दुर्ग / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम में महापौर शपथ ग्रहण के 16 दिन बाद आखिरकार परिषद् की टीम का गठन हो गया . परिषद् की टीम में महापौर बाघमार ने देव नारायण चंद्राकर , शेखर चंद्राकर , निलेश अग्रवाल और ज्ञानेश्वर ताम्रकार को महत्तव पूर्ण विभाग देकर अनुभवी पार्षदों को शहर के विकास की दिशा में कार्य करने के लिए चुना वही अल्प संख्यक समाज से साजन जोसेफ और खालिक रिजवी को मौका ना देकर अल्पसंख्यक समुदाय को कही ना कही नाराज कर दिया . ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि अल्प संख्यक विभाग से साजन जोसेफ या खालिक रिजवी को मौका मिल सकता है वही दुर्ग विधायक खेमे से या कहे उनके कट्टर समर्थक गुलाब वर्मा , कुलेश्वर साहू , कमल देवांगन , रामचंद सेन , सहित सजन जोसेफ व खालिक रिजवी को परिषद् में जगह नहीं मिलने की चर्चा तेज हो गई . नरेन्द्र बंजारे जैसे अनुभवी और वरिष्ठ पार्षद को वित्त विभाग मिलना कासीराम कोसरे को पर्यावरण विभाग मिलना भी चर्चो को बल डे रहा है . महापौर की टीम में विधायक समर्थको में सिर्फ शिव नायक को ही परिषद् का सदस्य बनाया गया ऐसे में यह माना जा रहा है कि निगम के परिषद् में महापौर की पसंद को ही महत्तव दिया गया . संगठन / विधायक की पसंद को दरकिनार किया गया ऐसे में आने वाले समय में भाजपा में गुटबाजी की संभावनाओं और वर्चस्व की जंग भी देखने को मिलेगी .
भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना अब बड़ी चुनौती ....
शहरी सरकार के परिषद् के गठन के बाद अब सरकार के सामने बड़ी चुनौती निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की है . निगम में हो रहे भ्रष्टाचार / कमीशन खोरी पर आवाज बुलंद करने वाले अब प्रभारी के पद में विराजित है आइसे में बाजार विभाग / पीडब्ल्यूडी विभाग / स्वास्थ्य विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की जिम्मेदारी भी इन विभागीय प्रमुखों के पास है आने वाले समय में यह भी देखने को मिलेगा कि विभागीय अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार पर प्रभारी लगाम लगाते है या फिर उनके साथ कदम ताल करते है .