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रायपुर / शौर्यपथ / क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी पर तीन प्रतिशत कमीशन मांगने और ठेकेदारों को धमकाने के आरोपों के बाद अब इस प्रकरण में सियासी तापमान और बढ़ गया है। जहां एक ओर कांग्रेस ने खंडन पत्रों को दबाव और डर के तहत कराया गया बताया है, वहीं भाजपा खामोश नजर आ रही है। कांग्रेस ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए भूपेंद्र सवन्नी को तत्काल पद से हटाने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने आज मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, "यह पहला मौका है जब किसी शिकायत की जांच नहीं की जा रही, बल्कि खंडन करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री को भेजी गई ठेकेदारों की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने स्वयं इस पर पत्र जारी कर पूरी जानकारी मांगी थी। बावजूद इसके, अब जो खंडन सामने आ रहे हैं, वो शिकायतकर्ताओं से नहीं, बल्कि अन्य ठेकेदारों से करवाए जा रहे हैं, जोकि बेहद गंभीर मामला है।"
धनंजय ठाकुर ने सीधे तौर पर भूपेंद्र सवन्नी पर आरोप लगाया कि उन्होंने शिकायतकर्ताओं को धमका कर, दबाव बना कर खंडन के लिए विवश किया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यही तरीका अगर मुख्यमंत्री तक की गई शिकायतों के साथ अपनाया जा रहा है, तो आम नागरिकों को न्याय की उम्मीद कैसे होगी?
"क्या भूपेंद्र सवन्नी मुख्यमंत्री से भी ऊपर हैं, जो जांच के आदेश के बाद भी वह ठेकेदारों को धमका रहे हैं? क्या भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है?" – धनंजय ठाकुर
? पृष्ठभूमि में क्या है मामला?
इस पूरे विवाद की शुरुआत भूपेंद्र सवन्नी के खिलाफ ठेकेदारों की ओर से मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत के सोशल मिडिया में उजागर होने के बाद राजनैतिक रंग चढ़ा । शिकायत में आरोप था कि क्रेडा में कार्य कराने वाले ठेकेदारों से भूपेंद्र सवन्नी तीन प्रतिशत कमीशन मांगते हैं और मना करने पर काम में अड़चन डालने की धमकी देते हैं।
शिकायत पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने विभागीय स्तर पर संज्ञान लेते हुए क्रेडा से विवरण मांगा था, लेकिन इसके तुरंत बाद ही कुछ ठेकेदारों के नाम से खंडन पत्र सामने आने लगे, जिनमें आरोपों को निराधार बताया गया।
हालांकि, अब कांग्रेस का दावा है कि जो खंडन दिए जा रहे हैं, वे उन्हीं ठेकेदारों से नहीं हैं जिन्होंने शिकायत की थी। कांग्रेस इसे भाजपा द्वारा प्रशासनिक दबाव और राजनीतिक संरक्षण के तहत कराया गया ‘खंडन प्रबंधन’ बता रही है।
? कांग्रेस ने क्या मांग की है?
कांग्रेस की मांग है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच हो। जब तक जांच पूरी न हो, भूपेंद्र सवन्नी को उनके पद से हटाया जाए। जिन ठेकेदारों ने शिकायत की है, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
धनंजय सिंह ठाकुर ने आगे कहा, “भाजपा की सरकार में सुशासन की बात बेमानी हो चुकी है। जब मुख्यमंत्री तक की गई शिकायतों को दबाया जा रहा है तो यह संकेत है कि प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं खतरे में हैं। गुंडागर्दी की ये राजनीति अब उजागर हो रही है।”
तीन दिन में पूरी भर्ती प्रक्रिया, ढाई से तीन लाख रुपये में बेचे गए पद, कांग्रेस ने की परीक्षा रद्द करने की मांग
रायपुर, 29 जुलाई 2025।
समग्र शिक्षा विभाग में ठेका कंपनियों के माध्यम से हुई भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने इसे प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ "संस्थागत छल" बताया है। उन्होंने दावा किया कि भर्ती प्रक्रिया में गहरी अनियमितता, लेनदेन और पूर्व-निर्धारित चयन सूची जैसी तमाम खामियां उजागर हो चुकी हैं।
धनंजय सिंह ठाकुर ने प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि—
"ठेका कंपनियों ने युवाओं को नियुक्ति देने के नाम पर ढाई से तीन लाख रुपये वसूले। जिन युवाओं को चयनित करना था, उनसे पहले ही ₹10 के स्टांप में ‘लेनदेन नहीं करने’ का शपथ पत्र भरवाया गया, जो इस बात का साक्ष्य है कि सब कुछ पहले से तय था।"
उन्होंने कहा कि इस भर्ती में कोविडकाल में सेवा दे चुके उम्मीदवारों को 10% बोनस अंक देने का वादा किया गया था, लेकिन इसे दरकिनार कर दिया गया। इस तरह हजारों योग्य और अनुभवधारी उम्मीदवारों को बाहर कर दिया गया।
भर्ती में "तीन दिवसीय चमत्कार"
ठेका कंपनियों की कार्यप्रणाली पर तंज कसते हुए ठाकुर ने कहा—
"जेम पोर्टल से टेंडर लेकर ठेका कंपनियों ने महज तीन दिन में आवेदन, स्क्रूटिनी, परीक्षा, 35,000 से अधिक पेपरों की जांच, इंटरव्यू और रिजल्ट जारी कर दिया। ये पूरी प्रक्रिया शोध का विषय है या किसी साज़िश का पर्दाफाश?"
क्या कहते हैं अभ्यर्थी?
कई अभ्यर्थियों ने कांग्रेस के पास पहुंचकर आरोप लगाया कि—
आवेदन करने से पहले ही चयन की जानकारी संबंधित उम्मीदवारों को थी।
ठेका कंपनी ने भर्ती के लिए साइट चालू और बंद होने का समय भी "अपने लोगों" को पहले से बता दिया।
इंटरव्यू तक फिक्स कर लिए गए थे, जिनमें नियुक्ति पाने वाले लोग पहले से चयनित सूची में थे।
जो चयनित नहीं हुए, उनसे या तो मोटी रकम मांगी गई या प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।
कांग्रेस की मांगें
धनंजय ठाकुर ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की कि—
समग्र शिक्षा विभाग की इस पूरी भर्ती प्रक्रिया को तत्काल निरस्त किया जाए।
संबंधित ठेका कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाए।
एफआईआर दर्ज कर जांच करवाई जाए कि किसके इशारे पर इतनी बड़ी भर्ती "सेटिंग" के आधार पर की गई।
भविष्य की सभी संविदा भर्तियों में पारदर्शिता के लिए सीधा सरकारी पर्यवेक्षण हो और परीक्षा एजेंसियों का चयन स्वतंत्र संस्थाओं से हो।
राजनीतिक संदेश स्पष्ट
यह मुद्दा महज भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा नहीं है बल्कि आने वाले चुनावों से पहले युवाओं की नाराजगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ राजनीतिक संघर्ष का आधार बन सकता है। कांग्रेस इसे एक "युवाओं के साथ विश्वासघात" के रूप में पेश कर रही है, जो भाजपा सरकार के लिए एक संवेदनशील और संभावित संकट का विषय बन सकता है।
रायपुर, 29 जुलाई 2025 | विशेष संवाददाता
छत्तीसगढ़ भाजपा के युवा नेता एवं केड्रा इकाई रायपुर के नव नियुक्त अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी इन दिनों गंभीर आरोपों के घेरे में हैं। ऊर्जा विभाग से संबंधित एक कार्य में निजी ईकाइयों से 3% कमीशन की मांग और न देने पर धमकी देने की शिकायत मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुँच चुकी है। इस पत्र की प्रति सार्वजनिक होने के बाद मामला गरमा गया है और अब यह एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है।
शिकायत और मुख्यमंत्री सचिवालय की कार्रवाई
दिनांक 20 जून 2025 को रायपुर की एक ईकाई द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में यह आरोप लगाया गया कि भूपेंद्र सवन्नी ऊर्जा विभाग के तहत नए सिस्टम निर्माण संबंधी कार्यों के लिए ठेकेदारों और ईकाइयों से 3% की कथित मांग कर रहे हैं। शिकायत में कहा गया है कि जो ईकाइयाँ यह "हिस्सा" देने से इनकार करती हैं, उन्हें धमकाया जाता है और उनके कार्य रोके जाते हैं।
इस पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने त्वरित संज्ञान लेते हुए ऊर्जा विभाग को पत्राचार भेजकर पूरे प्रकरण की जनहित में वेब पोर्टल पर अपलोडिंग सहित नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अवर सचिव अरविंद कुमार खोपड़े द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि मामला गंभीर है और इसकी पड़ताल आवश्यक है।
प्रदेश कांग्रेस ने बनाया बड़ा राजनीतिक हथियार
शिकायत पत्र के सार्वजनिक होते ही यह मुद्दा प्रदेश कांग्रेस के लिए बैठे-बैठाए एक बड़ा राजनीतिक हथियार बन गया है। कांग्रेस नेताओं द्वारा इसे सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर तेजी से साझा किया जा रहा है।
ट्विटर (एक्स), फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे मंचों पर कांग्रेस प्रवक्ताओं और नेताओं ने भूपेंद्र सवन्नी को ‘भ्रष्टाचार का प्रतीक’ बताते हुए भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। कई वरिष्ठ नेताओं ने मांग की है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो और दोषी को पार्टी से निष्कासित किया जाए।
कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि “यह मामला भाजपा के युवाओं में फैलते सत्ता-प्रदत्त भ्रष्टाचार का प्रमाण है। जब युवा नेतृत्व ही भ्रष्टाचार में लिप्त होगा तो राज्य की राजनीतिक संस्कृति का क्या होगा?”
भूपेंद्र सवन्नी और पूर्व विवाद
भूपेंद्र सवन्नी पर यह कोई पहला आरोप नहीं है। पूर्व में भी मंडल एवं अन्य शासकीय कार्यों में हस्तक्षेप, नियुक्तियों में मनमानी और अधिकारियों पर दबाव डालने जैसे आरोप उन पर लग चुके हैं। हालांकि, इस बार मामला दस्तावेजी प्रमाणों के साथ सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुँच चुका है, जिससे इसकी संवेदनशीलता और भी बढ़ गई है।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला अब केवल प्रशासनिक जांच का नहीं, बल्कि राजनीतिक रणनीति और साख का मुद्दा बन गया है। भाजपा को जहाँ आंतरिक स्तर पर इस पर संज्ञान लेना होगा, वहीं कांग्रेस इस पूरे प्रकरण को आगामी नगर निकाय और पंचायत चुनावों से पहले एक नैतिक मुद्दा बनाकर जनता के बीच ले जाने की तैयारी में है।
निष्कर्ष
भूपेंद्र सवन्नी के खिलाफ लगे आरोपों ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। एक ओर भाजपा के लिए यह नेतृत्व की जवाबदेही का सवाल है, वहीं कांग्रेस इसे भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनजागरण का अवसर मान रही है। अगर जांच निष्पक्ष होती है, तो यह पूरे राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है।
(यह रिपोर्ट तीन आधिकारिक पत्रों एवं सोशल मीडिया पर जारी प्रतिक्रियाओं के विश्लेषण पर आधारित है। संबंधित पक्षों से सफाई या प्रतिक्रिया प्राप्त होने पर उसे आगामी संस्करण में प्रकाशित किया जाएगा।)
दुर्ग | शौर्यपथ संवाददाता
दुर्ग जिले में स्वास्थ्य विभाग में फैली अनियमितताओं और लापरवाहियों के खिलाफ कांग्रेस ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। 16 जुलाई को कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय का घेराव करते हुए गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज़ बुलंद की। इसके अगले ही दिन, 17 जुलाई को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधीश को विस्तृत ज्ञापन सौंपा और व्यवस्था में सुधार की ठोस मांगें रखीं।
प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल, नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय कोहले और छाया महापौर प्रेमलता साहू ने किया। ज्ञापन में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति, संविदा कर्मचारियों के वेतन में कटौती, मातृ-शिशु अस्पताल में टीकाकरण व्यवस्था की लचर दशा, हमर क्लिनिक में डॉक्टरों की कमी और भवन नियमितीकरण में हो रही देरी जैसे गंभीर मुद्दों को रेखांकित किया गया। इसके अतिरिक्त जिला अस्पताल में कैजुअल्टी नंबर को पुनः प्रारंभ करने की भी मांग की गई जिससे आम जनता को सुविधा मिल सके।
इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व सभापति राजेश यादव, पार्षद दीपक साहू, भास्कर कुंडले, ज्ञानदास बंजारे, पूर्व पार्षद भोला महोबिया, दुष्यंत देवांगन, विजय चंद्राकर, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष आयुष शर्मा, प्रदेश संयोजक चिराग शर्मा, निकिता मिलिंद, हेमा साहू, आनंद कपूर ताम्रकार, शिशिरकांत कसार, अमोल जैन, यश बाकलीवाल सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल इन दिनों लगातार सरकार की असफलताओं और प्रशासनिक लापरवाहियों के खिलाफ मुखर होकर जनहित के मुद्दों पर संघर्ष कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता संगठित होकर लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे कार्यकर्ताओं में नया जोश और ऊर्जा देखने को मिल रही है।
दुर्ग कांग्रेस की इस सक्रियता ने न केवल प्रशासन को जवाबदेह बनाने की दिशा में दबाव बनाया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि विपक्ष जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर है और किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करने वाला।
रायपुर / शौर्यपथ /
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था और दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि सरकार न तो बिजली दे पा रही है और न ही जनता को राहत। ऊपर से लगातार बिजली दरों में बढ़ोत्तरी कर आम जनता पर बोझ डाला जा रहा है।
श्री शुक्ला ने कहा—
बिजली दरों में फिर बढ़ोत्तरी:
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 से 20 पैसे और गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। इससे पहले भी सरकार ने 11% की वृद्धि की थी। डेढ़ साल में कुल 19.31% बिजली दरें बढ़ाई जा चुकी हैं।
महंगाई की मार झेल रही जनता पर अत्याचार:
श्री शुक्ला ने कहा कि महंगाई की मार झेल रही जनता पर यह बिजली दरों की बढ़ोत्तरी "जख्मों पर नमक" छिड़कने जैसा है। लोगों के बिजली बिल दोगुने आ रहे हैं और आम आदमी परेशान है।
स्मार्ट मीटर से बढ़ा संकट:
स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिलों में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। कांग्रेस ने इसका विरोध किया है।
‘बिजली बिल हाफ’ योजना को बताया जनहितकारी:
कांग्रेस सरकार की ‘बिजली बिल हाफ’ योजना से 44 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिला था और 5 वर्षों में प्रत्येक को औसतन 40–50 हजार रुपये की बचत हुई थी।
अब बिजली कटौती आम बात:
पहले विद्युत सरप्लस राज्य रहा छत्तीसगढ़ अब बिजली कटौती का केंद्र बन गया है। हर दिन 2–4 घंटे की बिजली बंद रहती है, और कई जिलों में पूरी रात बिजली नहीं रहती।
गांव-शहर सभी प्रभावित:
बिजली कटौती और लो-वोल्टेज की समस्या से गांव और शहर दोनों जूझ रहे हैं। गर्मियों में स्थिति और खराब हो जाती है।
कांग्रेस सरकार में 24 घंटे आपूर्ति:
कांग्रेस सरकार के दौरान आवश्यकता पड़ने पर दूसरे राज्यों से भी बिजली खरीदी जाती थी ताकि 24 घंटे बिजली सुनिश्चित की जा सके। किसानों को बोरवेल चलाने के लिए मुफ्त बिजली दी जाती थी।
ट्रांसफार्मर और ट्रांसमिशन सुधार:
कांग्रेस कार्यकाल में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई गई थी और ट्रांसमिशन व्यवस्था को भी अपग्रेड किया गया था।
शुक्ला ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सिर्फ वादे और प्रचार से सरकार नहीं चलती, धरातल पर काम दिखना चाहिए। बिजली जैसी बुनियादी सुविधा देने में सरकार पूरी तरह विफल है।
दुर्ग/शौर्यपथ/ दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की शहरी सरकार को अस्तित्व में आए लगभग चार महीने हो चुके हैं। इस अवधि में शहर में विकास कार्यों की सुस्त गति, अव्यवस्थाओं की बढ़ती भरमार और आम नागरिकों की लगातार हो रही परेशानियों को लेकर असंतोष गहराता जा रहा है।
शहर के कई वार्डों में अतिक्रमण की समस्याएं, सफाई व्यवस्था की बदहाली, जलनिकासी की कमी, सड़क मरम्मत जैसे मुद्दे गंभीर रूप से उभरकर सामने आए हैं। नागरिक मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इन्हीं जनमुद्दों को लेकर दुर्ग कांग्रेस द्वारा कल दोपहर 12 बजे कलेक्टर दुर्ग अभिजीत सिंह को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें शहर की जनता की समस्याओं एवं उनकी अपेक्षाओं को प्रशासन के संज्ञान में लाया जाएगा।
कांग्रेस पदाधिकारियों के अनुसार, यह पहल दुर्ग शहर की जनता की आवाज़ को सशक्त रूप से उठाने और उनके हितों की रक्षा करने के विश्वास के साथ की जा रही है। उनका मानना है कि शहर के नागरिकों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना शासन और प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है, जिसे लेकर अब गंभीर और प्रभावी प्रयासों की आवश्यकता है। ज्ञापन के माध्यम से शासन-प्रशासन को यह स्पष्ट संदेश देने का प्रयास होगा कि दुर्ग शहर की जनता सजग है, और उसकी समस्याओं की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
? तारीख: 09/07/2025
? समय: दोपहर 12:00 बजे
? स्थान: कलेक्टर परिसर, दुर्ग
✍️ रिपोर्ट: शरद पंसारी
दुर्ग। शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट।
भारतीय जनता पार्टी, दुर्ग का जिला संगठन अब पहले जैसा नहीं रहा। कभी अंदरूनी खींचतान, निष्क्रियता और गुटबाजी से जूझता यह संगठन आज पूरी ऊर्जा, समन्वय और अनुशासन के साथ अपने चरम पर है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण 30 जून को दुर्ग जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक के जन्मदिन पर देखने को मिला, जब हजारों कार्यकर्ताओं और नागरिकों की भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि भाजपा अब "व्यक्ति केंद्रित नहीं", संगठन आधारित पार्टी बन चुकी है।
भाजपा का अतीत: जब संगठन बिखराव का शिकार था
भाजपा दुर्ग संगठन की यदि अतीत की बात करें, तो एक समय ऐसा भी था जब कार्यकर्ताओं में संवादहीनता, और वरिष्ठ नेताओं में आपसी मतभेद आम बात हो चुकी थी। पार्टी के कार्यक्रम औपचारिकता मात्र बन चुके थे। संगठन का नाम केवल कागजों पर था और चुनाव के समय ही सक्रियता दिखाई देती थी।
2018 के बाद जब राज्य में भाजपा ने सत्ता गंवाई, तब दुर्ग जिले में कार्यकर्ताओं में निराशा और नेतृत्व में दिशाहीनता नजर आई। यह दौर ऐसा था जब भाजपा संगठन "कठपुतली मात्र" कहा जाने लगा था।
परिवर्तन की शुरुआत: नेतृत्व की नई सोच
संगठन में नई जान फूंकी तात्कालिक जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने। उनके नेतृत्व में संगठन की आधारशिला को पुनः सशक्त किया गया। जमीनी कार्यकर्ता, बूथ स्तर की सक्रियता, और सांगठनिक ढांचे की मजबूती पर विशेष बल दिया गया। इसी कड़ी में सुरेंद्र कौशिक जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं को अग्रिम पंक्ति में लाया गया, जिन्होंने हर वर्ग को साथ लेकर संगठन में नई चेतना का संचार किया।
सुरेंद्र कौशिक: कर्मठ नेतृत्व का प्रतीक
आज जब सुरेंद्र कौशिक भाजपा दुर्ग के जिला अध्यक्ष हैं, तो वे केवल एक नाम नहीं बल्कि संगठन के जीवंत चेहरे के रूप में देखे जा रहे हैं। जन्मदिन के दिन उन्होंने मां चंडी मंदिर में पूजा-अर्चना, फिर "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत पौधरोपण किया, और दिनभर आमजन से मिलकर जनसंपर्क भी किया। यह जनसंपर्क केवल औपचारिकता नहीं बल्कि प्रशासन, समाज और कार्यकर्ता के बीच पुल बनाने का संदेश था।
जन्मदिन पर दिखी राजनीतिक चेतना
बाफना मंगलम में आयोजित कार्यक्रम में हजारों की भीड़, शहर भर में पोस्टर-बैनर, सोशल मीडिया पर शुभकामनाओं की बाढ़ — यह सब किसी व्यक्ति की लोकप्रियता से अधिक संगठन की स्वीकार्यता को दर्शाता है। कांग्रेस जहां अब भी व्यक्ति विशेष के भरोसे चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश करती है, वहीं भाजपा संगठन का हर कार्यकर्ता एक सिपाही की भांति एकजुट दिख रहा है।
भाजपा की नई कार्यशैली: अनुशासन, विस्तार और भागीदारी
वर्तमान भाजपा संगठन की कार्यशैली पहले से बिलकुल अलग है। बूथ स्तर पर संपर्क अभियान, नियमित संगठनात्मक बैठकें, युवाओं को जोड़ने की रणनीति, महिला मोर्चा और किसान मोर्चा की गतिविधियों का विस्तार — ये सब संगठन के जीवंत होने के प्रमाण हैं।
कांग्रेस के लिए चेतावनी का संकेत
अगर कांग्रेस अभी भी नेता केंद्रित रणनीति में उलझी रही, और जमीनी कार्यकर्ता को सम्मान नहीं दिया, तो भाजपा की यह संगठनात्मक मजबूती 2028 तक के चुनाव में कांग्रेस को और भी पीछे छोड़ सकती है। कांग्रेस का संगठन अब भी स्थानीय स्तर पर निष्क्रिय दिखता है, आज भले ही भाजपा के चुने कई जनप्रतिनिधियों की लोकप्रियता काफी गिर चुकी है और लगातार उनकी निष्क्रियता और चाटुकारों से घिरे रहने के बावजूद समर्पित कार्यकर्ताओ की उम्मीद की आस संगठन है ऐसे में भाजपा का हर छोटा-बड़ा कार्यकर्ता आज खुद को संगठन के नेतृत्व का भागीदार मानता है।
शौर्यपथ समाचार पत्र परिवार भारतीय जनता पार्टी के दुर्ग जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक को जन्मदिन की हार्दिक बधाई प्रेषित करता है, और आशा करता है कि संगठन की यह ऊर्जा, दिशा और दृष्टि भाजपा को आने वाले समय में और अधिक मजबूत बनाएगी।
रायपुर/ शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने छत्तीसगढ़ सरकार की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए तीखा हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति ज़ारी करते हुए कहा कि रायपुर जिले और नगर निगम क्षेत्र के स्कूलों में व्याख्याताओं के 250 से अधिक पद रिक्त हैं, इसके बावजूद स्थानीय शिक्षकों को जबरिया दूसरे जिलों में भेजा जा रहा है। उन्होंने इस प्रक्रिया को शिक्षकों के खिलाफ षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि यह एक प्रकार का "शासकीय अन्याय" है।
वर्मा ने आरोप लगाया कि काउंसलिंग प्रक्रिया में रायपुर और आसपास के स्कूलों की रिक्तियों को जानबूझकर छुपाया जा रहा है ताकि शिक्षकों को विकल्प न मिल सके और उन्हें जबरदस्ती अन्य जिलों में भेजा जा सके। “ये शिक्षक हैं, अपराधी नहीं। लेकिन सरकार उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है,” उन्होंने कहा।
कांग्रेस प्रवक्ता ने सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाए और कहा कि शिक्षा विभाग में एक संगठित लूट का गिरोह काम कर रहा है। नियम केवल दिखावे के लिए हैं, जिनका पालन खुद विभागीय अधिकारी नहीं करते। वरिष्ठता और कनिष्ठता के नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।
वर्मा ने मांग की है कि अतिशेष शिक्षकों और स्कूलों की जिलेवार सूची, विषयवार और वरिष्ठता क्रम के अनुसार तुरंत सार्वजनिक की जाए। उन्होंने कहा कि चक्रीय क्रम और संकायवार पदस्थापना के नियमों को सरकार अपनी सुविधानुसार परिभाषित कर शिक्षकों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि “काउंसलिंग और कमेटियां केवल औपचारिकता भर हैं, न तो शिक्षकों की बात सुनी जा रही है और न ही उनकी समस्याओं का समाधान हो रहा है।”
शिक्षकों के खिलाफ हो रहे अन्याय की गूंज अब अदालतों तक पहुँच चुकी है। वर्मा ने बताया कि युक्तियुक्तकरण के विरुद्ध सैकड़ों याचिकाएं उच्च न्यायालय में लंबित हैं, जिस पर अदालत ने विभाग से जवाब भी मांगा है, लेकिन सरकार राहत के बजाय टालमटोल और शिक्षकों में भय का वातावरण बना रही है।
उन्होंने यह भी पूछा कि जब नगर निगम के स्कूल शिक्षा विभाग में मर्ज हो चुके हैं और उनका वेतन भी शिक्षा विभाग से ही दिया जा रहा है, तो फिर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में उन्हें शामिल क्यों नहीं किया गया?
रायपुर में भाजपा की अहम बैठक में बनी रूपरेखा, कांग्रेस के लोकतंत्र विरोधी कृत्यों को उजागर करेगी पार्टी
रायपुर/शौर्यपथ विशेष संवाददाता
भारतीय लोकतंत्र के सबसे काले अध्याय — आपातकाल की 50वीं बरसी पर छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी राज्यभर में संगठित, चरणबद्ध और जागरूकता से परिपूर्ण कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित करेगी। इस संबंध में 19 जून 2025 को रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक आयोजित हुई, जिसमें आगामी दिनों में पार्टी द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई।
आपातकाल पर होगा विचार, विरोध और विवेचना का समन्वित आयोजन
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 25 जून को आपातकाल की 50वीं बरसी को छत्तीसगढ़ भाजपा "लोकतंत्र बचाओ दिवस" के रूप में मनाएगी।प्रदेशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस,विचार गोष्ठियाँ,प्रदर्शन,और युवाओं के बीच संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल थोपे जाने के ऐतिहासिक सच को सामने लाया जाएगा।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी की सत्ता लालसा ने देश को अंधकार में ढकेल दिया था। लाखों निर्दोष नागरिकों को मीसा और डीआईआर जैसे काले कानूनों के तहत बिना मुकदमे जेलों में ठूंस दिया गया था, पत्रकारिता का गला घोंटा गया था और लोकतंत्र का अपमान हुआ था। आज की नई पीढ़ी को इस काले इतिहास से अवगत कराना भाजपा की वैचारिक जिम्मेदारी है।
बैठक में शामिल हुए ये प्रमुख नेता
बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल, प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, सांसद संतोष पांडे, सभी कैबिनेट मंत्री, विधायकगण और प्रदेश महामंत्रीगण समेत संगठन के विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित रहे।
इन आयोजनों पर भी बनी रूपरेखा
बैठक में 25 जून के अलावा 21 जून को योग दिवस और 23 जून को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस के आयोजन पर भी चर्चा की गई। योग दिवस पर भाजपा नेता प्रदेशभर के तीर्थ, पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों पर उपस्थित रहेंगे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस पर कश्मीर के एक देश, एक निशान, एक विधान के आंदोलन को याद करते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
"संकल्प से सिद्धि – 11 साल बेमिसाल" अभियान की समीक्षा
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु चलाए जा रहे "संकल्प से सिद्धि – 11 साल बेमिसाल" अभियान की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
घर-घर संपर्क,व्यावसायिक बैठकों,गोष्ठियों और प्रदर्शनियों के माध्यम से सुशासन, सेवा और गरीब कल्याण की योजनाओं को जनता तक पहुँचाया जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव का वक्तव्य
पत्रकारों से चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा:"बैठक में यह सुनिश्चित किया गया है कि पार्टी के हर कार्यक्रम में विधायकों, कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों की सहभागिता हो। लोकतंत्र की रक्षा और संविधान के सम्मान की भावना को लेकर हम पूरे राज्य में जनजागरण करेंगे।"