दुर्ग / शौर्यपथ / राजनीति एक ऐसा क्षेत्र है जहां जुडऩे के बाद लोगो की अपार संभावनाए अपने नेता से होने लगती है . कार्यकर्ता सालो अपने नेता के साथ कदम से कदम मिला कर चलता है ताकि जब नेता किसी मुकाम पर पहुंचे तो उसके लिए कुछ करे समाज के लिए कुछ करे . नेताओ की भी यही कोशिश रहती है कि अपने कार्यकर्ताओ को साथ लेकर चले ऐसे बहुत ही विरले नेता होते है जो सिर्फ चापलूसों के डीएम पर ही कार्य करते है और सत्ता आने के बाद जमीनी कार्यकर्ताओ को भूल जाते है . दुर्ग में भी वोरा परिवार एक ऐसा नाम है जो किसी पहचान का मोहताज़ नहीं है दुर्ग की राजनीती में उनका अपना नाम है सालो की राजनीती के बाद भी दुर्ग के बाबूजी के नाम से मशहूर स्व. मोतीलाल जी वोरा के लिए आज भी सभी के मन में आदर है जो अमिट है वही वर्तमान में दुर्ग के विधायक अरुण वोरा के खिलाफ साजिद मिर्जा का 20 मार्च 2021 को हल्लाबोल विरोध इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है . शौर्यपथ समाचार को अपनी पीड़ा बताते हुए साजिद मिर्जा मिजऱ्ा ने बताया कि
मैं (सुल्तान) साजिद मिर्जा मैं हमेशा चाहता हूं कि हमारा शहर सुंदर रहे शहर में गार्डन रहे शहर में साफ सफाई व्यवस्था बने रहे चौपाटी का रखरखाव अच्छा हो शहर में जहां-जहां गड्ढे है उसको पाटा जाए और वार्ड 9 में जिम की व्यवस्था हो मैं इसके लिए माननीय विधायक महोदय अरुण वोरा जी को को बोलते रहा हूं हमेशा मगर इनमें से एक भी चीज का वादा पूरा नहीं किया गया मुझे सिर्फ आश्वासन ही मिला है साजिद मिर्जा ने कहा शहर में ना अच्छा गार्डन है ना चौपाटी का सही तरह से रखरखाव , शहर में रोड से ज्यादा गड्ढा है . कभी कांग्रेस के समर्थक रहे साजिद मिर्जा ने बताया कि कांग्रेस की सत्ता आने के बाद भी शहर के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का काम नहीं हो रहा है सरकार बने 2 साल से ज्यादा हो गया कार्यकर्ता उधर उधर भटक रहे हैं मगर हमारे नेता जी को उससे कोई मतलब नहीं है .
साजिद मिर्जा ने विधायक वोरा पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि वह 10 -12 लोगों का ही काम करते हैं जो उनके खास खास है बाकी कार्यकर्ताओं से कोई मतलब नहीं है . साजिद मिर्जा ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि विधायक अरुण वोरा को यही सब चीज की मेरी लड़ाई है हमें इंसाफ चाहिए जो वादा आपने किए थे 2 साल पहले उसको पूरा करो अगर वादाखिलाफी हुई तो जन आंदोलन होगा आने वाले समय में .
दुर्ग शहर की एक गाँव से तुलना करते हुए साजिद मिर्जा ने कहा कि हमारा दुर्ग गांव से कम नहीं है वही उन्होंने शहर के विकास और कार्य पर भिलाई के विधायक देवेन्द्र यादव की दुर्ग विधायक से तुलन करते हुए कहा कि शहर देखना है तो भिलाई जाकर देखो कैसा होता है काम जाकर देखो भिलाई विधायक देवेंद्र यादव जी से कुछ सीखो ।
दुर्ग शहर के साथ हमेशा भेदभाव होता रहा है और इसमें हमारे नेताओं का ही हाथ है क्योंकि वह खुद नहीं चाहते कि यहां भी विकास हो अगर अभी भी नहीं समझे तो आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा ।
और सबसे बड़ी बात जो कार्यकर्ता 2 साल पहले उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा था उनका काम करना ना कि अपने खास लोगों का मैं किसी का नाम लेना नहीं चाहता मगर दुख की राजनीति बहुत गंदी चल रही है इसका खामियाजा आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा जय हिंद जय भारत जय छत्तीसगढ़ .