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रायपुर / शौर्यपथ / बिलासपुर में बच्चों को जबरिया नमाज पढ़ाने की घटना की जांच होनी चाहिये। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह घटना गंभीर है प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब पर प्रहार करने का षडयंत्र प्रतीत हो रहा है। बिलासपुर में एनएसएस के गैर मुस्लिम छात्रों को जबरिया नमाज पढ़वाने की घटना न केवल गैरकानूनी है बल्कि असवैधानिक भी है। धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। छत्तीसगढ़ के शांत प्रदेश, जहां 95 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है वहां इस प्रकार की घटना राजनैतिक लाभ के लिए गंभीर षड्यंत्र का संदेह पैदा करती है। बिना सत्ता के संरक्षण के किसी इंस्ट्रक्टर के द्वारा ऐसा कृत्य करने की हिम्मत नहीं हो सकती। इस मामले में भाजपा की डबल इंजन की सरकार दोषी है। बिलासपुर की यूनिवर्सिटी केन्द्रीय यूनिवर्सिटी है। संचालन राज्य सरकार द्वारा हो रहा है, दोषी केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनों है। इसका जवाब राज्य, मोदी सरकार को देना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आरएसएस, बीजेपी का इतिहास रहा है कि ये अपने नफरती एजेंडे के लिए जमीन तैयार करवाने इस तरह की घटनाएं कारित करवाते हैं ताकि धार्मिक ध्रुवीकरण का अवसर मिले। इसी तरह से संघी भाजपाइयों का उन्मादी चरित्र कवर्धा बिरनपुर और नारायणपुर में भी उजागर हुआ था नारायणपुर में तो भाजपा के जिला अध्यक्ष एसपी पर पथराव करते पाए गए।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सांप्रदायिक फिजा को खराब किए जाने वाले हर षडयंत्र के निष्पक्ष जांच होना चाहिए। एनएसएस के उस कैंप में 159 छात्र थे जिसमें केवल 4 छात्र मुस्लिम थे। बिलासपुर में गैर मुस्लिम जबरिया नमाज पढाने की इस घटना का हाईकोर्ट के सिटिंग जज के निर्देशन में जांच किया जाए।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह विधेयक मुसलमानों के खिलाफ नहीं है।यह विधेयक मुसलमानों की सुरक्षा करता है।यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक विधेयक है।यह एक बड़ा सुधार है और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करेगा।एक ऐसी संस्था,जो अपारदर्शी,भ्रष्ट और जवाबदेही से दूर थी,उसे आखिरकार व्यवस्थित किया गया है।यह विधेयक लंबे समय से लंबित था।यह वास्तव में भारत और खासकर मुस्लिम समुदाय के लिए एक नया सवेरा लेकर आया है।वक्फ बिल में किए गए संशोधन सकारात्मक हैं और पारदर्शिता लाने के मकसद से किए गए हैं।यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर बनाने और दुरुपयोग को रोकने के लिए है।इस विधेयक का उद्देश्य देशभर में वक्फ बोर्डों के स्वामित्व वाली संपत्तियों को विनियमित करने वाले कानूनों में बड़े बदलाव लाना है।विपक्ष द्वारा लगातार ये नैरेटिव बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि ये बिल मुसलमान विरोधी है।ये बिल कहीं से मुसलमान विरोधी नहीं है।वक्फ कोई मुस्लिम संस्था नहीं है,वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं है,एक ट्रस्ट है,जो मुसलमानों के कल्याण के लिए काम करता है।उस ट्रस्ट को ये अधिकार होना चाहिए कि वो सभी वर्गों के लोगों के साथ न्याय करे जो नहीं हो रहा है।डॉ.प्रतीक उमरे ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में नहीं आती तो कई अन्य संपत्तियां भी गैर-अधिसूचित हो गई होतीं।आजादी के बाद 1954 में वक्फ एक्ट पहली बार बना।उस समय स्टेट वक्फ बोर्ड का भी प्रावधान किया गया था।उस वक्त से कई संशोधनों के बाद 1995 में वक्फ एक्ट बना।उस वक्त किसी ने नहीं कहा कि ये गैरसंवैधानिक है।जब सरकार उसी बिल को सुधारकर लाई हैं तो विपक्ष कहती है कि यह गैरसंवैधानिक है।धर्मनिरपेक्षता का चश्मा लंबे वक्त से भाजपा सरकार के फैसलों के खिलाफ पहनकर विपक्ष खुद को सेक्युलरिज्म का सियासी चैंपियन दिखाता रहा,लेकिन वक्फ विधेयक पारित कर मोदी सरकार ने साफ कर दिया है की सेक्युलरिज्म की वो परिभाषा नहीं चलेगी,जो विपक्ष चाहता आया है।
छत्तीसगढ़ में जनता टैक्स के बोझ और व्यापारी जीएसटी के भयादोहन से परेशान
रायपुर/ शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ जीएसटी वसूली में देश में नंबर आने के सरकार के दावे पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि विष्णुदेव साय सरकार कर वसूली के मामले में अंग्रेजों से भी बेरहम है। जन विरोधी भाजपा सरकारों का एक सूत्रीय नारा है की दैनिक उपभोग की वस्तुएं महंगी कर दो ज्यादा कीमत अर्थात उस पर ज्यादा टैक्स और सरकार को ज्यादा आमदनी। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद बेरोजगारी बढ़ी है आमदनी घटी है, आम जनता की क्रश क्षमता घटी है, ऐसे में जीएसटी कलेक्शन में 18 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आम जनता से बेरहमी से कर वसूल रही है। सरकार ने टैक्स वसूली के नाम पर व्यापारियों को परेशान किया, फाईन अर्थदंड ज्यादा वसूला, जबरिया छापेमारी कर व्यापारियों से भयादोहन किया गया। इसी से राज्य का जीएसटी कलेक्शन बढ़ गया। जिस बात के लिए भाजपा की सरकार को आम जनता से माफी मांगनी चाहिए उसे उपलब्धि बता कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि ओपी चौधरी के वित्त मंत्री बनने के बाद छत्तीसगढ़ के व्यवसायी भय और आतंक के माहौल में व्यवसाय करने मजबूर हैं। प्रदेश के राजस्व संग्रहण में प्रमुख योगदान देने वाले आम व्यापारीयों से साय सरकार चोर और डकैतों के समान व्यवहार कर रही है। केवल जीएसटी से इस लोभी सरकार का पेट नहीं भर रहा है, व्यापारियों के परिसर में अनावश्यक छापे डाले जा रहे हैं, अनुचित ब्याज और पेनाल्टी जबरिया वसूला जा रहा है, व्यापारियों के बीच भय का माहौल व्याप्त है। जीएसटी की इतनी बर्बतापूर्वक कार्यवाहियां पूरे देश में कहीं नहीं हो रही है, जितना बीजेपी सरकार आने के बाद से छत्तीसगढ़ में हो रही है। व्यापारियों के खिलाफ प्रशासनिक आतंक, दमन और अत्याचार के मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में पहले स्थान पर आ गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि साय सरकार की गलत औद्योगिक नीतियों के चलते प्रदेश में नए उद्योग तो लग नहीं पा रहे हैं बल्कि पूर्व से संचालित उद्योग भी लगातार बंद हो रहे हैं। घटते उत्पादन क्षमता के बावजूद जीएसटी संग्रहण में ऐतिहासिक वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि साय सरकार अत्यधिक टैक्स, अनुचित ब्याज और पेनाल्टी वसूल कर बचे खुचे उद्योग और व्यवसाय का भी कमर तोड़ रही है। भाजपा की सरकार आने के बाद उद्योगों को दी जाने वाली बिजली के दाम चार-चार बार बढ़ाए गए जिसके चलते बड़ी संख्या में स्पंज आयरन, रोलिंग मिल, राइस मिल सहित कृषि और वन आधारित उद्योग बंद हुए हैं, बड़ी संख्या में रोजगार घटे हैं, घरेलू बचत कम हुआ है, क्रय क्षमता घटी है उसके बावजूद आमजनता से जीएसटी की अधिक वसूली भाजपा सरकार के जन विरोधी चरित्र का प्रमाण है।
रायपुर / शौर्यपथ / कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के खिलाफ सीबीआई का एफआईआर भाजपा के डर को दिखाता है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूपेश बघेल से भाजपा का डर कोई नया नहीं है। ज़ब भूपेश बघेल पीसीसी अध्यक्ष थे तब रमन सरकार उनके पीछे राज्य की एजेंसियो को लगा कर रखी थी।
उनके पैतृक गांव में खेत को नापने रमन सरकार ने भरी बरसात में राजस्व का पूरा दल भेजा था तथा भिलाई स्थित उनके मकान को नापने के लिए दल भेजा। उनको, उनकी स्व माता जी, पत्नी को ई ओ डब्ल्यू में बैठाया।
उनके खिलाफ सीडी का झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा। सीडी मामले में उनके खिलाफ सीबीआई जांच करवाया जिसमें सीबीआई की अदालत ने डिस्चार्ज कर दिया। उनके पुत्र को आधारहीन मामले पूछताछ करने थाने बुलवाया। मुख्यमंत्री रहते बदनाम करने उनके सहयोगियों के खिलाफ ईडी सीबीआई की रेड मरवाया। एक ड्राइवर के कथित बयान के आधार पर उनके खिलाफ ईडी ने आधारहीन प्रेस नोट जारी कर महादेव एप्प मामले में झूठा आरोप लगाया। सरकार जाने पर ईओडब्ल्यू में झूठा मुकदमा दर्ज कराया। उसी के आधार पर अब सीबीआई से एफआईआर करवाया है। प्रदेश की जनता भाजपा के षडयंत्र को समझ रही है। आने वाले चुनाव में भाजपा के षडयंत्रो का जवाब जनता देगी।
भाजपा सरकार शराब की काली कमाई में डूब गई है : कांग्रेस
रायपुर/ शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार की नकली मिलावटी और अवैध शराब को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि बलरामपुर के सरकारी शराब दुकान में बियर के बोतल में गंदा पानी मिला, जगदलपुर में दर्जनों पेटी अवैध शराब मध्यप्रदेश से आए कई जिलों की सीमा पार कर अवैध शराब की निर्बाध सप्लाई बिना सत्ता के संरक्षण के संभव नहीं है। सरकारी शराब दुकानों में दो गल्ले चल रहे है। बलरामपुर के सरकारी शराब दुकान में जो बियर की बोतल में गंदा पानी निकल रहा है और ऐसे मिलावटी शराब से जो वसूली हो रही है उसका पैसा किस गल्ले में जा रहा है? नकली और मिलावटी शराब का सरगना कौन है? शराब की काली कमाई में किस-किस की हिस्सेदारी है, छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि साय सरकार के द्वारा लगातार शराबखोरी को संरक्षण देने वाले निर्णयों से प्रमाणित है कि भाजपा का शराबबंदी के लिए प्रदर्शन केवल राजनैतिक पाखंड था। साय सरकार का शराब प्रेम मनपसंद ऐप और 67 नई शराब दुकान खोलने के निर्णय से स्पष्ट है। भाजपा नेताओं का फोकस केवल कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में है और इसके लिए प्रदेश की नशे में डुबोने का षडयंत्र रचा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने है कहा कि शराबबंदी को लेकर पांच सालों तक हल्ला मचाने वाले भाजपाई बताये शराबबंदी कब होगी? भाजपा के हर छोटे-बड़े नेता ने जनता के बीच घूम-घूम कर शराबबंदी के लिए बढ़-चढ़कर बातें किया था। सरकार में आने के बाद सरकार और भाजपाईयों दोनों के जुबान पर ताला लग गया है।
रायपुर / शौर्यपथ / भारतीय जनता पार्टी के द्वारा छत्तीसगढ़ में बिहार दिवस मनाया जाने पर निशाना साधते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज कहा है बिहार की स्थापना अभी नहीं हुई है, बिहार का अस्तित्व भारतीय जनता पार्टी की स्थापना से पहले है और जहां तक छत्तीसगढ़ की बात है तो पिछले 25 साल में 16 साल से अधिक समय भाजपा की सरकारे रही है, छत्तीसगढ़ में 2003 से 2018 तक लगातार भाजपा की सरकार थी, पिछले साल भी इनकी ही सरकार थी तब भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ इकाई को बिहार दिवस याद नहीं रहा आज यह बिहार दिवस मना रहे हैं मतलब साफ है कि भाजपा का हर इवेंट चुनावी लाभ पर केंद्रित होता है। आने वाले दिनों में बिहार में चुनाव होने वाले हैं तो भाजपा यहां रहने वाले बिहार के लोगों को प्रभावित करने के लिए बिहार दिवस मनाने का पाखंड कर रही है जबकि हकीकत यह है कि हाल ही में कुछ दिन पूर्व आधी रात को लगभग 2500 लोगों को छत्तीसगढ़ के अलग-अलग थानों में बैठाया गया था उसमें से अधिसंख्यक लोग बिहार से थे, जिन्हें रोहिंग्या और बांग्लादेशी बताकर अपमानित किए, प्रताड़ित किए आज राजनैतिक स्वार्थ में भाजपाईयों को उनकी याद आ रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि कांग्रेस को किसी प्रदेश या वहां के नागरिकों से कोई गुरेज नहीं लेकिन जिस नितिन नवीन ने पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के जिला मुख्यालयों में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति लगाने का विरोध किया, जिन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि हम क्षेत्रीय राष्ट्रवाद और छत्तीसगढ़ियावाद को नहीं मानते उसी नीति नबीन की चाटुकारिता में भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार इस छत्तीसगढ़ में बिहार दिवस मना रही है? पूर्व प्रदेश के पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने न केवल छत्तीसगढ़ की संस्कृति परंपरा रीति रिवाज और खान-पान के संरक्षण और संवर्धन का काम किया बल्कि छत्तीसगढ़िया स्वाभीमान और आत्मसम्मान की पुनर्स्थापना की। न केवल हरेली, तिजापोरा, गोवर्धन पूजा, विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश, देवगुड़ी और घोटुल के सरकारी आयोजन हुए इसके साथ ही छठ पूजा घाटों का निर्माण भी किया गया। भाजपा की सरकार में तो आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद आदिवासी विश्व आदिवासी दिवस के दिन कोई आयोजन तक नहीं हुआ, लेकिन अब एक बिहारी प्रभारी जिसने छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान किए उसके लिए बिहार दिवस मनाया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि बिहार दिवस को नवाचार बताने का कुतर्क करने वाले भाजपाई बताएं कि देश में 28 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेश है, इसी महीने राजस्थान दिवस भी है, जहां भाजपा की ही सरकार है, क्या इन राज्यों का स्थापना दिवस भी छत्तीसगढ़ में मनाया जाएगा? भाजपा की सरकार आने के बाद से सरकारी आयोजनों में राज गीत अरपा पैरी के धार का गायन बंद है। भाजपा को छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढीया से इतनी हिकारत है कि यहां के प्रथा, परंपरा, संस्कृति और खान पान को भी अपमानित करने का कोई अवसर नहीं छोड़ते, बोरे बासी को छप्पन भोग बताते हैं लेकिन अपने आकाओं को खुश करने छत्तीसगढ़ में बिहार दिवस का आयोजन कर रहे हैं।
दुर्ग। शौर्यपथ। विधानसभा चुनाव,लोकसभा चुनाव और नगरी निकाय चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार के बाद आखिरकार प्रदेश संगठन ने जिला संगठन के प्रमुखों की फेरबदल आरंभ कर दी . आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ के 11 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है जिसमें बालोद से चंद्रेश हिरवानी , दुर्ग ग्रामीण से राकेश ठाकुर , नारायणपुर से बिसेल नाग कोंडागांव से बुधराम नेताम कोरबा शहर से नाथू लाल यादव कोरबा ग्रामीण से मनोज चौहान बलौदा बाजार से सुमित्रा घृतलहरे सारंगढ़ बिलाईगढ़ से ताराचंद देवांगन , सरगुजा से बालकृष्ण पाठक,बलरामपुर से कृष्ण प्रताप सिंह और बेमेतरा से पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा को जिला अध्यक्ष नियुक्त कर कांग्रेस संगठन ने फेरबदल कर कांग्रेस को मजबूत प्रदान करने की दिशा में कदम उठाया।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी के सी वेणुगोपाल ने सूची जारी करते हुए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से लागू करने पत्र जारी किया .
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिक निगम में महापौर शपथ ग्रहण के बाद आज 7 मार्च को सभापति का चुनाव होना निश्चित था सभापति का चुनाव में औपचारिक मात्र शेष था. सभापति का पद पूर्ण बहुमत के कारण भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाना निश्चित है ऐसे में कौन बनेगा दुर्ग नगर निगम का सभापति? इस बात की चर्चा पिछले तीन दिनों तक चलती रही और आखिरकार जिस नाम की चर्चा आरंभ में प्रमुखता से ली जा रही थी उसी नाम पर भारतीय जनता पार्टी संगठन की मोहर लग गई वार्ड नंबर 30 से पार्षद श्याम शर्मा दुर्ग नगर निगम के नए सभापति होंगे 2:00 बजे मतदान के बाद परिणाम की घोषणा होगी. किंतु नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के 40 पार्षद होने के कारण यह चुनाव औपचारिकता मात्र ही शेष है भारतीय जनता पार्टी से श्याम शर्मा तो कांग्रेस की तरफ से भास्कर कुंडले चुनावी मैदान में अपना-अपना नामांकन भर चुके हैं पार्षदों की संख्या के मद्दे नजर यह निश्चित हो गया है कि दुर्ग नगर निगम में सभापति के रूप में आने वाले 5 साल तक श्याम शर्मा की भूमिका रहेगी.
बता दें कि 20 साल बाद भारतीय जनता पार्टी के पार्षद पूर्ण बहुमत के साथ नगर पालिका निगम दुर्ग में चुनाव जीत कर आए हैं ऐसे में अब वार्ड से लेकर लोकसभा तक भाजपा का शासन है और अब आम जनता भाजपा शासन के स्वर्णिम की ओर निहार रही है ऐसे में बदल दुर्ग नगर निगम की स्थिति को सुधारने नगर निगम की महापौर श्रीमती अलका वाघमार एवं सभापति श्याम शर्मा द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों का इंतजार शहर की जनता को है
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिक निगम के शहरी सरकार के लिए सभापति का चुनाव आज दोपहर बाद होने वाला है शहरी सरकार में सभापति कौन होगा बस इस बात का सभी को इंतजार है भारतीय जनता पार्टी के पूर्ण बहुमत में आने के बाद यह तो निश्चित हो गया कि सभापति का पद भी भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाएगा परंतु शहरी सरकार में इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का दायित्व किस पार्षद को मिलेगा इस पर राजनीतिक उठा पटक और नाम की चर्चा लगातार जारी है प्रमुखता से जिनका नाम सामने आ रहा है वह धीरे-धीरे रेस से बाहर होते भी नजर आ रहे हैं चुनाव परिणाम के बाद सर्वप्रथम श्याम शर्मा और साजन जोसेफ के नाम की चर्चा थी परंतु वक्त गुजरते गुजरते सभापति के नाम की चर्चाएं बदलती रही.
कुछ दिनों तक आशीष चंद्राकर मनीष साहू और काशीराम कोसरे का नाम प्रमुखता से लिया जाता रहा अब जब आज सभापति का चुनाव होने जा रहा है ऐसे में एक बार फिर नए नाम की चर्चा प्रमुखता से ली जा रही है वर्तमान समय में नरेंद्र बंजारे नीलेश अग्रवाल के नाम की चर्चा प्रमुखता से हो रही है वहीं भारतीय जनता पार्टी की जो नीति रही है उससे यह अंदाजा लगाना काफी मुश्किल हो जाता है कि भारतीय जनता पार्टी किस पार्षद को सभापति के नाम के लिए अंतिम मुहर लगाती है.
आज विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का गौरव भारतीय जनता पार्टी के पास है भारतीय जनता पार्टी परिवारवाद और मठाधीश की राजनीति से काफी परे हैं जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को मौका देने का जो रिस्क भाजपा संगठन उठाती है वही आज उनके सफलता का राज है विगत वर्ष में हुए विधानसभा लोकसभा चुनाव में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने नए चेहरों के साथ दाव खेला और सफल हुए वहीं जिम्मेदार पदों पर भी नए चेहरों को लाकर अगली पीढ़ी के लिए संगठन को मजबूती प्रदान की. ऐसे में इन सब नाम के बीच किसी नए नाम की घोषणा हो तो कोई बड़ी बात नहीं शहरी सरकार और भाजपा संगठन कि पार्षद के नाम पर मोहर लगती है यह तो तय हो चुका होगा बस वह किसका नाम है इसकी घोषणा चंद घंटे में हो जाएगी और औपचारिक मात्र ही शेष है. मतदान के बाद दुर्ग निगम की शहरी सरकार को नए सभापति मिल जाएगा...