दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में पानी और बिजली को लेकर भाजपा नेताओं की लगातार बयानबाजी को लेकर अब कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। दुर्ग नगर निगम में मेयर इन काउंसिल के तीन प्रभारियों ने आज पूर्व महापौरों पर निशाना साधते हुए कहा है कि 20 साल तक दुर्ग निगम में भाजपा की सत्ता होने के बावजूद शहर की हालत नहीं सुधरी। दो दशक के कार्यकाल के बावजूद दुर्ग शहर की जनता पानी-प्रकाश व्यवस्था जैसी समस्या से जूझ रही है तो इसके लिए भाजपा ही जिम्मेदार है । एमआईसी प्रभारी जयश्री जोशी ने पूर्व महापौर व्दारा लगाए गए आरोपों को झूठी वाहवाही वाला ब्यान करार देते हुए कहा कि उनके महापौर कार्यकाल के दौरान दुर्ग शहर की जनता त्रस्त रही । उनके पांच साल के कार्यकाल के बाद दुर्ग विधान सभा के निगम चुनाव में जनता ने अपना जवाब दे दिया । ऐसे प्रत्याशी को वे सहन नहीं करेगी । पूर्व महापौर के कार्यकाल में अमृत मिशन का कार्य किस कछुचाल से चल रहा था, अगर उसी गति से आज भी चलता तो प्रोजेक्ट को पूरा करने में कम से कम दो साल और लग जाते। जयश्री ने कहा कि दुर्ग निगम में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद से अमृत मिशन के कार्यों में तेजी आई है। पूर्व महापौर के कार्यकाल में डेढ़ साल में जितना काम नहीं हुआ, उससे ज्यादा काम पिछले 9 माह में हो गया है। इसके दस्तावेजी प्रमाण दुर्ग के नागरिकों को नगर निगम से मिल सकती है। पूर्व महापौर को अगर दुर्ग शहर की चिंता होती तो शहर में उनके कार्यकाल मे सुशासन का आलम होता और जनता एक बार फिर भाजपा को मौका देती।
जयश्री ने कहा कि दुर्ग की जनता ने भाजपा पर भरोसा कर नगर निगम की सत्ता 20 साल तक सौंपी। जयश्री ने आगे कहा कि दुर्ग नगर निगम में 10 साल तक महापौर रहने के बाद विधायक और सांसद चुनाव जीत चुकी एक पूर्व महापौर ने वैश्विक महामारी के दौरान दुर्ग शहर की सुध नहीं ली। सिर्फ थाली पीटने और ताली बजाने से कोरोना से जंग नहीं लड़ा जा सकता। एक ओर विधायक अरुण वोरा और महापौर धीरज बाकलीवाल कोरोना संकट के दौरान लगातार दुर्ग की जनता के बीच रहे, वहीं दूसरी ओर भाजपा के सभी महापौर सहित भाजपा के नेता वर्चुअल रैली में व्यस्त रहे। जनता को गुमराह करते रहे। आज भी भाजपा नेता बिजली और पानी को लेकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व महापौर को अच्छी तरह पता है कि लचीली शर्तो के साथ विद्युत का ठेका भाजपा के शासन में उनके केन्द्रीय नेता की कम्पनी को दिया गया, जिसका खामियाजा आज सिर्फ दुर्ग ही नहीं पूरे प्रदेश को भुगतना पड़ रहा है। अगर पूर्व महापौर जनता को सच्चाई बताना चाहती है तो बताएं कि ईईएसएल कंपनी का सरकार के साथ किन शर्तो पर करार हुआ था और यह कंपनी किसकी है। सिर्फ कमीशनखोरी के कारण लचीली शर्तें रखी गई।
दुर्ग नगर निगम के विद्युत विभाग प्रभारी भोला महोबिया ने कहा कि ईईएसएल कंपनी को लचीली शर्तो के साथ ठेका देने के कारण आज कम्पनी की मनमानी चल रही है। जिस मानक के बल्ब लगाने थे, उसे नकारते हुए अमानक स्तर के बल्ब लगाए जा रहे हैं। ईईएसएल कंपनी शायद ये भूल गई है कि अब आँख बंद कर भुगतान देने वाली सरकार नहीं है। ईईएसएल कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन न देकर जनता को परेशान करने की कोशिश कर रही है। दुर्ग विधायक और महापौर के प्रयासों से कलेक्टर दर पर कर्मचारियों की नियुक्त कर व्यवस्था सुधारा जा रहा है।
जलकार्य प्रभारी संजय कोहले ने कहा कि जब से निगम में कांग्रेस की सत्ता आई है, तब से निगम क्षेत्र में अमृत मिशन का कार्य तेजी से हो रहा है। कांग्रेस के शासन में दस्तावेजों में काम नहीं होता बल्कि जमीनी स्तर पर काम होते हैं। इस साल के अंत तक शहर में निगम क्षेत्र में पाइपलाइन का कार्य पूर्ण हो जाएगा।