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विश्लेषण: शौर्य पथ न्यूज़
राजनीतिक संपादकीय
छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर गर्म है—कारण है मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उभरी नई सुगबुगाहट। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में संचालित भाजपा सरकार के पास अभी कुल 11 मंत्री हैं। रायपुर विधायक बृजमोहन अग्रवाल के लोकसभा सांसद बनने के बाद एक पद रिक्त हुआ है, और यही खाली पद अब चर्चाओं का केंद्र बन चुका है।
बीते कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर संभावित मंत्रियों की सूची जैसी कई "सूचनाएं" प्रसारित हुई हैं, जो भले ही आधिकारिक न रही हों, लेकिन राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा करने के लिए पर्याप्त थीं। इस बार फिर यही दृश्य सामने है—नाम वही पुराने, लेकिन समीकरण कुछ बदले हुए।
कौन हो सकता है शामिल?
नामों की सूची में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, संगठन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पुरंदर मिश्रा, महिला नेतृत्व की मजबूत आवाज लता उसेंडी, और सामाजिक समीकरण साधने के लिहाज से गजेंद्र यादव प्रमुखता से सामने आ रहे हैं। वहीं वरिष्ठता और प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए अजय चंद्राकर का नाम भी फिर से सुर्खियों में है।
विशेष बात यह है कि कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार केवल रिक्त पद को भरने तक ही मामला सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दो मंत्रियों की छुट्टी कर चार नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह विस्तार नहीं, बल्कि पुनर्संयोजन (ह्म्द्गह्यद्धह्वद्घद्घद्यद्ग) की दिशा में बड़ा कदम होगा।
क्या दुर्ग को मिलेगा प्रतिनिधित्व?
दुर्ग जिले की बात करें तो, यहां की पत्रकारिता और राजनीतिक हलकों में अब तक किसी स्थानीय विधायक के मंत्री बनने की ठोस संभावना नहीं दिखाई गई है। राजनीतिक जानकारों का यह भी मानना है कि दुर्ग जिले में इस बार प्रतिनिधित्व मिलने की संभावनाएं सीमित हैं, और यह भाजपा के संगठनात्मक संतुलन तथा क्षेत्रीय प्राथमिकताओं का हिस्सा हो सकता है।
जनता अब अनुभवी हो चली है
यह भी दिलचस्प पहलू है कि अब आम जनता और मीडिया इन संभावित नामों की चर्चाओं को "मीडिया मैनेजमेंट" के तौर पर देखने लगी है। पूर्व के अनुभव बताते हैं कि जिन नामों की सबसे अधिक चर्चा होती है, अक्सर अंतिम सूची में वे नाम नहीं होते। यह परंपरा भारतीय जनता पार्टी की रणनीतिक शैली में देखा गया एक बारंबार घटित होने वाला तथ्य है—जहां अंतिम निर्णय यथासंभव गोपनीय और रणनीतिक संतुलन के साथ होता है।
क्या बदलेगा समीकरण?
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार ने अब तक दो वर्ष पूरे नहीं किए हैं, लेकिन शासन की स्थिरता और प्रशासनिक पकड़ को बनाए रखने के लिए मंत्रिमंडल का विस्तार या पुनर्गठन अनिवार्य होता दिख रहा है। आने वाले विधानसभा चुनावों की नींव भी इसी कार्यकाल में रखी जाएगी, ऐसे में चेहरों का चयन केवल संगठनात्मक नफा-नुकसान नहीं, बल्कि सामाजिक, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का भी सवाल बन चुका है।
निष्कषर्: घोषणाओं से पहले ही दांव-पेंच शुरू
मंत्रिमंडल विस्तार एक प्रशासनिक प्रक्रिया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में यह एक व्यापक राजनीतिक संदेश देने का जरिया बन चुका है। किसकी छुट्टी होगी? किसका नाम सूची में आएगा? किस जिले को प्रतिनिधित्व मिलेगा? ये सभी प्रश्न फिलहाल अटकलों में हैं, लेकिन स्पष्ट है कि इन सभी के उत्तर केवल भाजपा नेतृत्व की रणनीतिक चुप्पी के भीतर छिपे हैं।
जब तक आधिकारिक सूची सामने नहीं आ जाती, तब तक चर्चाएं, सूचियां और नामों की दौड़ जारी रहेगी—और यही लोकतांत्रिक राजनीति की जीवंतता भी है।
रायपुर/ शौर्यपथ / युक्तियुक्तकरण के अव्यवहारिक निर्णय को रद्द करके तत्काल प्रक्रिया को रोकने की मांग करते हुये प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि यह सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने जिद पर अड़ी हुई है। तानाशाही सरकार के द्वारा शिक्षकों पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है, आधी रात को पुलिस लगाकर शिक्षकों को डरा धमका कर मजबूर करना अन्याय है, गुरुजनों के प्रति अत्याचार है। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है, दुर्भावना पूर्वक अपने चाहतों को उपकृत करने के लिए ही अतिशेष शिक्षकों की सूची प्रकाशित नहीं किया जा रहा है। न अतिशेष शिक्षकों को आधार बताया जा रहा है, न ही प्रभावित शिक्षकों को दावा आपत्ति का अवसर दिया गया। ठेके पर सरकार चल रही है, भ्रष्ट मंत्री और वसूलीबाज़ अधिकारियों के संरक्षण में पूरे प्रदेश में शिक्षा माफिया के एजेंट सक्रिय हैं और शिक्षकों का जमकर भयादोहन किया जा रहा है। दुर्भावनापूर्वक शिक्षकों को डराना बंद कर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को तत्काल रोके सरकार।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि युक्तियुक्तकरण का नया फारमेट किसी भी रूप में उचित नहीं है, इसे तत्काल रद्द किया जना चाहिये। हजारों स्कूलों में बड़ी संख्या में ऐसे मामले उजागर हो रहे हैं जहां तय मापदंडों और युक्तियुक्तकरण के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। दर्ज संख्या और विषय के आधार पर शिक्षकों के नियमानुसार पदस्थ रहने के अधिकार को बेरहमी से कुचला जा रहा है। कई चहेते जूनियर शिक्षकों को संरक्षण देने, उनसे वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष बताकर जबरिया दूसरे स्कूलों में भेजा जा रहा है। अनेकों स्कूलों में विषय शिक्षक के अनुपात का भी नियमानुसार पालन नहीं किया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया दुर्भावनापूर्ण और त्रुटिपूर्ण है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी का वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कोई भी वर्ग संतुष्ट नहीं है। जवाबदेही और पारदर्शिता से इस सरकार का कोई सरोकार नहीं है। शिक्षकों का भयादोहन करके अपनी जेब भरने और अपने चाहतों को उपकृत करने के लिए ही यह सरकार इतनी परदेदारी कर रही है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार शिक्षा विरोधी है, कर्मचारी विरोधी है, शिक्षक विरोधी है। प्रमोशन के लंबित मांग पर अब तक आंखें मूंदे बैठी है। भाजपा सरकार पहले ही 10463 स्कूलों को बंद करके, स्कूलों में शिक्षको के न्यूनतम पदों में कटौती करके पूरी शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने पर तुली हुई है, अब तथाकथित युक्तियुक्तकरण में भेदभावपूर्ण प्रक्रिया अपनाकर दुर्भावना पूर्वक शिक्षकों को केवल प्रताड़ित कर रही है। सरकार पहले जिलावार अतिशेष शिक्षकों की सूची जारी करें, अतिशेष होने का आधार बताए, उन्हें दावा आपत्ति करने का अवसर दे, उसके बाद प्रक्रिया पूरी करें।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घेरा साय सरकार को
रायपुर / शौर्यपथ /
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ किसानों का प्रदेश है एक तरफ किसानों को रबी फसल की कीमत नही मिल रही हैं किसानों का फसल को नुकसान हुआ लेकिन अभी तक मुआवजा नही मिला है और साय सरकार ने समय में बिजली और पानी उपलब्ध नही कराया है। इस कारण किसानों को बहुत नुकसान हुआ है सरकार के द्वारा कोई सर्वे नही कराया गया है। मंडी बंद है धान की खरीदी नहीं हो रही है। इस साल किसान राईस मिलरों को 1400-1500 रुपये में क्विंटल की दर में धान बेचने को बाध्य हुये। किसान बरसात की फसल के लिये तैयारी कर रहे है लेकिन बीज और खाद की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके कारण किसानों को बहुत ही ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ेगा। नकली खाद मार्केट में आ गया है और किसान से जुड़े संगठन भी आंदोलन कर रहे है। कवर्धा में गन्ना उत्पादक किसानों को गन्ना की कीमत नही मिल रही है। पिछले समय 4 महीने गन्ना खरीदी होती थी पर इस साल सिर्फ 44 दिन खरीदी हुयी है और जो गन्ना की खरीदी हुयी उसका भी भुगतान नहीं हुआ है। साय सरकार किसान विरोधी सरकार है।
सुशासन त्यौहार चल रहा है आवेदन ले लिया है और पावती नहीं दिये है। मस्तूरी विधानसभा में आयोजित सुशासन तिहार में जनता ने पूर्व में दिये आवेदन के निराकरण की जानकारी मांगी तो अधिकारियों ने पावती मांगी, जबकि आवेदन लेते समय पावती नहीं दी गयी थी जिससे जनता आक्रोशित हुई अधिकारी भाग गये। दूसरी तरफ भाजपा के नेता वसूली करने में लगे हुये है। खदानों में अवैध खनन चल रहा है। कोयला, लोहा में कमीशनखोरी चल रहा है। अब तो विभागों में 30 प्रतिशत की कमीशन से काम हो रहा है। हद तो तब हो जाती जब मुख्यमंत्री के परिवार के लोग जाकर दारू और मुर्गा की मांग करते है नहीं देने वालों पर कार्यवाही हो जाती है। इससे निचले स्तर की बात नही हो सकती।
सरकार द्वारा नक्सली अभियान चलाया जा रहा सरकार को स्पष्ट करना चाहिये नक्सली कितने मारे गये और उसमे ग्रामीण तो मरे नही है। क्योकि पिछले समय ग्रामीणों की भी हत्या हो गयी थी। पिछले साल तेंदूपत्ता तोड़ने गये 3 ग्रामीणों को मार दिया गया था। सरकार के तरफ से उन लोगों को मुआवजा भी नहीं मिला। नक्सली मामले में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का अलग बयान आता है, यह स्थिति है सरकार की।
रमन सरकार के 15 साल में बहुत सारी शासकीय कार्यक्रम हुये है उनकी भी जांच होनी चाहिये। अभी साय सरकार के कार्यकाल की भी जांच होनी चाहिये। निगम मंडल अध्यक्ष के शपथ ग्रणह कार्यक्रम में लाखों खर्च हुये है उसकी भी जांच होनी चाहिये। भाजपा सरकार को भूपेश बघेल के हर फैसले का पलटना जरूरी लगता है। लेकिन अभी तक बिजली बिल हाफ योजना नहीं पलट पाये। हाट बाजार योजना नहीं पलट पाये 35 किलो हर परिवार की योजना नहीं पलट पाये। जब हमारी सरकार थी तब हमने तेंदूपत्ता 4000 रूपये में खरीदी की लेकिन इस सरकार में तेंदूपत्ता का पैसा नही दे पाये है। मनरेगा बंद है मजदूर काम मांग रहे है यहां के लोग सीमावर्ती राज्य में जाकर काम मांग रहे है सरकार को मनरेगा में काम देना चाहिये। छत्तीसगढ़ में पलायन शुरू हो गया है।
पहलगाम में 26 लोगों की मौत हो गयी थी सरकार ने सुरक्षा क्यों नही दिया और जब युद्ध हो रहा था तब ट्रंप बीच में आकर सीजफायर हमने कराया बोल रहे है और कश्मीर के बारे में बात किया जायेगा जबकि हमने अपने लोगों को खोया है सरकार को स्वतंत्र फैसला लेना चाहिये। सरकार को बताना चाहिये कि पुलवामा हमले में आरडीएक्स कहां से आया था। सरकार के पास कोई नीति नहीं है। अभी अघोषित आपातकाल लगा हुआ है सरकार से सवाल पूछने पर सीधे जेल में डाल देते है भारत प्रजातांत्रिक देश है सबको बोलने का पूरा अधिकार है।
झीरम और पहलगाम में जो समानता है कि दोनों जगह सुरक्षा नही था। झीरम घाटी में नाम पूछकर मारे और पहलगाम में धर्म पूछकर मारे। आज तक नक्सली और आतंकवाद हमले में ऐसा नहीं मिलेगा कि नाम और धर्म पूछकर मारा गया हो। झीरम मामले में हमने एसआईटी गठन किया गया था लेकिन एनआईए ने उसका विरोध किया था एफआईआर में नाम गायब हो जाते है सरकार में यह स्थिति है। भाजपा की केंद्र सरकार ने हमे जांच करने नहीं दिया।
जनता के आवेदनो को निरस्त करना निराकरण कैसे हो गया? : कांग्रेस
रायपुर/ शौर्यपथ /
सुशासन तिहार में मिले 40 लाख से अधिक आवेदनों में से 39 लाख से अधिक आवेदनों का निराकरण होने के दावा पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए जो आम जनता से 40 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें 10 लाख से अधिक आवेदन प्रधानमंत्री आवास की मांग, 2 लाख से अधिक आवेदन उज्जवला गैस योजना के लिए लगभग पौने दो लाख से अधिक आवेदन नया राशन कार्ड के लिए, 70000 से अधिक आवेदन सड़क पुल पुलिया निर्माण की मांग की एवं 25 लाख से अधिक आवेदन अन्य मांगों से जुड़ी हुई है। कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए की इतनी आवेदनों का निराकरण कैसे किये है? आवेदनों को निरस्त करना निराकरण कैसा हो गया?
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि 10 लाख प्रधानमंत्री आवास की मांग का आवेदन को निराकरण कर दिया गया है तो क्या प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्रदान कर दी है? या आवेदनों को भविष्य में पीएम आवास सूची बनने पर पात्र अपात्र आधार पर लाभ मिलने की जानकारी देकर सारे आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है? भाजपा ने वादा किया था सरकार बनने पर 500 रु में रसोई गैस सिलेंडर दिया जाएगा जबकि प्रदेश में ढाई लाख से अधिक उज्जवला गैस योजना देने की मांग आई है तो सरकार ने क्या 500 रु में रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा निभाते हुए नए कनेक्शन को मंजूरी दे दी है या केंद्र से पात्रता आधार पर मंजूरी मिलने की बात कह कर आवेदनों को निरस्त कर दिया है? 2 लाख से अधिक नया राशन कार्ड बनाने का मांग आया है तो क्या सभी को नया राशन कार्ड बना कर दे दिया गया है या पात्रता के अनुसार राशन कार्ड बनने की बात रहकर आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है?
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों को बजट के अनुरूप स्वीकृत करने की बात कही गई थी लेकिन जो दावा किया जा रहा है आवेदनों का निराकरण करने की उसकी बजट के कोई व्यवस्था नहीं है 10 लाख प्रधानमंत्री आवास एकमुश्त मिलना संभव ही नहीं है सरकार ने बजट में प्रधानमंत्री आवास के लिए कोई राशि अभी स्वीकृत नहीं की है पहले ही 18 लाख आवास स्वीकृत होने का दावा करके सरकार ने आवासहिनो के साथ जो भद्दा मजाक किया है डेढ़ साल में मात्र 6 प्रधानमंत्री आवास पूर्ण होने की जानकारी विधानसभा में दी गई है। ऐसे में सरकार का यह दावा सरासर खोखला साबित हो रहा है आवेदन कर्ताओं के साथ धोखा है सुशासन तिहार सिर्फ ढकोसला है किसी प्रकार से लाभ आवेदनकर्ताओं को नहीं मिल रहा है सरकार स्वीकृत आवेदनों की सूची को सार्वजनिक करें और आम जनता को धोखा देना बंद करें।
रायपुर / शौर्यपथ / बिलासपुर में बच्चों को जबरिया नमाज पढ़ाने की घटना की जांच होनी चाहिये। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह घटना गंभीर है प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब पर प्रहार करने का षडयंत्र प्रतीत हो रहा है। बिलासपुर में एनएसएस के गैर मुस्लिम छात्रों को जबरिया नमाज पढ़वाने की घटना न केवल गैरकानूनी है बल्कि असवैधानिक भी है। धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। छत्तीसगढ़ के शांत प्रदेश, जहां 95 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है वहां इस प्रकार की घटना राजनैतिक लाभ के लिए गंभीर षड्यंत्र का संदेह पैदा करती है। बिना सत्ता के संरक्षण के किसी इंस्ट्रक्टर के द्वारा ऐसा कृत्य करने की हिम्मत नहीं हो सकती। इस मामले में भाजपा की डबल इंजन की सरकार दोषी है। बिलासपुर की यूनिवर्सिटी केन्द्रीय यूनिवर्सिटी है। संचालन राज्य सरकार द्वारा हो रहा है, दोषी केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनों है। इसका जवाब राज्य, मोदी सरकार को देना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आरएसएस, बीजेपी का इतिहास रहा है कि ये अपने नफरती एजेंडे के लिए जमीन तैयार करवाने इस तरह की घटनाएं कारित करवाते हैं ताकि धार्मिक ध्रुवीकरण का अवसर मिले। इसी तरह से संघी भाजपाइयों का उन्मादी चरित्र कवर्धा बिरनपुर और नारायणपुर में भी उजागर हुआ था नारायणपुर में तो भाजपा के जिला अध्यक्ष एसपी पर पथराव करते पाए गए।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सांप्रदायिक फिजा को खराब किए जाने वाले हर षडयंत्र के निष्पक्ष जांच होना चाहिए। एनएसएस के उस कैंप में 159 छात्र थे जिसमें केवल 4 छात्र मुस्लिम थे। बिलासपुर में गैर मुस्लिम जबरिया नमाज पढाने की इस घटना का हाईकोर्ट के सिटिंग जज के निर्देशन में जांच किया जाए।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह विधेयक मुसलमानों के खिलाफ नहीं है।यह विधेयक मुसलमानों की सुरक्षा करता है।यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक विधेयक है।यह एक बड़ा सुधार है और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करेगा।एक ऐसी संस्था,जो अपारदर्शी,भ्रष्ट और जवाबदेही से दूर थी,उसे आखिरकार व्यवस्थित किया गया है।यह विधेयक लंबे समय से लंबित था।यह वास्तव में भारत और खासकर मुस्लिम समुदाय के लिए एक नया सवेरा लेकर आया है।वक्फ बिल में किए गए संशोधन सकारात्मक हैं और पारदर्शिता लाने के मकसद से किए गए हैं।यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर बनाने और दुरुपयोग को रोकने के लिए है।इस विधेयक का उद्देश्य देशभर में वक्फ बोर्डों के स्वामित्व वाली संपत्तियों को विनियमित करने वाले कानूनों में बड़े बदलाव लाना है।विपक्ष द्वारा लगातार ये नैरेटिव बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि ये बिल मुसलमान विरोधी है।ये बिल कहीं से मुसलमान विरोधी नहीं है।वक्फ कोई मुस्लिम संस्था नहीं है,वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं है,एक ट्रस्ट है,जो मुसलमानों के कल्याण के लिए काम करता है।उस ट्रस्ट को ये अधिकार होना चाहिए कि वो सभी वर्गों के लोगों के साथ न्याय करे जो नहीं हो रहा है।डॉ.प्रतीक उमरे ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में नहीं आती तो कई अन्य संपत्तियां भी गैर-अधिसूचित हो गई होतीं।आजादी के बाद 1954 में वक्फ एक्ट पहली बार बना।उस समय स्टेट वक्फ बोर्ड का भी प्रावधान किया गया था।उस वक्त से कई संशोधनों के बाद 1995 में वक्फ एक्ट बना।उस वक्त किसी ने नहीं कहा कि ये गैरसंवैधानिक है।जब सरकार उसी बिल को सुधारकर लाई हैं तो विपक्ष कहती है कि यह गैरसंवैधानिक है।धर्मनिरपेक्षता का चश्मा लंबे वक्त से भाजपा सरकार के फैसलों के खिलाफ पहनकर विपक्ष खुद को सेक्युलरिज्म का सियासी चैंपियन दिखाता रहा,लेकिन वक्फ विधेयक पारित कर मोदी सरकार ने साफ कर दिया है की सेक्युलरिज्म की वो परिभाषा नहीं चलेगी,जो विपक्ष चाहता आया है।
छत्तीसगढ़ में जनता टैक्स के बोझ और व्यापारी जीएसटी के भयादोहन से परेशान
रायपुर/ शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ जीएसटी वसूली में देश में नंबर आने के सरकार के दावे पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि विष्णुदेव साय सरकार कर वसूली के मामले में अंग्रेजों से भी बेरहम है। जन विरोधी भाजपा सरकारों का एक सूत्रीय नारा है की दैनिक उपभोग की वस्तुएं महंगी कर दो ज्यादा कीमत अर्थात उस पर ज्यादा टैक्स और सरकार को ज्यादा आमदनी। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद बेरोजगारी बढ़ी है आमदनी घटी है, आम जनता की क्रश क्षमता घटी है, ऐसे में जीएसटी कलेक्शन में 18 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आम जनता से बेरहमी से कर वसूल रही है। सरकार ने टैक्स वसूली के नाम पर व्यापारियों को परेशान किया, फाईन अर्थदंड ज्यादा वसूला, जबरिया छापेमारी कर व्यापारियों से भयादोहन किया गया। इसी से राज्य का जीएसटी कलेक्शन बढ़ गया। जिस बात के लिए भाजपा की सरकार को आम जनता से माफी मांगनी चाहिए उसे उपलब्धि बता कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि ओपी चौधरी के वित्त मंत्री बनने के बाद छत्तीसगढ़ के व्यवसायी भय और आतंक के माहौल में व्यवसाय करने मजबूर हैं। प्रदेश के राजस्व संग्रहण में प्रमुख योगदान देने वाले आम व्यापारीयों से साय सरकार चोर और डकैतों के समान व्यवहार कर रही है। केवल जीएसटी से इस लोभी सरकार का पेट नहीं भर रहा है, व्यापारियों के परिसर में अनावश्यक छापे डाले जा रहे हैं, अनुचित ब्याज और पेनाल्टी जबरिया वसूला जा रहा है, व्यापारियों के बीच भय का माहौल व्याप्त है। जीएसटी की इतनी बर्बतापूर्वक कार्यवाहियां पूरे देश में कहीं नहीं हो रही है, जितना बीजेपी सरकार आने के बाद से छत्तीसगढ़ में हो रही है। व्यापारियों के खिलाफ प्रशासनिक आतंक, दमन और अत्याचार के मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में पहले स्थान पर आ गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि साय सरकार की गलत औद्योगिक नीतियों के चलते प्रदेश में नए उद्योग तो लग नहीं पा रहे हैं बल्कि पूर्व से संचालित उद्योग भी लगातार बंद हो रहे हैं। घटते उत्पादन क्षमता के बावजूद जीएसटी संग्रहण में ऐतिहासिक वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि साय सरकार अत्यधिक टैक्स, अनुचित ब्याज और पेनाल्टी वसूल कर बचे खुचे उद्योग और व्यवसाय का भी कमर तोड़ रही है। भाजपा की सरकार आने के बाद उद्योगों को दी जाने वाली बिजली के दाम चार-चार बार बढ़ाए गए जिसके चलते बड़ी संख्या में स्पंज आयरन, रोलिंग मिल, राइस मिल सहित कृषि और वन आधारित उद्योग बंद हुए हैं, बड़ी संख्या में रोजगार घटे हैं, घरेलू बचत कम हुआ है, क्रय क्षमता घटी है उसके बावजूद आमजनता से जीएसटी की अधिक वसूली भाजपा सरकार के जन विरोधी चरित्र का प्रमाण है।
रायपुर / शौर्यपथ / कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के खिलाफ सीबीआई का एफआईआर भाजपा के डर को दिखाता है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूपेश बघेल से भाजपा का डर कोई नया नहीं है। ज़ब भूपेश बघेल पीसीसी अध्यक्ष थे तब रमन सरकार उनके पीछे राज्य की एजेंसियो को लगा कर रखी थी।
उनके पैतृक गांव में खेत को नापने रमन सरकार ने भरी बरसात में राजस्व का पूरा दल भेजा था तथा भिलाई स्थित उनके मकान को नापने के लिए दल भेजा। उनको, उनकी स्व माता जी, पत्नी को ई ओ डब्ल्यू में बैठाया।
उनके खिलाफ सीडी का झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा। सीडी मामले में उनके खिलाफ सीबीआई जांच करवाया जिसमें सीबीआई की अदालत ने डिस्चार्ज कर दिया। उनके पुत्र को आधारहीन मामले पूछताछ करने थाने बुलवाया। मुख्यमंत्री रहते बदनाम करने उनके सहयोगियों के खिलाफ ईडी सीबीआई की रेड मरवाया। एक ड्राइवर के कथित बयान के आधार पर उनके खिलाफ ईडी ने आधारहीन प्रेस नोट जारी कर महादेव एप्प मामले में झूठा आरोप लगाया। सरकार जाने पर ईओडब्ल्यू में झूठा मुकदमा दर्ज कराया। उसी के आधार पर अब सीबीआई से एफआईआर करवाया है। प्रदेश की जनता भाजपा के षडयंत्र को समझ रही है। आने वाले चुनाव में भाजपा के षडयंत्रो का जवाब जनता देगी।
भाजपा सरकार शराब की काली कमाई में डूब गई है : कांग्रेस
रायपुर/ शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार की नकली मिलावटी और अवैध शराब को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि बलरामपुर के सरकारी शराब दुकान में बियर के बोतल में गंदा पानी मिला, जगदलपुर में दर्जनों पेटी अवैध शराब मध्यप्रदेश से आए कई जिलों की सीमा पार कर अवैध शराब की निर्बाध सप्लाई बिना सत्ता के संरक्षण के संभव नहीं है। सरकारी शराब दुकानों में दो गल्ले चल रहे है। बलरामपुर के सरकारी शराब दुकान में जो बियर की बोतल में गंदा पानी निकल रहा है और ऐसे मिलावटी शराब से जो वसूली हो रही है उसका पैसा किस गल्ले में जा रहा है? नकली और मिलावटी शराब का सरगना कौन है? शराब की काली कमाई में किस-किस की हिस्सेदारी है, छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि साय सरकार के द्वारा लगातार शराबखोरी को संरक्षण देने वाले निर्णयों से प्रमाणित है कि भाजपा का शराबबंदी के लिए प्रदर्शन केवल राजनैतिक पाखंड था। साय सरकार का शराब प्रेम मनपसंद ऐप और 67 नई शराब दुकान खोलने के निर्णय से स्पष्ट है। भाजपा नेताओं का फोकस केवल कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में है और इसके लिए प्रदेश की नशे में डुबोने का षडयंत्र रचा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने है कहा कि शराबबंदी को लेकर पांच सालों तक हल्ला मचाने वाले भाजपाई बताये शराबबंदी कब होगी? भाजपा के हर छोटे-बड़े नेता ने जनता के बीच घूम-घूम कर शराबबंदी के लिए बढ़-चढ़कर बातें किया था। सरकार में आने के बाद सरकार और भाजपाईयों दोनों के जुबान पर ताला लग गया है।