दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में अधिकारियों कर्मचारियों के अनियमितता के मामले आये दिन उजागर होते ही रहते है भर्ष्टाचार / अनियमितता का दूसरा पर्याय के रूप में दुर्ग निगम की पहचान बनते जा रही है . एक तरफ निगम की नाक के नीचे घटिया पेंट ( एम् आई सी भवन ) के नज़ारे के बाद भी अधिकारियों के ख़ास बने ठेकेदारों को ऑफलाइन ठेके पद्दति से नित नए काम मिल रहे है और घटिया निर्माण / कार्य पर अधिकारी आँख बंद रखे हुए है वही ठ्केदारो की फाइल जो नियमतः कार्यालय में होनी चाहिए किन्तु अधिकतर ठेकेदार अपनी फाइल अपने पास ही रखते है और बिना निरिक्षण दस्खत करने का कार्य इंजिनियर अपने केबिन में बैठ कर करते है . स्थल जाँच कार्यो में हो इसकी संभावना कम ही नजर आती है . हो सकता है कोई बड़ा कमीशन का खेल हो ठेकेदारों और इंजीनियरों में क्योकि साल भर पहले ही ऐसे ही एक मामले में सब इंजिनियर व्ही.पी. मिश्रा द्वारा सड़क पर सडक का निर्माण हुआ और ठेकेदारों को दोनों ही कार्यो के बिल का भुगतान हुआ . क्योकि जिनकी शिकायत के बाद भी किसी तरह की कार्यवाही नहीं हुई .
वर्तमान समय में निगम प्रशासन के मुखिया के तौर पर आयुक्त बर्मन द्वारा एक अहम् फैसला लिया गया जिसके तहत सहायक राजस्व निरीक्षक थान सिंह को बाज़ार प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया . किन्तु सबसे बड़ा सवाल यह है कि थान सिंह जो सालो से बाज़ार विभाग का कार्य देख रहे है अब जबकि प्रभारी है तो क्या इनके द्वारा इंदिरा मार्केट में सडको तक सामान फैला कर व्यापार करने वाले बड़े बड़े व्यापारियों पर कार्यवाही की जाएगी या सिर्फ निगम प्रशासन को कार्यवाही के नाम पर गुमराह करते रहेंगे और पद की गरिमा को धूमिल करेंगे ? क्या थान सिंह इंदिरा मार्केट में निगम के द्वारा लीज में दी गयी दुकाने जो बिना अनुमति के अपने मूल स्वरूप में परिवर्तन कर बरामदे तक सामन फैला कर व्यापार कर रहे है उन व्यापारियों पर कार्यवाही करेंगे या फिर ऐसे व्यापारियों पर विशेष कृपा दृष्टी रहेगी ? क्या थान सिंह शहर के ऐसे व्यापारी जो नियमो की अवहेलना करते हुए व्यापार कर रहे है उन पर कार्यवाही करेंगे या निगम प्रशासन का जोर एक बार फिर गरीबो पर ही मेहरबान रहेगा . निगम आयुक्त बर्मन द्वारा एक महत्तवपूर्ण फैसला लिया गया है और थान सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है क्या आयुक्त के फैसले पर थान सिंह खरे उतरेंगे या सिर्फ दिखावा में ही कार्य होगा . थान सिंह बाज़ार विभाग के सभी कार्यो से भलीभांति परिचित है बस अब समय है अपने पद की गरिमा को बनाए रखने की और निष्पक्ष ( भर्ष्टाचार से परे )होकर निगम के शासकीय कार्यो को करने की तथा ये साबित करने की सहायक क को महत्तवपूर्ण प्रभार देकर आयुक्त ने कोई गलती नहीं की .