दुर्ग। शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट।
भारतीय जनता पार्टी, दुर्ग का जिला संगठन अब पहले जैसा नहीं रहा। कभी अंदरूनी खींचतान, निष्क्रियता और गुटबाजी से जूझता यह संगठन आज पूरी ऊर्जा, समन्वय और अनुशासन के साथ अपने चरम पर है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण 30 जून को दुर्ग जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक के जन्मदिन पर देखने को मिला, जब हजारों कार्यकर्ताओं और नागरिकों की भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि भाजपा अब "व्यक्ति केंद्रित नहीं", संगठन आधारित पार्टी बन चुकी है।
भाजपा का अतीत: जब संगठन बिखराव का शिकार था
भाजपा दुर्ग संगठन की यदि अतीत की बात करें, तो एक समय ऐसा भी था जब कार्यकर्ताओं में संवादहीनता, और वरिष्ठ नेताओं में आपसी मतभेद आम बात हो चुकी थी। पार्टी के कार्यक्रम औपचारिकता मात्र बन चुके थे। संगठन का नाम केवल कागजों पर था और चुनाव के समय ही सक्रियता दिखाई देती थी।
2018 के बाद जब राज्य में भाजपा ने सत्ता गंवाई, तब दुर्ग जिले में कार्यकर्ताओं में निराशा और नेतृत्व में दिशाहीनता नजर आई। यह दौर ऐसा था जब भाजपा संगठन "कठपुतली मात्र" कहा जाने लगा था।
परिवर्तन की शुरुआत: नेतृत्व की नई सोच
संगठन में नई जान फूंकी तात्कालिक जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने। उनके नेतृत्व में संगठन की आधारशिला को पुनः सशक्त किया गया। जमीनी कार्यकर्ता, बूथ स्तर की सक्रियता, और सांगठनिक ढांचे की मजबूती पर विशेष बल दिया गया। इसी कड़ी में सुरेंद्र कौशिक जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं को अग्रिम पंक्ति में लाया गया, जिन्होंने हर वर्ग को साथ लेकर संगठन में नई चेतना का संचार किया।
सुरेंद्र कौशिक: कर्मठ नेतृत्व का प्रतीक
आज जब सुरेंद्र कौशिक भाजपा दुर्ग के जिला अध्यक्ष हैं, तो वे केवल एक नाम नहीं बल्कि संगठन के जीवंत चेहरे के रूप में देखे जा रहे हैं। जन्मदिन के दिन उन्होंने मां चंडी मंदिर में पूजा-अर्चना, फिर "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत पौधरोपण किया, और दिनभर आमजन से मिलकर जनसंपर्क भी किया। यह जनसंपर्क केवल औपचारिकता नहीं बल्कि प्रशासन, समाज और कार्यकर्ता के बीच पुल बनाने का संदेश था।
जन्मदिन पर दिखी राजनीतिक चेतना
बाफना मंगलम में आयोजित कार्यक्रम में हजारों की भीड़, शहर भर में पोस्टर-बैनर, सोशल मीडिया पर शुभकामनाओं की बाढ़ — यह सब किसी व्यक्ति की लोकप्रियता से अधिक संगठन की स्वीकार्यता को दर्शाता है। कांग्रेस जहां अब भी व्यक्ति विशेष के भरोसे चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश करती है, वहीं भाजपा संगठन का हर कार्यकर्ता एक सिपाही की भांति एकजुट दिख रहा है।
भाजपा की नई कार्यशैली: अनुशासन, विस्तार और भागीदारी
वर्तमान भाजपा संगठन की कार्यशैली पहले से बिलकुल अलग है। बूथ स्तर पर संपर्क अभियान, नियमित संगठनात्मक बैठकें, युवाओं को जोड़ने की रणनीति, महिला मोर्चा और किसान मोर्चा की गतिविधियों का विस्तार — ये सब संगठन के जीवंत होने के प्रमाण हैं।
कांग्रेस के लिए चेतावनी का संकेत
अगर कांग्रेस अभी भी नेता केंद्रित रणनीति में उलझी रही, और जमीनी कार्यकर्ता को सम्मान नहीं दिया, तो भाजपा की यह संगठनात्मक मजबूती 2028 तक के चुनाव में कांग्रेस को और भी पीछे छोड़ सकती है। कांग्रेस का संगठन अब भी स्थानीय स्तर पर निष्क्रिय दिखता है, आज भले ही भाजपा के चुने कई जनप्रतिनिधियों की लोकप्रियता काफी गिर चुकी है और लगातार उनकी निष्क्रियता और चाटुकारों से घिरे रहने के बावजूद समर्पित कार्यकर्ताओ की उम्मीद की आस संगठन है ऐसे में भाजपा का हर छोटा-बड़ा कार्यकर्ता आज खुद को संगठन के नेतृत्व का भागीदार मानता है।
शौर्यपथ समाचार पत्र परिवार भारतीय जनता पार्टी के दुर्ग जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक को जन्मदिन की हार्दिक बधाई प्रेषित करता है, और आशा करता है कि संगठन की यह ऊर्जा, दिशा और दृष्टि भाजपा को आने वाले समय में और अधिक मजबूत बनाएगी।