दुर्ग / शौर्यपथ /पार्किंग घोटाला के विवाद पर पक्ष व विपक्ष के आरोप प्रत्यारोप पर अब निगम आयुक्त व तात्कालिक बाज़ार अधिकारी का नाम भी शामिल हो गया बाज़ार प्रभारी ऋषभ जैन ने अपने उपर लगे आरोप को सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा कि पार्किंग घोटाले में आयुक्त द्वारा अपने चहेते व्यक्ति दुर्गेश गुप्ता के साथ मिलकर पूरा खेल खेला है। यह पूरा खेल भाजपा के कार्यकाल से है। सितंबर 2019 से मार्च 2020 तक पार्किंग को लेकर किसी भी प्रकार का लेखाजोखा नहीं है।
ऋषभ जैन ने कहा कि विपक्ष उनसे इस्तीफा मांग रहा है जबकि वे जनवरी 2020 से एमआईसी प्रभारी बने और पार्किंग घोटाला सितंबर 2019 भाजपा के कार्यकाल से चल रहा था। एमआईसी प्रभारी बनने के बाद इस घोटाले को सामने लाने का काम हमने किया। ऋषभ जैन ने कहा है कि सितंबर 2019 से मार्च 2020 तक पार्किंग का लेखाजोखा आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने नहीं रखा। यही नहीं नया टेंडर मार्च से पहले होना था लेकिन कोरोना का बहाना बनाकर इसे टाल दिया गया। मार्च में होने वाला टेंडर मई में हुआ इसके बाद भी इसका अनुबंद नहीं किया गया।
ऋषभ जैन ने बताया कि दुर्गेश गुप्ता के संबंध में लगातार शिकायतें मिल रही थी जिसे लेकर हमने उसे प्रभार से हटाने कहा था। शिकायत के बाद दुर्गेश गुप्ता को प्रभार से हटाया गया लेकिन एक माह बाद आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने उसे वापस बुला लिया। इसके बाद दुर्गेश गुप्ता को एमआईसी में प्रस्ताव पारित कर हटाया गया। ऋषभ जैन ने बताया कि पार्किंग घोटाले का पूरा खेल आयुक्त इंद्रजीत बर्मन व दुर्गेश गुप्ता की मिलीभगत से हुआ है।
अब देखना यह है कि इस आरोप प्रत्यारोप के समीकरण में निगम प्रशासन व परिषद् का अगला कदम क्या होगा ...