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कोरोना आपदा में जिला अस्पताल का ब्लड बैंक जूझ रहा ब्लड की कमी से ... Featured

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दुर्ग / शौर्यपथ / कोरोना काल मे लगातार मरीज बढ़ रहे है कई मरीजो को ब्लड की जरूरत भी पड रही है लेकिन मरीजो को ब्लड न के बराबर मिल रहा है दुर्ग जिले में भी अब तक हजारो की जान बचाने वाले ब्लड बैंक को लेकर अब समस्या शुरू हो गई है जिले में मदर ब्लड बैंक माने जाने वाले दुर्ग जिला ब्लड बैंक इन दिनों रक्त की कमी से जूझ रहा है। अंतराष्ट्रीय मानकों पर तैयार ब्लड बैंक में 700 बैग स्टाक करने की क्षमता है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण ऐसी स्थिति पहली बार बनी है की अब यहां केवल अलग-अलग ब्लड ग्रुप के केवल 87 बैग ही स्टाक है।
वी/ओ-1 प्रदेश का मॉडल ब्लड बैंक कहलाने वाला दुर्ग ब्लड बैंक अब ब्लड के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। कोरोना कोविड 19 के कारण लोग जहा अस्प्ताल जाने से डर रहे है तो वही ब्लड बैंक में अब लोग ब्लड डोनेट करने से भी डर रहे है। इस बेंक में ब्लड के बदले ब्लड देने का भी प्रावधान है। दुर्ग जिले के सरकारी समेत अन्य 23 अस्पतालों की संबद्धता ब्लड बैंक से है। रक्तदाताओं में कमी आने के कारण स्थिति भयावह बनी हुई है। कबीर ट्रस्ट के युवाओं को जैसे ही पता चला कि ब्लड बैंक में ब्लड की कमी है, तो ऐसे में तत्काल युवाओं ने 27 यूनिट ब्लड डोनेट किया और ब्लड बैंक में बैग की संख्या बढ़ाई आने वाले दिनों में फिर से युवाओं की टोली और भी ब्लड डोनेट करेगी। जिससे आने वाले में ब्लड बैंक की समस्या कम हो सकेगी दरअसल जिला ब्लड बैंक में ब्लड एक्सचेंज करने का भी प्रवधान है, लेकिन गरीब व गर्भवती महिलाओं के लिए बैंक बिना एक्सचेंज के ब्लड उपलब्ध कराता है जिले के डिमांड के अनुसार ब्लड बैंक में ब्लड का स्टाक नहीं होने से काफी समस्या हो रही है पूर्व में 150 से 200 बैग में ब्लड रहता था। अभी कोरोना के काल में सिविर लगना बंद हो गया है जिसके कारण भी ब्लड डोनेट करने वाले कि संख्या कम हुई है,वर्तमान हालत ये है कि आज ब्लड बैंक की क्षमता से भी कम ब्लड बचा है.

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शौर्यपथ