दुर्ग / शौर्यपथ / कहते है दान से किसी के जीवन में कई परिवर्तन आते है किन्तु रक्तदान और नेत्रदान ऐसा पुनीत कार्य है जो किसी को जीवन देने का कार्य करता है . रक्तदान की इसी भावना को चरितार्थ करते हुए संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा ये पुनीत कार्य किया गया . शासकीय जिला अस्पताल दुर्ग में संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके शिष्यों के द्वारा 6 यूनिट रक्तदान किया गया। समय-समय पर समाज हित और जनकल्याण के कार्यों में संत रामपाल जी महाराज के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जिला अस्पताल के माध्यम से कमलेश निर्मलकर मीडिया प्रभारी दुर्ग को जैसे ही पता चला कि दुर्ग के जिला अस्पताल में रक्त की कमी है उन्होंने संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों से संपर्क किया संत जी के शिष्य तुरंत रक्तदान करने के लिए तैयार हो गए। दुर्ग जिला संयोजक रामअवतार दास ने कहा कि जब भी शासकीय जिला अस्पताल दुर्ग में रक्त की कमी होगा तो हम संत रामपाल जी महाराज के शिष्य रक्तदान करने के लिए हमेशा तैयार हैं।
22 मार्च से लाकडाउन की वजह से सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में इस समय खून की कमी महसूस की जा रही है। जो ब्लड डोनेट करने वाले हैं वह भी कोरोनावायरस के डर से घर से निकलने में संकोच कर रहे हैं। इस विषम परिस्थितियों में भी संत रामपाल जी महाराज के शिष्य सामूहिक रक्तदान करने के लिए तैयार खड़े हैं। रक्तदान के समय सभी लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। इससे पहले संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों के द्वारा दुर्ग के कृषि मंडी ग्राउंड में 300 यूनिट रक्तदान किया गया था।