भावभूमि बिल्डर्स की मनमानी के आगे निगम प्रशासन और विधायक हुए बेबस !
साय सरकार के सुशासन में दुर्ग हुआ बदहाल , निगम क्षेत्र में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में विधायक गजेन्द्र यादव हुए नाकाम ?
दुर्ग / शौर्यपथ / आम जनता अगर शासकीय भूमि के कुछ वर्कशीट पर ही कब्जा कर ले तो निगम प्रशासन सहीत जिला प्रशासन अपने पूरे दल बल के साथ कब्जा धारी पर कानूनी कार्यवाही करने पहुंच जाते हैं और बड़े-बड़े प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रशासन के कार्य प्रणाली का बखान करते नजर आते हैं परंतु वही दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में भाव भूमि बिल्डर द्वारा गौठान की चारागाह की भूमि पर खुलेआम कब्जा जमा लिया है जिसकी जानकारी निगम प्रशासन के संबंधित विभाग को भी है वही इस बात की जानकारी दुर्ग शहर में विकास के बड़े-बड़े दावे करने वाले शहर के विधायक गजेंद्र यादव को भी है और उनके द्वारा मामले को संज्ञान में लेकर इस पर कार्यवाही की बात भी कही गई.
परंतु एक बार फिर राजनेताओं की तरह झूठे आश्वासन की बात कर इस मामले पर दुर्ग शहर के विधायक गजेंद्र यादव मौन हो गए हैं वही दुर्ग नगर पालिक निगम प्रशासन भाव भूमि बिल्डर द्वारा शासकीय भूमि पर कब्जा होते देखा मौन साधे बैठी है भाव भूमि बिल्डर द्वारा यह कृत्य उस सरकार के कार्यकाल में किया जा रहा है जो सरकार सनातनी धर्म की पक्षकार रही है ऐसी सरकार के कार्यकाल में गौ माता की हिस्से की चारागाह की भूमि पर एक बिल्डर द्वारा कब्जा करने के बाद भी साय सरकार के प्रतिनिधि के रूप में दुर्ग शहर के विधायक गजेंद्र यादव का मौन रहना कहीं ना कहीं विधायक के उसे वादे को झूठा साबित कर रहा है जो उन्होंने चुनाव के पूर्व आम जनता से शहर में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने व भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई कर सुशासन की बात करते नजर आ रहे थे .
दुर्ग शहर के विधायक साय सरकार के जनहित के विकास कार्यों को अपनी उपलब्धि बता कर आम जनता को वह सुशासन देने में नाकाम हो रहे हैं जिस सुशासन की उम्मीद से आम जनता ने दुर्ग शहर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा को नकारते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में एक ऐसे व्यक्ति को अपना जनप्रतिनिधि चुना जो शहर के लिए एक जाना पहचाना चेहरा भी नहीं थे परंतु भारतीय जनता पार्टी के द्वारा चुने प्रत्याशी पर अपना विश्वास व्यक्त करते हुए शहर की जनता ने शहर के बदहल स्थिति के सुधार के लिए भाजपा प्रत्याशी के रूप में गजेंद्र यादव के पक्ष में भरपूर मतदान किया परंतु साल भर के बाद भी आज दुर्ग शहर के स्थिति पूर्व की अपेक्षा बदले नजर आ रही है
पूर्व की कांग्रेस सरकार जिनको अक्सर धर्म विरोधी के रूप में कहा जाता है उस सरकार के समय आवारा गायों के लिए भूपेश सरकार ने गोठान का निर्माण कराया और गौ वंशों के चार के लिए चारागाह की व्यवस्था कराई परंतु वर्तमान सरकार में दुर्ग शहर के पुलगांव स्थित गोठान में जहां सैकड़ो गाये रहती हैं उनके चारागाह की भूमि पर भाव भूमि बिल्डर द्वारा कब्जा करने के नए-नए तरीके अपनाए गए और आखिरकार अपने तरीके में कहीं ना कहीं सफल होते नजर आ रहे हैं .
वर्तमान समय तक दुर्ग भाजपा कार्यालय में भाजपा के बड़े नेता शहरी सरकार (कांग्रेस ) को जिम्मेदार ठहराते थे अब 4 जनवरी के बाद शहर में प्रशासनिक अधिकारी दुर्ग नगर निगम में मुखिया के रूप में रहेंगे ऐसे में देखना होगा कि 4 जनवरी के बाद क्या साय सरकार के सुशासन की दिशा में जिला प्रशासन और साय सरकार के दुर्ग शहर के प्रमुख चेहरा विधायक गजेंद्र यादव भाव भूमि बिल्डर द्वारा शासकीय चारागाह की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले भाव भूमि बिल्डर पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं या फिर भाव भूमि बिल्डर के आगे विधायक गजेंद्र यादव और दुर्ग नगर पालिक निगम प्रशासन बेबस नजर आते हुए मौन रहेगी?