दुर्ग / शौर्यपथ /
पिछली सरकार के समय दुर्ग जिला व्ही.आई.पी. जिला के रूप में पहचान बनी हुई थी दुर्ग जिला मुख्यालय में मंत्रियो और कद्दावर नेताओ कि फौज होने के बाद भी दुर्ग निगम क्षेत्र बदहाल स्थिति में था जिसका विरोध भाजपा संगठन और शहरी सरकार में विपक्ष के रूप में भाजपा पार्षदों खूब किया . शहर में बदहाल यातायात व्यवस्था ,अतिक्रमण ,गंदगी , भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर निगम के विपक्ष के नेता अजय वर्मा , बजरंग दल विश्व हिन्दू परिषद् , हिन्दू युवा मंच से अरुण सिंग , तात्कालिक राज्य सभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय , वर्तमान उप नेता प्रतिपक्ष देव नारायण चंद्राकर जैसे आदि नेताओ ने भरपूर विरोध किया . विधान सभा चुनाव हुआ भाजपा प्रत्याशी गजेन्द्र यादव ने भी दुर्ग की बदहाल स्थिति को जनता के सामने ला कर विधानसभा चुनाव में तात्कालिक विधायक अरुण वोरा की नाकामियों को उजागर किया और आम जनता को यह विश्वास दिलाया कि शहर की बदहाल स्थिति में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद बड़ा परिवर्तन होगा .
परंतु आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार बने हुए 6 महीने से भी ज्यादा उसका समय बीत गया शहर की बदहाल व्यवस्था और ज्यादा बढ़ गई है मुख्य मार्गों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा है इंदिरा मार्केट बाजार व्यवस्था बिगड़ती ही जा रही है गुमठी घोटाले पर जांच की मांग करने वाली भाजपा अब इस मामले पर मौन है शहर के मध्य में एसएलआरएम सेंटर पर कचरा डंप किया जा रहा है और पूरा शहर बदबू से ग्रसित है परंतु भारतीय जनता पार्टी के वह नेता जो बात बात पर विरोध करते थे पिछले 6 महीना से मौन साधे बैठे हैं .
शहर की जनता को ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के विरोध करने वाले नेता और शहर को खुशहाल एवं सुंदर बनाने का वादा करने वाले शहर विधायक सत्ता मिलने के बाद सब भूल गए हैं अब तो दुर्ग शहर की जनता को कहीं से उम्मीद है तो प्रदेश सरकार के उच्च अधिकारियों एवं मंत्रियों के द्वारा दुर्ग शहर की बदहाल व्यवस्था की स्थिति को संज्ञान लेकर इस पर किसी प्रकार की जमीनी स्तर पर कार्यवाही कर शहर को एक बार फिर स्वच्छ और सुंदर शहर बनाने की दिशा में पहल करे .
देखना यह है कि आने वाले समय में क्या दुर्ग शहर की स्थिति में सुधार होता है या फिर विरोध करने वाले नेता सत्ता में आने के बाद सत्ता सुख का लाभ लेते हुए शहर की जनता को उनकी स्थितियों पर ही छोड़ देते हैं ?