Print this page

गोवंश मर रहे हैं सडको पर , गौठान पर जगह नहीं , चारागाह की भूमि पर भावभूमि ने जमा रखा कब्जा,रखा निगम प्रशासन मौन.. Featured

  • Ad Content 1

दुर्ग। शौर्यपथ ।

आवारा मवेशियों की लगातार सड़क दुर्घटना में मौत हो रही है बारिश के मौसम में आवारा मवेशी सड़कों पर जमे रहते हैं ऐसे में लगातार दुर्घटनाओं के शिकार तो हो रहे हैं साथ ही आम जनता के जान माल की भी हानि हो रही है आम जनता सड़क पर घूमने वाले मवेशियों से परेशान हैं .
देखा जाए तो शहर के पुलगांव स्थित गौठान में लगभग 500 से 600 मवेशी रहते हैं जिनके चारागाह की व्यवस्था निगम प्रशासन तो नहीं कर रही है अपितु निगम प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है निगम प्रशासन के अंतर्गत आने वाली चारागाह भूमि को समाज के रसूखदार ठेकेदार अपने फायदे के लिए कब्जा जमाए बैठे हैं बता दें कि पुलगांव गोठान स्थित निगम प्रशासन के अंतर्गत लगभग चार एकड़ की जमीन चारागाह के लिए आरक्षित थी परंतु भावभूमि कॉलोनी के संचालकों द्वारा मानवता को शर्मसार करते हुए अपने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इस चारागाह की भूमि को भी अवैधानिक रूप से कब्जा जमा रखा है . चारागाह की भूमि पर पेड़ पौधा लगाकर मार्ग को अवरुद्ध कर दिया गया जिससे मवेशी गौठान से बाहर निकल नहीं पा रहे हैं बरसात के दिनों में बेजुबान जानवरों को एक प्रकार से कैद में रखा जा रहा है और इस सब का प्रमुख कारण है भावभूमि .
समाज में सभ्य दिखने का दिखावा करने वालो द्वारा चारागाह की भूमि पर पौधारोपण करना अपने व्यापार के लिए रसूखदारों द्वारा की भूमि को कब्जा करने की जानकारी होने के बावजूद भी निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर मामले पर मौन है। बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या भाव भूमि के संचालकों ने कोई बड़ा लालच निगम प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को दे दिया है जो निगम प्रशासन के अधिकारी गौवंश के चारागाह की भूमि को भी खाली नहीं करवा पा रहे हैं या फिर अधिकारियों को सत्ता पक्ष के किसी नेता का दबाव है जो मौन साधे बैठे है और गौवंश सडको पर मौत का इंतज़ार कर रही ?


बता दें कि पिछले महीने भावभूमि कॉलोनी द्वारा निगम प्रशासन की चारागाह की भूमि पर पौधारोपण तो किया गया परंतु दिखाने के लिए छोटे-छोटे पौधे नहीं बड़े-बड़े पौधे लगा दिए और पर्यावरण की बात कर रहे हैं जबकि बेजुबान जानवरों के लिए आरक्षित भूमि को अवैध रूप से कब्जा जमाए रखते हुए भाव भूमि के संचालकों द्वारा तीन से चार सिक्योरिटी गार्ड भी बैठा दिया गया है क्या ऐसे रसूखदार कॉलोनीनाइजर की अवैधानिक कृत्य पर निगम प्रशासन सख्ती से कार्रवाई नहीं कर सकता । अपने घरों में शानदार जिंदगी जीने वाले ऐसे रसूखदार बेजुबान जानवरों का चारा तक अपने फायदे के लिए छीन रहे है ।
आश्चर्य की बात तो यह है कि दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव जो यदुवंशी समाज से आते है उन्हें भी बेजुबान जानवरों के विषय में जरा भी चिंता नहीं है वरना सत्ता में रहते हुए इस तरह के कृत्य करने वाले चाहे कितने भी रसूखदार हो उन पर कार्यवाही के निर्देश स्वयं संज्ञान लेकर विधायक गजेंद्र यादव कर सकते हैं परंतु चुनाव जीतने के बाद लगता है विधायक गजेंद्र यादव शहर की जनता के दुख के साथ ही नहीं रहे सुख के हर क्षण में दिखने वाले विधायक गजेंद्र यादव के बारे में अब शहर में यहां तक चर्चा होने लगी है कि प्रदेश सरकार की आम जनता से जुडऩे एवं उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए आयोजित होने वाली जन समस्या निवारण सिविर में भी अभी तक गजेंद्र यादव ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है जबकि अब मात्र 10 से 12 वॉर्ड बचे हैं ऐसे में शहर की जनता के साथ-साथ पार्षदों में भी या चर्चा का विषय है कि आखिर प्रदेश सरकार की जन समस्या निवारण शिविर में विधायक गजेंद्र यादव अपनी सहभागिता क्यों नहीं दे रहे हैं .
एक तरफ कांग्रेस समर्थित महापौर धीरज बाकलीवाल हर जन समस्या निवारण शिविर में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और आम जनता के समस्याओं के निराकरण के लिए लगातार अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं परंतु इस शिविर से विधायक गजेंद्र यादव की दूरी आम जनता की समझ से परे है?

Rate this item
(0 votes)
शौर्यपथ