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कोरोना से दुर्ग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत घर-घर सर्वे कर रही कार्यकर्ता व सहायिकाओं में पसरा खौफ

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दुर्ग / शौर्यपथ / कोरोना संक्रमण के चलते दुर्ग शहर की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस खबर से विभागीय निर्देश पर घर-घर सर्वे कर रही भिलाई -दुर्ग के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं में खौफ पसर गया है।
दुर्ग शहर के वार्ड क्रमांक-1 स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक-2 में कार्यकर्ता रही माधुरी सोनी (40 वर्ष) की कोरोना संत्कमण के चलते मौत हो गई। फिलहाल आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन बंद है। लेकिन विभाग द्वारा सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं से कोरोना संदिग्धों की पहचान हेतु घर-घर सर्वे का काम लिया जा रहा है। माधुरी सोनी भी इस काम को अंजाम दे रही थी। इसी दौरान किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने से उसकी तबियत बिगडऩे लगी। बताया जाता है कि माधुरी सोनी को कोरोना जांच के लिए भी कईं जगह भटकना पड़ा। किसी तरह जांच होने के बाद संक्रमण की पुष्टि हुई तो समय पर सरकारी कोविड सेंटर में उसके परिजनों को बेड के लिए संघर्ष करना पड़ा। माधुरी सोनी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सेवा के बदले प्रतिमाह महज 6500 रूपये मानदेय शासन से मिलता है। इतने कम मानदेय पर काम करने वाली माधुरी सोनी के लिए किसी निजी अस्पताल का खर्च उठा पाना संभव न था। आखिरकार विभागीय अधिकारियों से अनुनय निवेदन के बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 11 अप्रैल को उसकी मौत हो गई। माधुरी सोनी की मौत से जिले के तमाम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं में भय का माहौल बन पड़ा है। घर-घर सर्वे के दौरान उन्हें विभाग द्वारा न तो मास्क और न ही सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जा रहा है। सीमित मानदेय पर कार्य करने वाली इन कार्यकर्ता और सहायिकाओं में संक्रमित होने पर समुचित इलाज हो पाने की चिंता बनी हुई है।

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शौर्यपथ

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