दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग जिला प्रदेश के व्हीआईपी जिले की श्रेणी में आता है बावजूद इसके दुर्ग जिला अस्पताल में अव्यव्स्ता का अम्बर है वही निजी नर्सिंग होम के दलालों का साया हर समय जिला चिकित्सालय में देखने को मिलता है .ये दलाल रात में ज्यादा सक्रीय रहते है . ऐसे कई मामले देखने को मिले है जिसमे दुर्ग जिला चिकित्सालय से मरीज की हालत को देखते हुए रायपुर रेफर किया जाता है किन्तु ये मरीज रायपुर ना जा कर जिला अस्पताल से कई गुना छोटे नर्सिंग होम में इलाज के लिए चले जाते है और लाखो का खर्च कर इलाज कराते है . मरीज के परिजनों को दिग्भ्रमित करने का खेल अस्पताल में मौजूद निजी नर्सिंग होम के दलाल और अस्पताल का स्टाफ की मिलीभगत से ही संभव है . कई बार अप्रिय स्थिति भी अ चुकी है किन्तु अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी हर बार जाँच के नाम पर मामले को टालते हुए नजर आते है और इस तरह एक नहीं कई मामले जाँच के अँधेरे गर्त में समां जाते है और मरीज के परिजन लाखो खर्च कर मन मसोस कर रह जाते है क्योकि तात्कालिक स्थिति में उसे अपने मरीज की चिंता पैसे से ज्यादा होती है . ऐसी ही अव्यव्स्ता पर दुर्ग एनएसयुआई ने ज्ञापन सूप कर मामले की जाँच की मांग की .
एनएसयुआई ने मांग की है कि दुर्ग जिला चिकित्सालय प्रशासन द्वारा लगातार मरीजों के जान को खतरे ने डालकर अपने निजी स्वार्थ के लिए कुछ अधिकारी, कर्मचारी लगातार मनमानी कर रहे है इसी मनमानी पर रोक लगाने दोशियो के उपर कार्यवाही करने को लेकर एन.एस.यू.आई के दुर्ग जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष सोनू साहू के निर्देशानुसार दुर्ग शहर एनएसयूआई के 5 ब्लाक अध्यक्षों के संयुक्त तत्वधान में जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपा कर कल के घटना से अवगत कराया।
ज्ञापन में बताया गया कि विगत दिनों षासकीय जिला चिकित्सालय दुर्ग में श्रीमती विभा यादव पति श्री रूद्र नारायण यादव जिला बालोद नामक गर्भवती महिला की डिलवरी हेतु भर्ती हुई थी, जिसका दिनांक 15.12.2020 को कोविड एन्टीजन की जाॅच जिला चिकित्सालय दुर्ग में की गई, जाॅच में पाॅजेटिव बताया गया । शासन के गाईड लाईन के अनुसार कोरोना पाॅजेटीव मरीज को डाॅ. भीमराव आम्बेडकर मेडिकल कालेज व अस्पताल रायपुर में रिफर करने का प्रावधान है। किन्तु गाईड लाईन को दरकिनार कर शासकीय अस्पताल दुर्ग में जीवन दीप समिति द्वारा नियुक्त अस्थायी कर्मचारी व प्रसूति विभाग के डाॅक्टरों द्वारा मिलकर शडयंत्रपूर्वक नियमों के विरूद्ध कोविड पाजेटिव गर्भवती महिला श्रीमती विभा यादव की सीजिरियन डिलवरी दुर्ग स्थित प्रायवेट नर्सिग होम ओम हॉस्पिटल मालवीय नगर दुर्ग में ले जाकर कर दी, जिस प्रायवेट नर्सिग होम में कोविड पाॅजेटीव मरीज का सिजेरीयन डिलवरी कराया गया है उस हास्पिटल को कोविड मरीजों की डिलवरी करने या कोविड सवंमित मरीजों का उपचार करने का लायसेंस प्राप्त नहीं है।
साथ ही उन्होंने ज्ञापन में बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला शासकीय अस्पताल दुर्ग के एक संविदा कर्मी वभाग के डाक्टरों द्वारा मिली भगत करके मरीज विभा यादव के परिजनों को जच्चा व ड्रायवर जो कि कई एम्बुलेंस का मालिक अवैध धन एकत्र करके बना है एवं प्रसुति जज्जा बच्चा के जान का खतरा बताकर अत्यंत भयभीत किया। कमीषनखोरी व लालच से ग्रसित होकर ये सभी दोशी मानवता को शर्मषार कर रहे है, जिस प्रायवेट अस्पताल में सिजेरियन डिलवरी हुई,वहां उपस्थित सभी मरीज सभी नर्सिग स्टाफ व अन्य व्यक्तियों के सवंमित होने की संभावना है। प्रायवेट एम्बुलेंस संचालक एवं कुछ शासकीय डाॅक्टर मिलकर गरीब मरीजों को लूट रहे हैं। जिला अस्पताल दुर्ग में इस तरह बड़े रैकेट का संचालन आर्थिक लाभ प्राप्त करने हेतु किया जा रहा है।
मामले की जानकारी होने के बाद गर्भवती मरीजा श्रीमती विभा यादव को चोरी चुपके उक्त अस्पताल से भगा दिया गया। इन सभी बातों से अब प्रष्न यह उठता है कि क्या गर्भवती महिला विभा यादव कोविड पाॅजेटिव थी, किन लोगों के द्वारा प्रायवेट अस्पताल में मरीज को ले जाने हेतु दबाव बनाया गया, मरीज को किसी एम्बुलेंस द्वारा प्रायवेट अस्पताल में शिफ्ट किया गया, मरीज की किस प्रायवेट अस्पताल में सिजेरियन डिलवरी हुई। मरीज को किस षासकीय डाक्टर द्वारा प्रायवेट अस्पताल में डिलवरी करवाने हेतु परामर्ष दिया गया या दबाव बनाया गया, मरीज को षासकीय अस्पताल से ले जाने से लेकर प्रायवेट अस्पताल में डिलवरी तक किसी स्त्री रोग विषेशज्ञ व डिलवरी होने के बाद बच्चों के डाॅक्टर के द्वारा उसका इलाज किया गया, क्या इन डाॅक्टरों को यथा स्थिति की जानकारी होने के बावजूद की मरीज कोविड-19 पाॅजेटिव है,कारोनो सवंमित मरीज के सम्पर्क में आने से कितने अन्य मरीज या नर्सिग स्टाफ या अन्य व्यक्ति सवंमित हुए एवं संक्रमण रोकने हेतु अस्पताल प्रबंधन द्वारा क्या कार्यवाही की गई। इसकी जानकारी डिलवरी के पूर्व विभागीय जाॅच हेतु स्वास्थ्य विभाग को दी गई थी। सवंमित मरीज का बायो मेडिकल वेस्ट का निश्पादन किसके द्वारा किया गया।
इस मामले में मरीज श्रीमती विभा यादव के सम्पर्क में आने से जिला अस्पताल दुर्ग/ निजी चिकित्सालय / मरीज के परिजन / मरीज के गांव के निवासियों के साथ अन्य कई व्यक्तियों के संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है एवं मरीज विभा यादव व नवजात शिशु की जान को भी खतरा है। इन सब बिन्दुओं पर सूक्षमता से जाॅच करवाकर दोशियों के विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही कर दोशियों के विरूद्ध एफआई आर दर्ज कराने के आशय से ज्ञापन सौंपा गया ताकि भविश्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो सके।
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से एनएसयूआई के षहर ब्लाक अध्यक्ष विनिष साहू, अमोल जैन, हरीष देवांगन, गोल्डी कोसरे सहिंत कार्यकर्ता मौजूद थे।