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परिसीमन के प्रारंभिक प्रस्ताव में किसी प्रकार के बदलाव होने की संभावना अब क्षीण

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चरोदा / शौर्यपथ / भिलाई-चरोदा नगर निगम के भावी चुनाव के मद्देनजर भिलाई-चरोदा नगर निगम के 40 वार्डों का नए सिरे से परिसीमन किया जा चुका है। इसके प्रारंभिक प्रस्ताव का प्रकाशन 11 अगस्त को किए जाने के साथ ही जिलाधीश कार्यालय में 19 अगस्त तक सुझाव अथवा आपत्ति आमंत्रित की गई थी। निश्चित समयावधि मे विभिन्न वार्डों को लेकर 30 से भी अधिक आपत्तियां दर्ज कराई गई। लेकिन बिना आपत्तिकर्ताओं को बुलाये ही जिला स्तर पर आपत्तियों का निराकरण कर परिसीमन के प्रस्ताव को स्वीकृति हेतु राज्य शासन को प्रेषित किए जाने से किसी तरह के बदलाव की संभावना पर अब संदेह उभर आया है। दरअसल नए परिसीमन की इस कवायद में वार्डों की संख्या से तो किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई, लेकिन कुछ वार्डों की सीमा बदलने के साथ ही चरोदा रेलवे कालोनी के दो वार्डों को विलोपित कर दिए जाने से नाराजगी देखी गई थी। वहीं भिलाई-3 की पुरानी बस्ती में सुमार महामाया पारा को शांतिनगर और शांतिनगर के कुछ इलाके को मिलाकर श्याम नगर वार्ड बना दिए जाने को लेकर भी जिला कार्यालय में आपत्ति दर्ज कराया गया था। इन आपत्तियों का निराकरण कब और कैसे किया गया इस बात का कोई खुलासा नहीं होने से परिसीमन के प्रारंभिक प्रस्ताव में किसी प्रकार के बदलाव होने की संभावना क्षीण नजर आ रही है।
गौरतलब रहे कि नये परिसीमन के प्रस्ताव में चरोदा रेलवे कालोनी के अंतर्गत आने वाले कुल पांच वार्ड की सीमाओं को मिलाकर अब तीन वार्डों में विभाजित किया गया है। इससे वहां के दो पार्षदों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। इसी तरह डबरापारा उत्तर व दक्षिण के रूप में दो वार्ड थे।
अब दोनों को मिलाकर एक वार्ड बना दिया गया है। एक वार्ड के अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहने की स्थिति से डबरापारा में रहने वाले सामान्य व पिछड़ा वर्ग के लोगों को दूसरे वार्ड से पार्षद बनने का मौका मिलता था। इस मौके के छिन जाने से डबरापारा के लोगों ने भी आपत्ति दर्ज कराया था। इस तरह की अन्य आपत्तियां भी अलग-अलग वार्डों से परिसीमन को लेकर दर्ज करा दी गई थी। लेकिन आपत्तिकर्ताओं को बुलाये बिना ही आपत्ति का निराकरण कर बंद लिफाफा राज्य शासन के समक्ष स्वीकृति हेतु भेज दिए जाने से लोगों में नाराजगी के साथ ही संशय की स्थिति बनी हुई है।
खो जाएगी वार्डों की पुरानी पहचान
निगम के वर्तमान परिषद में भाजपा पार्षद दल के नेता दिलीप पटेल का कहना है कि परिसीमन के प्रारंभिक प्रस्ताव के यथावत रहने पर कई वार्डों की पुरानी पहचान खो जाएगी। शीतला पारा भिलाई-3 की सबसे पुरानी बस्ती है। पहले इसके नाम से बने वार्ड में विश्व बैंक कालोनी शामिल था। अब विश्वबैंक कालोनी को नया वार्ड बनाते हुए शीतला पारा को नजदीकी शांतिनगर वार्ड मे शामिल कर दिया गया। वहीं शांतिनगर के ही आधे से अधिक क्षेत्र को लेते हुए कम आबादी वाले इलाके श्याम नगर के नाम से नया वार्ड बनाया जाना समझ से परे हैं। श्री पटेल ने कहा कि नियमानुसार सुझाव व आपत्ति लिए जाने के बाद आपत्तिकर्ताओं की गैरमौजूदगी में परिसीमन को अंतिम रूप देकर शासन को भेजा जाना अनुचित है।

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