दुर्ग / शौर्यपथ / महंगाई बढ़ रही है लेकिन क्यों इसका जवाब न केंद्र सरकार के पास है न राज्य सरकार के पास जवाब है जब से केंद्र की मोदी सरकार देश का बागडोर सम्हाली है .तेल का जैसे खेल चल रहा है तेल खाने का हो या सरपर लगाने का हो या हो गाड़ी चलाने का रेट आसामान छू रहे है .डीज़ल-पेट्रोल, रसोई गैस से लेकर दैनिक जीवन की किराना सामानों की कीमतें नित नए आयाम स्थापित करती चली जा रही हैं.. महँगाई मानो थमने का नाम ही नहीं ले रही है यहाँ तक की हर छोटे मझोले परिवार को प्रभावित करने वाली जरूरी चीज सहित दवाइयों की कीमत भी मोदी सरकार के 2014 से केन्द्र में स्थापित होने के बाद से आसमान छूने लगी है रोजमर्रा की सामान्य दवाइयों में भी सौ से दो सौ प्रतिशत की वृद्धि हो गई है...किराना आदि खाद्य सामग्रियों की कीमत तो 2014 के बाद से जैसे रुकने का नाम ही नहीं ले रही है..आमजन को ठीक से भोजन के लिए सोचना पड़ रहा है..देश की 80 फीसदी आबादी की क़मर महँगाई से टूट चुकी है.लोग हलाकान-परेशान हैं कि अपने और परिवार का भरण पोषण करें तो करें कैसे.?
महोदय जब से केन्द्र में मोदी सरकार आई है 2014 के बाद का ही आकलन करें तो डीज़ल-पेट्रोल की कीमत में लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है 2014 में पेट्रोल 58 रु लीटर थी जो अभी 93से 100 की हो चुकी है. डीज़ल2014 में48 की थी..2021में 88रू की हो गई है.. रसोई गैस 14 में 510 रू प्रति सिलेंडर थी जो अभी20 21 में ठीक दोगुनी 819 रु की हो गई है..
किराना संबंधित खाद्य सामग्रियों के क़ीमतों में आग लग चुकी हैं.. सरसों तेल जो 2014 में 80 से 90रु लीटर थी अभी2021 मे 180 रु..,अरहर दाल 14 में 65--74 रु किलो थी जो अभी2021 में 130 से 150 रु की हो गई है.. चना दाल 14 में 46 रु थी जो अब 100 की हो गई है.. उड़द और मूंगदाल तो सामान्य और निम्न मध्यम वर्ग की पहुँच से दूर हो चुकी है.. ऊपर से कोरोना महामारी की मार..जिसमें लॉकडाउन के कारण मेहनत कर रोज कमाने खाने वालों के खाने का स्वाद बिगड़ चुकी है लोग महंगाई के कारण अपनी दैनिक जीवन की वस्तुओं को नहीं खरीद पा रहे हैं.
भाजपा की केन्द्र सरकार महँगाई तो रोकने में पूरी तरह विफल है ही..उसकी पूँजीवादी सोंच के कारण महँगाई को स्थिर तक नहीं कर पा रही है..केन्द्र सरकार और भाजपा--कॉंग्रेस की राज्य सरकारें बेतहाशा टैक्सों में वृद्धि कर महँगाई में और आग लगा दिये हैं.सीमेंट का रेट प्रति बोरी लगभग 50 रुपये महंगा चल रहा है
इसी प्रकार ज़रूरी दवाइयों की क़ीमत में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है आम इंसान के घर का बजट बदहाल हो चुका है और बड़ी बड़ी बात करने वाली केन्द्र और राज्य सरकारें इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई बात नहीं करना चाहती बेबस जनता हलाकान--परेशान है..मोदी सरकार के 2014 से 2021 के मध्य कार्यकल का अवलोकन कर लें तो लगभग हरेक वस्तुओं की कीमतों में 100 से 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिसकारण औसतन महँगाई केवल मोदी सरकार के 5 से 7 साल के बीच ही आसमान छू रही है जो अन्य पिछली सरकारों में इतना नहीं बढ़ा था.
आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ केन्द्र सरकार के इस महँगाई नीति के विफलता का विरोध करती है और आपके माध्यम से केन्द्र सरकार से माँग करती है कि तत्काल इस महँगाई को रोकने, इसे नियंत्रित करने अविलम्ब कोई ठोस कदम उठाए,आमजन की जनभावनाओं का कद्र करें अन्यथा आम आदमी पार्टी..आम जनता की इस महँगाई की लड़ाई को सड़कों पर लड़ेगी.और मँहगाई कम नहीं हुई हम प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेंगे.वर्चुअल प्रदर्शन में उपश्थित सदस्य- के ज्योति जसप्रीत,चंद्र शेखर,अमजद,मेहरबान सिंह,सोनू यादव जीतू निषाद.