भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई निगम प्रशासन में वर्तमान में प्रशासनिक मुखिया एक आईएएस अधिकारी है . ऐसा माना जाता है कि आईएएस स्तर के अधिकारी राजनितिक दबाव से परे शासन के नियमो का पालन करवाने में सर्वथा अग्रणी रहते है इन्ही आईएएस स्तर के अधिकारियो पर जिले ही नहीं प्रदेश तथा देश के विभागों की जिम्मेदारी रहती है जनप्रतिनिधि आते जाते रहते है किन्तु आईएएस स्तर के अधिकारी अपने कार्य का निर्वहन बिना भेदभाव के करते रहते है . वर्तमान में भिलाई निगम जो लगभग दो विधान सभा क्षेत्र के बराबर है की समस्त प्रशासनिक जवाबदारी आईएएस ऋतुराज रघुवंशी के ऊपर है और जनता को उम्मीद है की प्रशासनिक व्यवस्था एक मजबूत हांथो में है किन्तु भिलाई के ऐसे कई इलाके है जहां खुलेआम अतिक्रमण का बोलबाला है किन्तु भिलाई निगम विभाग मौन है ऐसा क्या कारण है कि गरीबो और छोटे तबको पर निगम प्रशासन की कार्यवाही त्वरित हो जाती है किन्तु कई मामलो में निगम प्रशासन मौन साधे बैठा होता है क्या इन मामलो में निगम प्रशासन किसी राजनितिक दबाव में कार्य करता है .
ऐसा ही मामला है भिलाई के सबसे व्यस्त बाज़ार माना जाने वाला बाज़ार आकाश गंगा . आकाश गंगा में निगम प्रशासन द्वारा निर्मित 5 ब्लाक है जिसे निगम प्रशासन द्वारा शर्तो के आधार पर लीज में दिया है किन्तु वर्तमान में निगम कार्यालय के समीप इस बाज़ार में अतिक्रमण का खुला खेल चल रहा है और भिलाई निगम प्रशासन और निगम के प्रशासनिक मुखिया मौन है . जबकि कुछ वर्ष पूर्व इसी तरह के अतिक्रमण पर भिलाई निगम के तात्कालिक प्रशासनिक मुखिया ( आयुक्त ) ने कार्यवाही कर निगम के पोर्च / बरामदे पर हो रहे कच्चे पक्के निर्माण को खाली करवाया था और बाज़ार की खूबसूरती लौटाने की पहल की थी किन्तु वर्तमान निगम आयुक्त द्वारा ऐसी कोई पहल जमीनी स्तर पर नजर नहीं आ रही जबकि इस अतिक्रमण की जानकारी निगम आयुक्त सहित बाज़ार विभाग , भवन अनुज्ञा शाखा के अधिकारियो सहित क्षेत्र के इंजीनियरों को भी है . क्या रसूखदारी के आगे भिलाई निगम प्रशासन बेबस है क्या भिलाई निगम प्रशासन का अतिक्रमण का डंडा सिर्फ मजबूर और निम्न तबके तक ही सिमित है क्या महापौर देवेन्द्र यादव का सुन्दर भिलाई का सपना ऐसे ही पूरा होगा क्या निगम प्रशासन जिस तरह गरीब तबको पर त्वरित कार्यवाही करता है ऐसी ही कार्यवाही आकाश गंगा के शापिंग काम्प्लेक्स पर भी करेगा या मौन रहकर अतिक्रमण को बढ़ावा देगा ?