दुर्ग निगम की बदहाल व्यवस्था की जिम्मेदार आयुक्त सुमित अग्रवाल ?, विधायक गजेंद्र यादव रहे मौन अब महापौर अलका वाघमार की है बारी...
दुर्ग। शौर्यपथ। 2023 को हुए विधानसभा चुनाव के समय विपक्ष में रही भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की भूपेश सरकार के भ्रष्टाचार के विरुद्ध लगातार आन्दोलन किये और भाजपा सरकार आने के बाद सुशासन की बात कही जिस पर दुर्ग सहित प्रदेश की जनता ने पूर्ण विश्वास करते हुए भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को भारी मतों से जीत दिलाया और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई .
भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद भी दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में लगातार अवैध अतिक्रमण ,सड़कों पर स्थित वेंडर की भरमार ,शहर के मध्य में कचरो का ढेर ,भाव भूमि बिल्डर द्वारा गौठान की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा ,निगम प्रशासन में पांच प्रतिशत कमीशन से गर्म हुआ माहौल इन सब के बावजूद भी इन मामलों में स्थानीय विधायक गजेंद्र यादव मौन रहे .
वहीं शहर की बदहाल व्यवस्था के जिम्मेदार के रूप में कहीं ना कहीं दुर्ग नगर पालिक निगम के आयुक्त की भी भूमिका काफी मायने रखती है दीपावली से दुर्ग नगर निगम आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे अपर कलेक्टर स्तर के प्रशासनिक अधिकारी सुमित अग्रवाल के आने से यह उम्मीद जगी की शहर में हो रहे है भ्रष्टाचार और बदहाल व्यवस्था पर निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल कहीं ना कहीं लगाम लगाएगे . परंतु पिछले चार पांच महीनो के कार्यकाल में आयुक्त सुमीत अग्रवाल द्वारा अवैधानिक कार्यों पर भी कार्यवाही नहीं की गई अव्वैधानिक रूप से चल रहे रेन बसेरा पर निरीक्षण और लम्बी जांच के बावजूद भी कार्यवाही का ना करना कहीं ना कहीं आयुक्त की निष्क्रियता की ओर इशारा करता है वही हाल ही में हुए शिवनाथ नदी तट पर लगने वाले मेला क्षेत्र में पार्किंग ठेकेदारों द्वारा वाहनों से दुगना चुगुना रकम की वसूली का मामला सामने आने के बाद भी जिम्मेदार बाजार विभाग सहित निगम के मुखिया मौन रहे .
वही फूड जो के नाम से बने व्यावसायिक परिसर पर फूड जोन के अलावा सभी तरह के व्यापार संचालित हो रहे हैं बावजूद इसके इस पर लगाम न लगा पाना शहर में चर्चा का विषय है और निगम प्रशासन की कार्य प्रणाली पर कई तरह के सवाल उठ रहे है .
महेश कालोनी के पास स्थित SLRM सेंटर जो रातो रात हो गया साफ़
एक बार फिर सुराना कॉलेज के सामने शहर के मध्य भाग में कचरा जमा है और इस मार्ग से गुजरने वाली जनता बदबूदार माहौल से परेशान है बावजूद इसके निगम आयुक्त द्वारा कोई सकारात्मक पहल न करना वही महेश कॉलोनी के पास के कचरे को रातों-रात साफ करवाना से कई मामले सामने आ रहे हैं .
शहर के मध्य बदबू और गंदगी का ढेर ( पास में है कई छात्रावास)
जनसंपर्क विभाग के हटने पर उठ रहे कई सवाल ...
पूर्व में निगम के कार्यालय में शराब सेवन की घटना सामने आई जिसके बाद निगम अधिकारी पर कार्यवाही हुई किन्तु यह कार्यवाही भी दिखावा मात्र ही साबित हुई किन्तु इस मामले के बाद नव पदभार संभाले आयुक्त द्वारा बिना पूरी व्यवस्था के आनन् फानन में निगम का जनसंपर्क विभाग अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने आदेश जारी कर दिया गया .इंदिरा मार्केट बाजार की व्यवस्था में कोई सुधार न होना जैसे मामलों के सामने आने के बाद अब जब शहर में भारतीय जनता पार्टी की नई शहरी सरकार अस्तित्व में आ गई है ऐसे में अब निगम क्षेत्र की जनता नवनियुक्त महापौर श्रीमती अलका वाघमार के तरफ एक उम्मीद की दृष्टि से देख रही है कि अब शायद निगम क्षेत्र में कोई सुधार हो आने वाले समय में यह भी स्पष्ट हो जाएगा की शहर की नई सरकार पुरानी बदहाल व्यवस्थाओं पर लगाम लगाती है या फिर बदहाल व्यवस्था बदस्तूर जारी रहेगी ?