नरेश देवांगन
जगदलपुर / शौर्यपथ / 2 जुलाई को शौर्यपथ अखबार ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी कि जगदलपुर ब्लॉक के नगरनार के शिवम मेडिकल में बिना फार्मासिस्ट के मेडिकल दुकान का संचालन किया जा रहा है। साथ ही, मेडिकल के बाजु में रजक नामक व्यक्ति जो अपने आप को डॉक्टर बताकर लोगों का इलाज कर रहे हैं, जिनका उनके पास डॉक्टर होने का कोई प्रमाण नहीं है, और ना ही नर्सिंग होम एक्ट के तहत उनका पंजीकरण है। इस खबर के बाद उच्च अधिकारियों ने इस मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल कार्यवाही करने के लिए एक जांच टीम तैयार कर नगरनार भेजा। कार्यवाही के नाम पर टीम ने अवैध रूप से संचालित 8 मेडिकल में सील बंदी की कार्यवाही कर प्रशासन ने ताला लगा दिया। साथ ही दस क्लीनिक संचालकों को नोटिस भी जारी करने की जानकारी जनसम्पर्क कार्यालय के माध्यम से मीडिया को दी गई।
लेकिन शौर्यपथ की टीम ने जब खबर की सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की, तो पता चला कि खबर झूठी और काल्पनिक थी। सूत्र बताते हैं कि टीम ने पूर्व की खबर को वर्तमान में की गई कार्यवाही बताकर वाहवाही लूटने के साथ अपनी पीठ थपथपाने के लिए ऐसा किया था। आज भी शिवम मेडिकल में बिना फार्मासिस्ट के मेडिकल का संचालन किया जा रहा है। लेकिन इस पर ड्रग विभाग किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने में रुचि नहीं ले रहा है।
ताजा मामला बीते मंगलवार को आड़ावाल में संचालित राधा स्वामी मेडिकल का है, जहां बिना फार्मासिस्ट के मेडिकल का संचालन कर कोसमी निवासी एक बच्ची जो टाइफाइड से पीड़ित थी, जिसका इलाज वहां बैठी एक नर्स के द्वारा किया जा रहा था। पूछने पर बताया गया कि वहां डॉ खान बैठते हैं, लेकिन वह अभी नहीं हैं। बच्ची का इलाज श्री सरकार के कहने से किया जा रहा है।
इस पूरे मामले की जानकारी एसडीएम साहब को हुई तो उन्होंने इसकी जांच के लिए तत्काल टीम तैयार कर सूचना स्थल भेजा। वहां टीम के पहुंचने से पहले ही इलाज करवा रहे सभी लोगों को जाने को कह दिया गया। टीम ने जब मौके पर देखा तो अंदर 5 बेड लगा हुआ पाया और एक ऑक्सीजन सिलेंडर भी मिला जो खराब पड़ा था। टीम ने मौके पर ब्लड कलेक्शन ट्यूब, सेडुल H-1 की दवाइयां, सिरिंज, स्ट्रेलाइजेशन मशीन और ऑक्सीजन मास्क पाया। इसके बाद टीम ने डॉ खान से फोन पर संपर्क कर मौक़े पे बुला के इस मामले की जानकारी ली की आपके द्वारा यहां पर इलाज किया जा रहा है, तो डॉ आर खान का कहना था कि मैं एक महीने से राधा स्वामी मेडिकल में नहीं बैठ रही हूं और ना ही मेरे द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसके बाद भी टीम ने कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति कर राधा स्वामी मेडिकल पर 5 हजार का जुर्माना का पंचनामा तैयार किया । टीम ने अपने पंचनामा में यह उल्लेख कर दिया कि मौके पर इलाज करते हुए नहीं पाया गया। लेकिन टीम ने मेडिकल में फार्मासिस्ट नहीं होने पर कार्यवाही नहीं की? ओर नहीं डॉ आर खान के बयान पे किसी भी प्रकार की कार्यवाही उक्त जगह पे चल रहे इलाज करने वाले के ऊपर की गई। जबकि राधा स्वामी मेडिकल में सिसिटीवी कैमरा लगा हैं उक्त शिकायत दिनांक की जाँच कैमरे में कैद रिकॉर्डिंग देखने से ही पता चल जाता की मंगलवार को कितने मरीजों ने वहा आके इलाज करवाया हैं ओर वहा कौन मौजूद था लेकिन टीम ने ऐसा क्यों नहीं किया ए तो टीम ही जाने? इस मामले में गौर करने वाली बात है कि इस टीम में ड्रग विभाग का एक भी अधिकारी नहीं था। इससे पहले भी नगरनार शिवम मेडिकल बिना फार्मासिस्ट के दवाई के संचालन की शिकायत पर ड्रग इंस्पेक्टर नहीं आए और ना ही राधा स्वामी मेडिकल में ड्रग विभाग के इंस्पेक्टर टीम में शामिल रहे। कार्यवाही की टीम में ड्रग विभाग के जिम्मेदार क्यों शामिल नहीं थे ? लगातार विभाग को शिकायत मिल रही है कि बिना फार्मासिस्ट के मेडिकल दुकान का संचालन किया जा रहा है लेकिन विभाग इस पर कार्यवाही करने में किसी भी प्रकार की गंभीरता नहीं दिखा रहा है, यह सबसे बड़ा सवाल है? जबकि जानकारों का कहना हैं की ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट,1940/1945 के तहत, किसी लाइसेंस प्राप्त फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में दवाइयों का डिस्पेंसिंग करना अवैध है। इस एक्ट के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति या संस्था इस नियम का उल्लंघन करती है, तो उसे सजा या जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है। यह सजा इसलिए दी जाती है ताकि दवाइयों की बिक्री और वितरण में गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इस बात की जानकारी संबंधित लोगों को होने के बाद भी डर क्यों नहीं है? क्या विभाग की सह पर सारा खेल चल रहा है? यह जांच का विषय है।विभाग इन सवालों के घेरे में क्यों है? ऐसे में विभाग कैसे झोला छाप डॉक्टर पर लगाम लगा पाएगा और बिना फार्मासिस्ट के दुकान संचालन पर कार्यवाही कर पाएगा? जब विभाग के जिम्मेदार ही गैर जिम्मेदार हैं? ऐसे अवैधानिक कार्य करने वालों के ऊपर नियमानुसार निष्पक्ष जांच कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही कैसे और कौन करेगा?साय सरकार इस दिशा में लगातार बेहतर काम करने का प्रयास कर रही है। साय सरकार ने इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए विभाग को सख्त कार्यवाही करने को भी निर्देश दिए हैं लेकिन साय सरकार के दावे और वादों पर स्वास्थ्य विभाग व औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी जनता के बीच सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए दिखाई दे रहे हैं।