अब पोर्टल नहीं दे रहा दूसरे डोज का परमिशन ,बिना वैक्सीन लगवाये लौट रहे हैं लोग ,सेंटर में भी नहीं मिल पा रहा सही मार्गदर्शन
दुर्ग / शौर्यपथ / किसी अन्य के मोमाइल नंबर दर्ज कर कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन का पहला डोज लगाने वालों को दूसरा डोज लगाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सही मोबाइल नंबर नहीं पता होने से कोविन पोर्टल दूसरे डोज के लिए परमिशन नहीं दे रहा है। ऐसे हितग्राहियों को वैक्सीनेशन सेंटर में कोई मार्गदर्शन नहीं मिल पाने से बिना वैक्सीन लगाये वापस लौटने में मजबूर होना पड़ रहा है।
कोविशील्ड वैक्सीन का दूसरा डोज लेने वालों में अनेक लोग ऐसे भी सामने आ रहे हैं, जिन्होंने पहले डोज के वक्त किसी और का मोबाइल नंबर दर्ज करवाया था। ऐसे लोगों से वैक्सीनेटर सेंटर में रजिस्ट्रेशन के लिए पहले डोज के वक्त दर्ज कराये गए मोबाइल फोन का नंबर मांगा जा रहा है। अनेक लोगों को यह पता ही नहीं कि पहले डोज के समय उन्होंने किसका मोबाइल नंबर दर्ज कराया है। दूसरे का मोबाइल नंबर दर्ज होने से उनके पास पहले डोज का प्रमाण पत्र भी नहीं है। उलझनों के बीच परिवार के अन्य सदस्यों के मोबाइल नंबर लेकर संभावनाओं के तहत कोशिश की जा रही है। जिसमें से कुछ को दूसरे डोज लगाने में सफलता मिल रही है। जबकि अनेक हितग्राही बिना वैक्सीन लगाये ही लौटा दिए जा रहे हैं।
गौरतलब रहे कि 1 अप्रैल से 45 प्लस वालों के लिए वैक्सीनेेशन प्रारंभ किया गया। इस दौरान जिनके पास मोबाइल फोन नहीं थे उनके लिए किसी दूसरे के मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन कराने की छूट दी गई थी। वैक्सीन का पहला डोज लेने सेंटर में पहुंचे अनेक हितग्राहियों ने अपने साथ लाइन में खड़े लोगों के मोबाइल नंबर का उपयोग रजिस्ट्रेशन के लिए कर दिया। शुरुवाती दिनों में कोविशील्ड के दोनों डोज के बीच 28 दिन का अंतर रखा गया। बाद में 44 से 56 दिन के अंतराल को बढ़ाकर 84 दिनों का कर दिया गया। अंतराल लंबा हो जाने से अनेक हितग्राहियों को अब याद भी नहीं रहा कि उन्होंने पहले डोज के समय किसका मोबाइल नंबर दर्ज कराया था। इससे कोविन पोर्टल में दूसरे डोज के लिए अनुमति नहीं मिल पा रही है।
खास बात यह भी है कि ऐसे लोगों को वैक्सीनेटर सेंटर में फिलहाल किसी भी प्रकार का मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है। उन्हें पहले डोज के दौरान दर्ज कराये गए मोबाइल फोन का नंबर अथवा प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। जिनके पास ये दोनों चीजें नहीं है उनके वैक्सीनेशन की दूसरी डोज पर उभरा संशय कैसे दूर होगा, यह बताने वाला कोई नहीं है।
पहले डोज के वैक्सीन का नाम पता नहीं
वैक्सीनेशन सेंटर में काफी संख्या में ऐसे भी लोग पहुंच रहे हैं, जिन्हें यह भी पता नहीं है कि उन्होंने पहला डोज किस वैक्सीन का लिया है। शुरुवाती दिनों में कोविशील्ड के साथ कोवैक्सीन भी लोगों को लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि पहले डोज के अनुरुप ही दूसरा डोज भी लगाया जाए। हालांकि दूसरे डोज के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान यह पता चल जाता है कि वे किसे कौन सा वैक्सीन पहले डोज में लगा है। लेकिन पुख्ता जानकारी के अभाव में जिनको कोविशील्ड का दूसरा डोज लगना है वे कोवैक्सीन की उपलब्धता वाले सेंटर में पहुंचकर लाइन में लग रहे हैं। इससे सेंटर में अव्यवस्था की स्थिति बन रही है।