भिलाई / शौर्यपथ / जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर रविवार, 7 सितंबर की शाम सैय्यदी सुन्नी जामा मस्जिद मजार कमेटी भिलाई-तीन में भव्य सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं, समाजसेवियों, पत्रकारों और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं को सम्मानित किया गया।
इससे पहले कमेटी द्वारा स्वास्थ्य शिविर और रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया था। दरगाह शरीफ परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में पैगम्बर हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम की आमद की महत्ता और उनकी शिक्षाओं पर अतिथियों ने विचार रखे।
कमेटी के अध्यक्ष रुस्तम खान ने स्वागत भाषण में आयोजन की महत्ता बताई। विशिष्ट अतिथि थाना प्रभारी अंबर सिंह राजपूत ने उभरती प्रतिभाओं की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सम्मान समारोह समाज में एकता और बेहतर भविष्य की ओर प्रेरित करते हैं। समाजसेवी सुजीत बघेल ने इसे सराहनीय पहल बताया और कहा कि दरगाह परिसर कौमी एकता का जीवंत उदाहरण है।
इमाम हाफिज अकील ने पैगम्बर की शिक्षाओं को इंसानियत और अल्लाह तक पहुँचने का सच्चा मार्ग बताया। वहीं बीईटीओ सैय्यद असलम ने कहा कि नबी की पाकीजा जिंदगी अपनाने से दुनिया में इंसाफ, भाईचारा और औरतों को सम्मान मिला।
इस अवसर पर एमबीबीएस में चयनित जोया खान और नजब तबस्सुम, इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में चयनित रुहमैशा अहमद और कक्षा 10वीं में 90% अंक प्राप्त करने वाली रेहाबा को सम्मानित किया गया तथा नगद प्रोत्साहन राशि दी गई।
इसी प्रकार पत्रकारिता, समाजसेवा और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले जमील खान, हरगोविंद सिंह, डॉ. नौशाद सिद्दीकी, मोहम्मद फारुक, कदीर रजा, नातखां हाफिज नसीम खान, डॉ. असलम, मनीष चंद्राकर और मुहम्मद जाकिर हुसैन को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन हमीद अहमद शाह ने किया। आयोजन में महासचिव नसीम खान, रईस अहमद, तौहीद खान, मोहम्मद आरिफ, अबुल हसन, जफर अब्बास, लतीफ सहित बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग उपस्थित थे।
यह आयोजन केवल सम्मान समारोह नहीं बल्कि कौमी एकता, सामाजिक सौहार्द और इंसानियत का संदेश देने वाला कार्यक्रम साबित हुआ।