May 02, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

दुर्ग/ शौर्यपथ /नगर पालिक निगम द्वारा आयुक्त सुमित अग्रवाल के निर्देश पर भवन अधिकारी गिरीश दिवान,राजेंद्र ढाबाले,बाजार अधिकारी शुभम गोइर एवं अतिक्रमण अधिकारी परमेश्वर कुमार के नेतृत्व में आज निगम अधिकारियो ने सुबह 10 बजे से लगातार पुराने बस स्टैंड के आसपास के अतिक्रमण को हटा डटे रहे।नगर निगम अतिक्रमण के खिलाफ अभियान छेड़ रखी है। इस क्रम में निगम का तोडू अमला शुक्रवार को इंदिरा मार्केट से अतिक्रमण हटाने दल बल के साथ पहुंचा। इस अभियान में अवैध कपड़ा दुकानों सहित अन्य दुकानों को भी हटाया गया है।कार्रवाही के मौके पर नगर पुलिस अधीक्षक चिराग जैन,दुर्ग थाना टीआई विजय यादव,मोहननगर टीआई शिव चंद्रा बाजार विभाग ईश्वर वर्मा,शशिकांत यादव सहित यातायात पुलिस एएसआई रमेश कुमार दुबे के अलावा सीएसएफ के जवान आदि मौजूद रहे।
बाजार अधिकारी शुभम गोइर ने बताया कि कार्रवाई यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने और शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए की गई है.अतिक्रमण हटाने का अभियान,नगर निगम ने दुर्ग के पुराने बस स्टैंड और आसपास के क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के लिए एक अभियान शुरू किया।
निगम अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही करता इसके पहले क्षेत्र के नाराज व्यापारियों ने कार्यवाही को लेकर विरोध जताया।भारी पुलिस बल के बीच मौके पर गहमागहमी का माहौल निर्मित हो गया। विरोध के बाद भी कार्रवाही चलती रही।साथ अतिक्रमण कर्ता स्वयं अपना अतिक्रमण समेट रहे है।
बाजार अधिकारी शुभम गोइर ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना और शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाना था।
हटाए गए अतिक्रमण।इस अभियान के दौरान पुराना बस स्टैंड स्टेशन रोड सड़क किनारे करीब 58 दुकान से अधिक अवैध दुकानें और अन्य अतिक्रमण हटाए गए।
उन्होंने बताया कि अतिक्रमण की वजह,अतिक्रमण की वजह से यातायात में बाधा और शहर की सुंदरता में कमी हो रही थी, इसलिए नगर निगम ने यह अभियान शुरू किया,अभियान का प्रभाव,इस अभियान के बाद पुराने बस स्टैंड और आसपास के क्षेत्र में यातायात सुव्यवस्थित हो गया है और शहर की सुंदरता भी बढ़गी।

      

मेसर्स रैक बैंक के एआई डाटा सेंटर का होगा शिलान्यास
 रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 3 मई को नवा रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में पंजीयन (रजिस्ट्री) विभाग की नवाचार आधारित 10 नवीन सुविधाओं का शुभारंभ और मेसर्स रैक बैंक द्वारा प्रस्तावित अत्याधुनिक एआई डाटा सेंटर का शिलान्यास भी करेंगे। यह कार्यक्रम राज्य के डिजिटल बुनियादी ढ़ांचे को सुदृढ़ बनाने और आम नागरिकों को पारदर्शी, सरल तथा तकनीकी सुलभ सेवाएं प्रदान करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम होगा।  
पंजीयन विभाग द्वारा आम नागरिकों की सुविधा, पारदर्शिता और दस्तावेजों की सुरक्षा के उद्देश्य से पंजीयन प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और सरल बनाया गया है। इन सुविधाओं में आधार आधारित प्रमाणीकरण, ऑनलाइन सर्च एवं डाउनलोड, कैशलेस भुगतान, डिजीलॉकर, व्हाट्सएप नोटिफिकेशन, घर बैठे रजिस्ट्री, डिजीडॉक्यूमेंट, स्वतः नामांतरण जैसी तकनीकी सेवाएं शामिल हैं। इन सुविधाओं से रजिस्ट्री प्रक्रिया, पेपरलेस सुरक्षित और नागरिकों के लिए सहज हो सकेगी। अब आम नागरिक रजिस्ट्री से जुड़ी सेवाएं घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे, जिससे समय, श्रम और धन की बचत होगी।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय द्वारा जिस एआई डाटा सेंटर का शिलान्यास किया जाएगा, वह नवा रायपुर के सेक्टर 22 में विशेष आर्थिक क्षेत्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है। प्रथम चरण में 5 मेगावॉट क्षमता का यह केंद्र पर्यावरण संरक्षण मानकों का पालन करते हुए सौर ऊर्जा आधारित होगा तथा भविष्य में इसकी क्षमता 150 मेगावॉट तक विस्तार की जा सकेगी। लगभग 1000 करोड़ के निवेश वाली इस परियोजना से 500 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह इकाई राज्य की औद्योगिक नीति वर्ष 2024-30 के तहत एंकर यूनिट के रूप में विकसित होगी। इसके साथ ही राज्य में आईटी, आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स और डेटा सेवाओं से जुड़े एक नए इको-सिस्टम के विकास की नींव रखी जाएगी।

छत्तीसगढ़ के विशेष आग्रह पर केंद्र सरकार ने ऐसे परिवारों के लिए स्वीकृत किए हैं 15 हजार आवास
कुल दस करोड़ रुपए आज हितग्राहियों के खातों में अंतरित, प्रथम किस्त के रूप में 2500 परिवारों को जारी किए गए 40-40 हजार रुपए
मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों से वर्चुअली जुड़े हितग्राहियों से बात भी की, आवास निर्माण के लिए पहली किस्त मिलने पर दी बधाई
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित 2500 परिवारों के बैंक खातों में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की पहली किस्त की राशि अंतरित की। उन्होंने मंत्रालय में वर्चुअली आयोजित कार्यक्रम में आवास निर्माण की पहली किस्त प्रति परिवार 40-40 हजार रुपए के मान से कुल दस करोड़ रुपए हितग्राहियों के खातों में अंतरित किए। छत्तीसगढ़ के विशेष आग्रह पर केंद्र सरकार द्वारा राज्य के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए 15 हजार आवास स्वीकृत किए गए हैं। उप मुख्यमंत्री तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  विजय शर्मा भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री साय ने विभिन्न जिलों से मंत्रालय से वर्चुअली बड़ी संख्या में जुड़े हितग्राहियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य शासन ने केंद्र सरकार से विशेष आग्रह कर आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए जो प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता की शर्तों में नहीं आ पा रहे थे, उनके लिए 15 हजार आवास स्वीकृत कराया है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री  अमित शाह और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने संवेदनशीलता और गंभीरता से हमारे निवेदन को मंजूरी दी और वंचित परिवारों के लिए भी आवास की व्यवस्था की।
  साय ने नक्सल प्रभावित दूरस्थ वनांचलों के लिए स्वीकृत इस विशेष परियोजना के हितग्राहियों की हौसला अफजाई करते हुए अच्छा मकान बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इसमें सरकार हर तरह की मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने नक्सली हिंसा के शिकार परिवारों से आत्मीयता से बातकर उनका हाल-चाल पूछा। उन्होंने घर-परिवार और उनके व्यवसाय की जानकारी ली। बातचीत के दौरान विभिन्न जिला मुख्यालयों से जुड़े हितग्राहियों ने पक्का आवास मिलने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया।   
उप मुख्यमंत्री तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा ने भी हितग्राहियों को ऑनलाइन संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। आज 2500 ऐसे परिवारों को जो नक्सलवाद छोड़कर मुख्य धारा में लौट आए हैं या नक्सल हिंसा से पीड़ित हैं, उनके पक्के आवासों के निर्माण के लिए 40-40 हजार रुपए की पहली किस्त जारी की गई है। ये ऐसे परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता में नहीं आ पा रहे थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में विभाग ने विशेष प्रयास कर भारत सरकार से ये आवास मंजूर कराए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य में नक्सलवाद को समाप्त करने का अभियान अब अंतिम चरण में है। बस्तर के लोगों के मन से अब आतंक का डर हट जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे मुख्य धारा में आएं। बस्तर की शांति और विकास के लिए यह जरूरी है। उन्होंने विशेष परियोजना के तहत हितग्राहियों के चिन्हांकन और इसे अमलीजामा पहनाने के लिए विभागीय अधिकारियों की पीठ थपथपाई और उन्हें धन्यवाद दिया।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने कार्यक्रम में राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आवास निर्माण के लक्ष्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। योजना के अगले चरण के लिए हितग्राहियों के सर्वेक्षण का काम भी तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव पी. दयानंद, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक श्री तारन प्रकाश सिन्हा सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी भी राशि अंतरण कार्यक्रम में मौजूद थे।
सुकमा के सर्वाधिक 809 आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों को मिली आवास की पहली किस्त, बीजापुर के 594 और नारायणपुर के 316 परिवार शामिल
प्रधानमंत्री आवास योजना में विशेष परियोजना के तहत आज जिन 2500 आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के खातों में आवास निर्माण के लिए राशि अंतरित की गई, उनमें सर्वाधिक 809 परिवार सुकमा जिले के हैं। बीजापुर जिले के ऐसे 594, नारायणपुर के 316, बस्तर के 202, दंतेवाड़ा के 180, कोंडागांव के 166 और कांकेर के 138 परिवारों को आवास निर्माण के लिए राशि जारी की गई है।

- कलेक्टर ने स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण एवं विभिन्न योजनाओं के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की
- कलेक्टर ने आगामी शैक्षणिक सत्र में बोर्ड परीक्षा के परिणाम सुधार हेतु विशेष प्रयास करने के दिए निर्देश
- स्मार्ट क्लासेस का होना चाहिए सही उपयोग
- स्कूलों की रैंकिंग के संबंध में दिए निर्देश
- पढ़ाई में पिछड़ रहे क्षेत्रों में विशेष तौर पर कार्य करने की आवश्यकता
- युक्तियुक्तकरण एवं अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए दिए आवश्यक निर्देश
- जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत अधिक से अधिक लाभान्वित करने की आवश्यकता
- श्रवण बाधित बच्चों के बैरा टेस्ट के माध्यम से बच्चों को उच्च गुणवत्ता के श्रवण यंत्र उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
- दृष्टि बाधित बच्चों के लिए पावर वाले चश्मा प्रदाय करने के लिए कहा
- सभी स्कूलों में अधोसंरचना, उपलब्ध सुविधाओं, साफ-सफाई की समीक्षा की
राजनांदगांव/शौर्यपथ /कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए कार्ययोजना, बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए मंथली टेस्ट, स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण एवं विभिन्न योजनाओं के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर कार्यों की समीक्षा की। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि बच्चों के पढ़ाई की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे बच्चे जो पढ़ाई में कमजोर है, उन पर ध्यान देते हुए कार्य करने की जरूरत है। बच्चों की पढ़ाई की निरंतरता बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आगामी शैक्षणिक सत्र में बच्चों की गुणवत्तायुक्त पढ़ाई के लिए कार्ययोजना बनाकर प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई में पिछड़ रहे क्षेत्रों में विशेष तौर पर कार्य करने की आवश्यकता है। कलेक्टर ने आगामी शैक्षणिक सत्र में बोर्ड परीक्षा का परिणाम सुधार हेतु प्रतिमाह यूनिट टेस्ट करवाने, कमजोर विद्यार्थियों का चिन्हांकन, स्टडी मटेरियरल उपलब्ध कराने तथा इस संबंध में व्यापक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में सभी आवश्यक निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने नवाचार तथा अच्छे सुझाव भी आपस में साझा करने कहा। उन्होंने कहा कि जिले में स्मार्ट टीवी के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है, जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे है। संपर्क डिवाईस के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में कार्य करें और स्मार्ट टीवी का सही उपयोग करें। बच्चों को कैरियर काउंसलिंग के साथ ही अच्छी पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने सभी स्कूलों में अधोसंरचना, उपलब्ध सुविधाओं, साफ-सफाई एवं शौचालय के संबंध में जानकारी ली। स्कूलों में फर्नीचर एवं अन्य सामग्री के रख-रखाव के संबंध में भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने आगामी शैक्षणिक सत्र में बोर्ड परीक्षा के परिणाम सुधार हेतु विशेष प्रयास करने के लिए निर्देश दिए।
  कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया दो चरणों में संपन्न की जाएगी, जिसमें प्रथम चरण में स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा और दूसरे चरण में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। शालाओं का युक्तियुक्तकरण के तहत एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों का समायोजन किया जायेगा। उन्होंने 7 मई तक समायोजित होने वाली शालाओं का प्रस्ताव विकासखड स्तरीय समिति द्वारा जिला स्तरीय समिति को प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत अधिक से अधिक लाभान्वित करने की आवश्यक है। उन्होंने बच्चों के नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण, गणवेश वितरण, मध्यान्ह भोजन, सायकल वितरण के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि समग्र शिक्षा के तहत विभिन्न विद्यालयों में चल रहे निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण एवं समय-सीमा में कार्य पूर्ण कराने के लिए निरीक्षण करने निर्देशित किया। उन्होंने कोविड से मृत्यु हुए पालकों के बच्चों को महतारी दुलार योजना के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के गृह भेंट करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने श्रवण बाधित बच्चों के कान की सुनने की क्षमता का बैरा टेस्ट के माध्यम से वास्तविक परीक्षण करवाकर बच्चों को उच्च गुणवत्ता के श्रवण यंत्र उपलब्ध कराने एवं दृष्टि बाधित बच्चों के लिए पावर वाले चश्मा प्रदाय करने के निर्देश दिए।
  जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत जरूरतमंद बच्चों को लाभान्वित करने की जरूरत है। स्कूल से ड्राप आऊट बच्चों को चिन्हांकित कर उनकी काउंसलिंग करने की आवश्यकता है। बच्चों के सीखने की क्षमता पर ध्यान देते हुए तकनीक के माध्यम से बेहतर परिणाम प्राप्त करने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास कुमार  बघेल ने स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में जानकारी दी तथा समग्र शिक्षा, स्कूल में स्मार्ट टीवी, उपलब्ध अन्य सुविधाएं, निर्माणाधीन स्कूल, नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक, गणवेश, मध्यान्ह भोजन, सायकल वितरण के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कक्षा 10वीं एवं 12वीं के बच्चों के कैरियर काउंसलिंग के लिए कार्य करेंगे, जिससे उनकी पढ़ाई हो सकेंगी। उन्होंने शिक्षा के अधिकार के संबंध में जानकारी दी। बैठक में नगर पालिक निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम राजनांदगांव खेमलाल वर्मा, एसडीएम डोंगरगढ़  मनोज मरकाम, एसडीएम डोंगरगांव श्रीकांत कोर्राम, सहायक संचालक शिक्षा  आदित्य खरे, बी संगीता राव, डीएमसी सतीश ब्यौहरे, एडीपीओ पीआर झाड़े, एपीसी मो. रफीक अंसारी,  आदर्श वासनिक, विकासखंड शिक्षा अधिकारी  डीआर देवांगन, प्रशांत चिर्वतकर, आर एल पात्रे, श्री विरेंद्र कौर गरचा, बीआरसी भगत सिंह ठाकुर, पीडी साहू,  अरविंद रत्नाकर, इनायत अली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

   रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महतारी वंदन योजना के अंतर्गत आज एक तारीख को माह मई 2025 की पंद्रहवीं किश्त का भुगतान जारी कर दिया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश की 69.32 लाख से अधिक महिलाओं को कुल 648.38 करोड़ रुपये की सहायता राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की गई।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए इस योजना की शुरुआत मार्च 2024 में की गई थी। अब तक लगातार 15 माहों में 9788.78 करोड़ रुपये की राशि प्रदेश की महिलाओं को प्रदाय की जा चुकी है। योजना के अंतर्गत 21 से 60 वर्ष आयु वर्ग की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
आधार कार्ड अपडेट कराने की अपील
महिला एवं बाल विकास विभाग ने हितग्राही महिलाओं  से अपील की है कि वह अपना आधार कार्ड अपडेट कराएं, ताकि राशि के भुगतान में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। ज्ञात हो कि आधार कार्ड को हर 10 वर्षों में अपडेट करना अनिवार्य है। कई हितग्राहियों का भुगतान आधार इनएक्टिव होने के कारण निरस्त किया गया है। ऐसे हितग्राहियों को आधार केंद्र में जाकर पहचान एवं निवास प्रमाण-पत्र के साथ आधार अपडेट कराना आवश्यक है, ताकि आगामी किश्त का भुगतान सुनिश्चित हो सके।

छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं के कौशल विकास को लेकर किए 4 महत्वपूर्ण एमओयू, खुलेंगे रोज़गार के नए द्वार
मुख्यमंत्री ने कौशल, रोजगार और आजीविका पर नीति-आयोग की कार्यशाला का किया शुभारंभ
युवाओं को रोजगार दिलाने राज्य समर्थन मिशन का हो रहा संचालन
   रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर में नीति-राज्य कार्यशाला श्रृंखला के राज्य समर्थन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में युवाओं, महिलाओं और जनजातीय समुदायों के लिए कौशल विकास, रोजगार और आजीविका के अवसरों को विस्तार देने विषय पर आधारित कार्यशाला का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह कार्यशाला बदलते समय की जरूरतों के अनुरूप बेहद प्रासंगिक है। भारत एक युवा देश है और यदि युवाओं को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार कौशल प्रशिक्षण मिले, तो हम ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को तेजी से हासिल कर सकते हैं। इस मौके पर राज्य के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आज चार महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए।
   मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि 2047 तक छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए युवाओं, महिलाओं और जनजातीय वर्ग को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने नीति आयोग की आकांक्षी जिलों की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे जनजातीय क्षेत्रों में बदलाव देखने को मिला है।  उन्होंने कहा कि राज्य समर्थन मिशन के बेहतर क्रियान्वयन से प्रदेश के युवाओं, महिलाओं और जनजातिय समुदाय के आजीविका के लिए प्रशिक्षण से रोजगार के नये अवसर शुलभ होंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को कौशल से जोड़कर उन्हें रोजगार के योग्य बनाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री नेे बताया कि सरकार वर्ष 2013 से कौशल विकास को तीव्रता से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार लाइवलीहुड कॉलेज, आईटीआई और महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने पर काम कर रही है। उन्होंने महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के साथ समझौते की जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत राज्य के युवाओं को ट्रैक्टर निर्माण की आधुनिक तकनीक सिखाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से बस्तर और सरगुजा अंचल के ग्रामीण युवाओं तथा उनके परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मैकेनिक जैसे कौशलों की भारी मांग है, लेकिन कुशल कर्मचारियों की उपलब्धता कम है। सरकार इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए व्यापक योजना तैयार कर रही है। साथ ही उन्होंने महुआ, इमली, साल जैसे वन उत्पादों से मूल्यवर्धन कर स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।
   उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आगामी योजनाओं में बस्तर और सरगुजा अंचल के आदिवासी युवाओं को विशेष कोर्स और प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही महिलाओं के लिए स्वरोजगार एवं उद्यमिता प्रशिक्षण केंद्र खोलने की भी तैयारी है। उन्होंने बताया कि विभिन्न बड़ी कंपनियों से एमओयू कर निवेश और रोजगार के अवसर लाने की दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्किल और इंडस्ट्री को जोड़ना जरूरी है। जब दोनों साथ होंगे तब रोजगार की संभावना अधिक रहेगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्योग (जैसे कृषि, फल-फलियाँ, हस्तशिल्प) में युवाओं को प्रशिक्षित कर नए रोजगार सृजन पर बल दिया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि बस्तर में अब माओवाद का प्रभाव घट रहा है और हम युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल्द ही ई-हब की शुरुआत करेगी, जहां नवाचार करने वाले युवाओं को प्रोटोटाइप, फंडिंग और मार्केटिंग की सुविधा मिलेगी।
   कार्यशाला को कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा सचिव श्री एस. भारती दासन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में युवाओं के लिए मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 4.83 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिनमें से 2.66 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार भी मिला है।
   नीति आयोग की प्रोग्राम निदेशक डॉ. सोनिया पंत ने कहा कि नीति आयोग का ‘राज्य समर्थन मिशन’ राज्यों को उनकी आर्थिक व सामाजिक विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में तकनीकी सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में वन-आधारित आजीविका कार्यक्रमों को मजबूत करने पर ज़ोर दिया और कहा कि इससे आदिवासी समुदाय की आय में वृद्धि होगी। डॉ. पंत ने बताया कि राज्य-स्तरीय योजनाओं में जनजातीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने एवं उन्हें नई तकनीक और कौशल से जोड़ने पर नीति आयोग हर सम्भव मदद करेगा।
   इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार के सीईओ विजय दयाराम के. सहित विभागीय अधिकारी तथा बड़ी संख्या में युवा, महिला और जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कौशल विकास के लिए 4 महत्वपूर्ण एमओयू
 राज्य के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आज चार महत्वपूर्ण एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को रोजगारोन्मुख कौशल प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
पहला एमओयू तकनीकी शिक्षा छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण एवं नन्दी फाउंडेशन के बीच हुआ। इस एम.ओ.यू. का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित युवाओं की रोज़गार योग्यताओं को बढ़ाना है। यह कार्यक्रम उन्हें आवश्यक कौशल प्रदान करके उनके आजीविका के साधनों और आर्थिक सुरक्षा में सुधार लाने का प्रयास करता है। इसी तरह दूसरा एमओयू कौशल विकास प्राधिकरण एवं महेन्द्रा एंड महेन्द्रा के बीच हुआ, इस एम.ओ.यू. के अंतर्गत दंतेवाड़ा, बलरामपुर और कोंडागांव जिलों में स्थित लाइवलीहुड कॉलेजों में ट्रैक्टर मैकेनिक पाठ्यक्रम में अल्पकालिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण का संचालन रायपुर स्थित स्टेट प्रोजेक्ट लाइवलीहुड कॉलेज सोसायटी द्वारा किया जाएगा।
   तीसरा एमओयू उच्च शिक्षा विभाग और नैसकॉम के बीच हुआ, इस समझौते का उद्देश्य कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकों की जानकारी देकर उन्हें जॉब सीकर से जॉब प्रोवाइडर के रूप में विकसित करना है। यह कार्यक्रम युवाओं को इंडस्ट्री रेडी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसी प्रकार उच्च शिक्षा विभाग और नन्दी फांउडेशन हैदराबाद के बीच चौथा समझौता हुआ, इस एम.ओ.यू. के तहत महाविद्यालयों के छात्रों को रोजगार परक प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें कुशल और आत्मनिर्भर युवा के रूप में तैयार किया जाएगा।

आतंकी हमले में हुई हत्या को बताया अत्यंत पीड़ादायक और अपूरणीय क्षति
   रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री साय ने घोषणा की कि राज्य सरकार दिवंगत मिरानिया जी के शोकाकुल परिजनों को 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में रायपुर के दिनेश मिरानिया जी की हत्या की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अत्यंत पीड़ादायक बताते हुए इसे प्रदेश के लिए एक अपूरणीय क्षति कहा। उन्होंने कहा कि पूरा छत्तीसगढ़ इस दुःखद घड़ी में  मिरानिया परिवार के साथ है। यह केवल एक परिवार की नहीं, पूरे समाज की क्षति है।साय ने कहा कि जो आतंकवादी इस जघन्य कृत्य के दोषी हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा अवश्य मिलेगी। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि देश की सुरक्षा एजेंसियाँ इस मामले में शीघ्र न्याय सुनिश्चित करेंगी।

अप्रैल 2025 में 4,135 करोड़ का संग्रहण
केरल, पंजाब और बिहार जैसे राज्यों को पछाड़ा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किए गए सुधारों का असर
रायपुर /शौर्यपथ / अप्रैल 2025 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण  में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय उपलब्धि  हासिल  की है। छत्तीसगढ़ ने  4,135 करोड़ का जीएसटी संग्रहण कर देश के शीर्ष 15 राज्यों की सूची में अपनी जगह बनाई है। जीएसटी संग्रहण के मामले में छत्तीसगढ़ ने केरल, पंजाब, बिहार और खनिज संसाधनों से भरपूर झारखंड जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।
राज्य में इस आर्थिक प्रगति को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा व्यापार और उद्योग क्षेत्र में किए गए सशक्त सुधारों का प्रतिफल है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बीते 15 महीनों में राज्य सरकार ने ऐसे कई निर्णय लिए हैं, जिनसे निवेश और व्यापार को बढ़ावा मिला है ।
सरकार द्वारा किए गए प्रमुख सुधारों में उद्योग एवं व्यापार नियमों का सरलीकरण,
गैर-जरूरी और बाधक कानूनों की समाप्ति,सभी जरूरी सेवाओं की ऑनलाइन उपलब्धता,पेट्रोल पंप खोलने के लिए लाइसेंस की बाध्यता को समाप्त करना और उद्योगों की स्थापना के लिए प्रक्रिया को सरल बनाना शामिल है।
इन सभी पहल से राज्य में उद्योग और व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिला है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और राजस्व संग्रह में निरंतर वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने  कहा है छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाना हमारा लक्ष्य है। राज्य की आर्थिक स्थिति में यह वृद्धि जनता और उद्योग जगत के सहयोग से संभव हुई है।”
यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है और यह दिखाता है कि राज्य संसाधन आधारित अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर अब एक सशक्त औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है।

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के कमल विहार में अत्याधुनिक न्यूरो स्पाइन रिहैबिलिटेशन सेंटर का विधिवत उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री साय ने अस्पताल परिसर का भ्रमण कर उपलब्ध आधुनिक सुविधाओं का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने भर्ती मरीजों से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी ली।
   मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। राज्य की रजत जयंती वर्ष में हम यह गर्व से कह सकते हैं कि आज छत्तीसगढ़ चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई पहचान बना रहा है।
  उन्होंने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही आयुष्मान भारत योजना की सराहना करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक पहल ने देशभर के लाखों जरूरतमंदों को सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण इलाज की सुविधा दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार नवा रायपुर, अटल नगर में ‘मेडिसिटी’ विकसित कर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ न केवल देश के स्वास्थ्य मानचित्र पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करेगा, बल्कि मेडिकल टूरिज्म को भी नई गति मिलेगी।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायपुर आज देश के नए मेडिकल हब के रूप में उभर रहा है। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त संस्थानों की स्थापना से आम लोगों को घर के पास ही विश्वस्तरीय इलाज की सुविधा मिल रही है।
  कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री साय ने "न्यूरो स्पाइन रिहैबिलिटेशन सेंटर" के प्रबंधन और समस्त चिकित्सकीय स्टाफ को बधाई देते हुए कहा कि यह संस्थान न्यूरो और स्पाइन से जुड़ी बीमारियों के इलाज में विशेष योगदान देगा तथा जनसेवा के क्षेत्र में एक नया उदाहरण बनेगा।

     रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश की तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने और युवाओं को डिजिटल कौशल से लैस करने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में नवा रायपुर अटल नगर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (NIELIT) के स्टेट ऑफ द आर्ट केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी गई। इस संस्थान की स्थापना के लिए 10.023 एकड़ भूमि निःशुल्क आबंटित करने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति प्रदान की। यह निर्णय राज्य के डिजिटल भविष्य की आधारशिला साबित होगा।
  NIELIT, जो भारत सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है, हाल ही में डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त कर चुकी है। संस्थान द्वारा छत्तीसगढ़ में स्थायी केंद्र स्थापना हेतु भूमि की मांग की गई थी, जिसका उद्देश्य प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल कौशल के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है।
  इस मांग को दृष्टिगत रखते हुए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा ग्राम तेंदुआ के लेयर-2 क्षेत्र में 10.023 एकड़ भूमि चिन्हांकित की गई है, जिसे लीज़ पर NIELIT को आवंटित किया जाएगा। इसकी प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा प्राधिकरण को की जाएगी।
  इस अत्याधुनिक संस्थान की स्थापना से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, डिजिटल स्किल डेवलपमेंट और रोजगार के अवसरों को नया बल मिलेगा। यह केंद्र युवाओं को न केवल आधुनिक तकनीकी ज्ञान प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें रोजगार के योग्य बनाकर राज्य के डिजिटल इकोसिस्टम को सशक्त करेगा। साथ ही, छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षा मानचित्र पर एक प्रभावशाली केंद्र के रूप में उभरेगा।
  गौरतलब है कि नवा रायपुर में पहले से ही कई राष्ट्रीय महत्व के संस्थान स्थापित हो चुके हैं, जैसे – आईआईएम, आईआईआईटी और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी। हाल ही में मंत्रिपरिषद द्वारा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है।

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