दुर्ग / शौर्यपथ / अभी जिले में पंद्रह सौ सैंपल रोज लिये जा रहे हैं। अब दो हजार सैंपल लिये जाएंगे। इसमें फोकस प्राइमरी कांटैक्ट और लक्षणों वाले मरीजों का होगा। फिफ्टी प्लस आयु वाले नागरिकों पर विशेष ध्यान होगा। कांटैक्ट ट्रेसिंग में हाई रिस्क केसेस के चिन्हांकन पर विशेष ध्यान होगा। इनका एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आए तो पुन: पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर किया जाएगा। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कोविड संक्रमण की रोकथाम को लेकर अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में ली। बैठक में भिलाई नगर निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी, अपर कलेक्टर श्री प्रकाश सर्वे और श्री बीबी पंचभाई सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ऑक्सीजन बेड भी बढ़ाएंगे- कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि टेस्टिंग को बढ़ाने के पीछे अहम बात यह है कि आरंभिक दौर में ही कोविड के पकड़ में आ जाने पर इस पर नियंत्रण आसान हो सकता है क्योंकि फेफड़ों में संक्रमण का दौर आता है तो कठिनाई बढ़ जाती है। डेथ रेट घटाने के लिए यह बहुत जरूरी है कि पेशेंट की पहचान बिल्कुल प्रारंभिक स्टेज में कर ली जाए। इसके लिए चिन्हांकन के लिए सघन अभियान चलाना बेहद जरूरी है। हर दिन कम से कम 2 हजार टेस्ट किये जाएं। उन्होंने सभी बीएमओ से टेस्टिंग की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर टेस्टिंग थोड़ी कम हो रही है इसकी संख्या बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन बेड की संख्या भी बढ़ानी है ताकि ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों के लिए इसकी व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में निगेटिव और सांस की तकलीफ वाले मरीजों के लिए पचास बिस्तर आरंभ किये गए हैं। इसकी संख्या दस और भी बढ़ाई जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि रात में भी जिला अस्पताल में कैज्युअल्टी में टेस्टिंग की सुविधा होनी चाहिए। सिविल सर्जन ने बताया कि हर दिन रात के वक्त लगभग 15 टेस्टिंग हो रही है।
बच्चों के लक्षण पर विशेष ध्यान दें हो सकते हैं सुपर स्प्रेडर- कलेक्टर ने कहा कि बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण कोविड का खतरा काफी रहता है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होने की वजह से उन्हें कोविड का गंभीर खतरा कम रहता है लेकिन आशंका इस बात से होती है कि वे सुपर स्प्रेडर होते हैं अर्थात बहुत से लोगों तक कोविड को फैला सकते हैं अतएव संक्रमण के लक्षण वाले बच्चों का टेस्ट कर इनका उपचार आरंभ कर दें।
100 अतिरिक्त ऑक्सिमीटर उपलब्ध कराए जाएंगे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को- कंटनमेंट जोन में और ऐसे क्षेत्र में जहां पाजिटिव केस काफी संख्या में आए हैं। वहां व्यापक सर्वे किया जाएगा। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौ अतिरिक्त ऑक्सिमीटर उपलब्ध कराए जाएंगे। आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण सूचकांक देखने मल्टीपैरा मॉनिटर की संख्या बढ़ाई जाएगी। मरीज के लक्षणों की गंभीरता के अनुरूप कोविड केयर सेंटर भेजा जाना होगा तय- सबसे गंभीर मरीजों को शंकराचार्य हॉस्पिटल भेजा जाएगा। इसके बाद लक्षणों के अनुरूप कोविड केयर सेंटर का चुनाव किया जाएगा। जिन मरीजों को लक्षण नजर नहीं आ रहे, उन्हें होम आइसोलेशन की व्यवस्था की जा सकती है। पाजिटिव की जानकारी होते ही मेडिसीन का किट देना अनिवार्य होगा। ऐसे मरीजों के घरों में स्टिकर लगाना जरूरी होगा। होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम से फोन आते ही संबंधित हॉस्पिटल में मरीज को एडमिशन देना होगा।
अतिरिक्त क्षमता भी - धमधा में पचास बेड का कोविड केयर सेंटर, आजाद हास्टल में जैन समाज के सहयोग से सौ बेड का कोविड केयर सेंटर चलाया जाएगा। कलेक्टर ने सभी कोविड केयर सेंटर में आवश्यक सुविधाओं के प्रबंध के निर्देश अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने प्राइवेट हॉस्पिटल से भी पूरे समन्वय के साथ सभी मरीजों को सबसे अच्छी उपचार सुविधा देने के निर्देश अधिकारियों को दिए।