दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम प्रशासन की सफाई और नियमो का पालन करवाने के लिए की जा रही कार्यवाही से शहर की जनता में ये विश्वास जगा है कि शहर के आयुक्त और निगम प्रशासन शहर के लिए कुछ अच्छा कर रहे है किन्तु यही विश्वास तब डगमगा जाता है जब इस तरह की शिकायत किसी धनवानों के अतिक्रमण पर की जाती है या जनहित के कार्यो के लिए की जाती है . निगम प्रशासन की ऐसी कार्यवाही क्या कुछ चुनिन्दा वर्ग के लिए है या सीढ़ी साधी जनता में प्रशासनिक दहशत के लिए है जबकि निगम प्रशासन की नजरो के सामने ही ऐसे कई अवैधानिक कार्य हो रहे है जिनकी शिकायत या सुचना के बाद भी निगम प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी मौन रहते है. शिकायतों पर कार्यवाही की तत्परता दिखाने वाले निगम प्रशासन आखिर कई शिकायतों पर ध्यान क्यों नहीं देता जबकि इसकी सुचना कई बार दी जा चुकी है .
आयुक्त के निर्देश पर 10000 रु0 लगाया गया जुर्माना
निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज आशा नगर क्षेत्र वार्ड 21 में निरजचंद सूर्या को सड़क किनारे कच्च्ी नाली के ऊपर अपना भवन सामग्री रेत, गिट्टी रखने पर निगम स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता द्वारा उनके घर जाकर 10,000 रु0 का जुर्माना काटा ।
उल्लेखनीय है कि शहर में दो घंटे हुई लगातार बारिश से आशा नगर क्षेत्र से शिकायत मिली की निरजचंद शर्मा द्वारा कच्ची नाली में भवन सामग्री डाल दिया गया है जिससे नाली जाम हो गई है और आस-पास जगहों में बारिश का पानी भर रहा है । जिला कलेक्टर एवं आयुक्त इंद्रजीत बर्मन द्वारा तितुरडीह क्षेत्र का भ्रमण कर पानी भराव की स्थिति का जायजा लिया गया। इस दौरान शिकायत के आधार पर स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मौका मुआयना किया गया। कच्ची नाली में निरजचंद सूर्या द्वारा भवन सामग्री डाल दिया गया था। जिसके कारण आस-पास क्षेत्र में पानी का भराव हो गया। वार्ड निवासियों की सूचना शिकायत पर तत्काल कार्यवाही कर जुर्माना लगाया गया तथा निकासी से रेती, गिट्टी हटवाया गया।
किन्तु वही वार्ड नम्बर 43 में बेगम बाई के काम्प्लेक्स के सामने मोड़ पर पेड़ पौधे लगे होने तथा पास ही 20 फीट के नाले को अतिक्रमण कर 3 फीट का नाला कर दिया गया जिसके कारण बरसात में लोगो के घरो में नाले का गन्दा पानी जाता है किन्तु शिकायत के बाद भी निगम प्रशासन मौन रहा वही शहर की बसाहट के बीच मुर्गी फ़ार्म की शिकायत पर निगम प्रशासन द्वारा सिर्फ नोटिस का खेल खेला जा रहा है किन्तु वार्ड पार्षद की शिकायत के बाद भी निगम प्रशासन मौन है वही शहर में ऐसी कई जगह है जहा अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है किन्तु शिकायतों के बाद भी निगम प्रशासन मौन है क्या सिर्फ अपने मनपसंद जगह शिकायत पर कार्यवाही करती है निगम प्रशासन या फिर सिर्फ ऐसे नागरिको से जुर्माना वसूल किया जा रहा है जो नियमो और कानून का सम्मान करते है और अनजाने में हुए गलत कार्यो की सज़ा जुर्माने के रूप में चुकाते आ रहे है .
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निगम प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी लग्न चाहिए बड़ा जुर्माना
आज निगम प्रशासन ने नाली पर बिल्डिंग मटेरियल रखने वाले पर जुर्माना लगाया जो नियमानुसार ही होगा अगर यह नियमानुसार सही है तो वार्ड नम्बर 43 में 15-20 फीट के नाले की चौड़ाई 3-4 फीट होने पर और इसकी सुचना देने के बाद भी निगम प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं की गयी जिसके कारण आज के बरसात में कई निवासियों के घरो में पानी घुस गया . सूचना के बाद 10 हजार का जुर्माना करने वाला निगम प्रशासन क्या अपने अधिकारियो की इस लापरवाही के लिए कोई जुर्माना लगाएगा या सिर्फ दिखावे की कार्यवाही की जाएगी और सीधी-साधी जनता से ही जुर्माना वसूल करती रहेगी .
विधायक वोरा भी उठा चुके है कई बार आपत्ति
वर्तमान में कोरोना आपदा के कारण आम जन की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गयी है किन्तु छोटी बड़ी गलती की सजा के तौर पर भारीभरकम जुर्माने की आम जानो से मिलने वाली शिकायत आम जन अपने जनप्रतिनिधि विधायक वोरा से कर चुके है जिस पर विधायक एवं महापौर ने निगम प्रशासन से कहा भी है की कोरोना आपदा में आम जानो से छोटी छोटी बात पर बड़ा जुर्माना ना ले किन्तु निगम प्रशासन अपनी चाल पर चल रहा है और नियमो का हवाला दे कर / व्यवस्था सुधरने की बात कह रहा है . अगर निगम प्रशासन सही है तो क्यों नहीं हर शिकायतों पर कार्यवाही हो रही है