविदा के कार्यो को अपने मनपसंद ठेकेदारों को देने के लिए मशहूर है के द्वारा आज शहर के आवारा पशुओं के बजाए एक निजी डेयरी से कमजोर गोधन को गौठान पहुंचाया गया । जब तक इन पशुओं से डेयरी संचालक की आवक थी तब तक डेयरी संचालक ने इन्हें अपने कमाई का जरिया बनाया किन्तु जब इन पशुओं से कमाई का जरिया खत्म हो गया तो इन्हें गौठान में भेजने का प्रबंध किया जबकि शहर में अभी भी आवारा गाय बैलों की भरमार है किंतु समुचित व्यवस्था ना होने के कारण इन्हें अभी तक गौठान नही ले जाया जा सका ऐसे में निजी डेयरी के संचालकों के गोधन को गौठान में भेजने की बात समझ से परे है । वैसे भी दुर्ग निगम में मनमानी फैसले लेने के लिए मोहनपुरी गोस्वामी मशहूर है मात्र डेढ़ साल के दुर्ग निगम के कार्यकाल में मोहनपुरी गोस्वामी लगभग हर कार्य मे विवादित रहे है किंतु निगम प्रशासन के उच्चाधिकारी मौन है , महापौर मौन है , दुर्ग विधायक मौन है चाहे वो कोरोना आपदा के समय सूखा राशन खरीददारी का मामला हो , चाहे प्रतीक्षालय को तोड़कर विधायक निधि से नए प्रतीक्षालय निर्माण का मामला हो , चाहे बिना निविदा के अपने लोगो को ठेका देने का कार्य हो हर कार्य इनका विवादित ही रह । कहने को तो नियम के ज्ञाता है किंतु शायद ही कोई कार्य हो जो नियम से किये हो । उसी कड़ी में आज निजी डेयरी से गोधन को जो काफी कमजोर है और अब शायद डेयरी मालिक के काम की नही रही है को गौठान पहुंचा दिया गया । क्या मोहनपुरी गोस्वामी ऐसा ही कार्य शहर की जनता के हित मे करेंगे और आवारा पशु जो सड़को पर जीवन बिता रहे उन्हें गौठान में पहुंचाने की दिशा में त्वरित कोई कदम उठाएंगे या अभी सिर्फ निजी डेयरी मालिक की सेवा करेंगे ? क्या नियम विरुद्ध इस कार्य के लिए दुर्ग निगम के सयुक्त कलेक्टर स्तर के निगम आयुक्त मामले को संज्ञान में लेंगे ? क्या शहर में सुशां कई बात करने वाले जननायक विधायक वोरा मामले को संज्ञान में लेकर उच्च स्तर पर अधिकारियों या मंत्रियों को अवगत कराएंगे ? क्या शहर के महापौर मामले को संज्ञान में लेकर निगम आयुक्त को कार्यवाही का निर्देश देंगे या सभी जिम्मेदार अधिकारी , जनप्रतिनिधि मौन रहकर प्रभारी ईई के नियम विरुद्ध कार्य मे मौन रहकर अप्रत्यक्ष सहयोग देंगे ?

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शौर्यपथ